आगरा: महाशिवरात्रि के बाद से लगातार गर्मी बढ़ रही है. बुधवार को ताजनगरी का मौसम अचानक बदल गया. सुबह भले ही तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेड पार कर गया लेकिन दोपहर बाद मौसम में अचानक बदलाव आया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगरा में आगामी 19 मार्च के बाद बारिश हो सकती है. इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
तापमान में आएगी कमी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 19 मार्च को आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी या बारिश हो सकती है. 20 मार्च को मौसम साफ रहेगा और तेज धूप निकलेगी. 21 और 22 मार्च को भी मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा, लेकिन 23 मार्च को एक बार फिर से मौसम बदल सकता है. आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी के भी आसार हैं. दिन और रात के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी कमी आएगी.
सरसों की फसल में नुकसान की आशंका
जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश का कहना है कि मौसम में आए बदलाव से सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसल को हो सकता है. क्योंकि 25% से ज्यादा सरसों की फसल कट चुकी है. सरसों खेतों में पड़ी हुई है. बाकी की 75 प्रतिशत फसल पकने वाली है. बारिश या बूंदाबांदी के साथ तेज हवा चलने पर सरसों की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.
आगरा में बदला मौसम का मिजाज, 19 मार्च को बारिश की संभावना
आगरा में बुधवार को मौसम में काफी बदलाव देखने को मिला. यहां सुबह का तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेड पार कर गया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगरा में आगामी 19 मार्च के बाद बारिश हो सकती है.
आगरा: महाशिवरात्रि के बाद से लगातार गर्मी बढ़ रही है. बुधवार को ताजनगरी का मौसम अचानक बदल गया. सुबह भले ही तापमान 18 डिग्री सेंटीग्रेड पार कर गया लेकिन दोपहर बाद मौसम में अचानक बदलाव आया. मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगरा में आगामी 19 मार्च के बाद बारिश हो सकती है. इससे किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.
तापमान में आएगी कमी
मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक, 19 मार्च को आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी या बारिश हो सकती है. 20 मार्च को मौसम साफ रहेगा और तेज धूप निकलेगी. 21 और 22 मार्च को भी मौसम में ज्यादा बदलाव नहीं आएगा, लेकिन 23 मार्च को एक बार फिर से मौसम बदल सकता है. आसमान में बादल छाने के साथ ही बूंदाबांदी के भी आसार हैं. दिन और रात के न्यूनतम और अधिकतम तापमान में भी कमी आएगी.
सरसों की फसल में नुकसान की आशंका
जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश का कहना है कि मौसम में आए बदलाव से सबसे ज्यादा नुकसान सरसों की फसल को हो सकता है. क्योंकि 25% से ज्यादा सरसों की फसल कट चुकी है. सरसों खेतों में पड़ी हुई है. बाकी की 75 प्रतिशत फसल पकने वाली है. बारिश या बूंदाबांदी के साथ तेज हवा चलने पर सरसों की पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा.