आगरा: 15 अगस्त 2021 को देश स्वतंत्रता दिवस की 75वीं वर्षगांठ मनाएगा, लेकिन उससे पूर्व पूरे देशभर में 'आजादी का अमृत महोत्सव' मनाया जा रहा है. आगरा में शुक्रवार सुबह पैरा ब्रिगेड BOC मैदान पर पर स्काई डाइविंग समारोह हुआ, जिसमें शत्रुजीत ब्रिगेड के 75 पैराट्रूपर ने 7 हजार फीट से छलांग लगाई. पैराट्रूपर ने आसमान में हैरतअंगेज करतब दिखाए. आसमान में तिरंगा लहराया तो सभी खुशी से झूम उठे. पैराट्रूपर और सेना के जवानों ने विभिन्न करतबों के माध्यम से देश को 'अमृत महोत्सव' की शुभकामनाएं दी.
यूं हुई कार्यक्रम की शुरुआत
राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम की शुरुआत भारतीय थल सेना और भारतीय वायु सेना के 75 पैराट्रूपर्स द्वारा कॉम्बैट फ्री-फॉल से हुई. सेना के जनसंपर्क अधिकारी शांतुन प्रताप सिंह ने बताया कि 'आजादी का अमृत महोत्सव' के तहत यह कार्यक्रम हुआ है, जिसमें 75 पैराट्रूपर्स द्वारा कॉम्बैट फ्री-फॉल के बाद पैराट्रूपर्स ने निहत्थे लड़ाकू प्रदर्शन किया. भारतीय वायु सेना द्वारा ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट का नियोजित हवाई संचालन प्रदर्शित किया गया. कार्यक्रम का समापन पैराट्रूपर्स द्वारा पैरा मोटर प्रदर्शन के साथ हुआ.
कार्यक्रम में यह लोग रहे मौजूद
लेफ्टिनेंट जनरल योगेंद्र डिमरी जीओसी-इन-सी सेंट्रल कमांड, एयर मार्शल आरजे डकवर्थ एओसी-इन-सी सेंट्रल एयर कमांड और आगरा के विभिन्न नागरिक गणमान्य व्यक्तियों ने मजबूत और सक्षम भारतीय सेना का प्रदर्शन देखा.
हथियारों की प्रदर्शनी लगाई गई
शत्रुजीत ब्रिगेड ने बीएमपी, आर्टिलरी गन्स, व्हीकल माउंटेड एंटी टैंक मिसाइलों और वायु रक्षा मिसाइलों के लाइव प्रदर्शन से अपनी तीव्र प्रतिक्रिया क्षमता को भी प्रदर्शित किया. नागरिक गणमान्य व्यक्तियों के लिए हवाई उपकरण और हथियारों की एक प्रदर्शिनी आयोजित की गई, जिसमें तोप, रॉकेट लांचर, टैंक, हैवी मशीन गन, कैंप और दुश्मन को नेस्तनाबूद कर देने वाले अन्य हथियार प्रदर्शित किए गए.
छात्र-छात्राओं में दिखा जोश
भारतीय सेना के कार्यक्रम 'आजादी का अमृत महोत्सव' में स्कूली छात्र-छात्राएं शामिल हुए. छात्र-छात्राएं पैराट्रूपर के हैरतअंगेज करतब देखकर हैरान रह गए. छात्र-छात्राओं ने कहा कि कार्यक्रम बहुत ही शानदार था. पैराट्रूपर हवा में अपने करतब दिखा रहे थे तो वहीं सेना के तमाम तरह के हथियार देखने को मिले. हमें अपनी सेना पर गर्व है. ऐसा लग रहा है कि हमें भी आर्मी ज्वाइन करनी चाहिए. यहां ऐसा माहौल बन गया था, जैसे युद्ध हो रहा है.
एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस है आगरा
भारतीय वायु सेना का आगरा एयरबेस एशिया में सबसे बड़ा है. यहां पर 1971 में पाकिस्तानी फाइटर प्लेन बी-57 ने धड़ाधड़ बम गिराए थे, लेकिन एयरबेस से जब पाक विमानों पर जबावी हमला हुआ तो वे भागने को मजबूर हो गए. आगरा एयरबेस पर लगभग 6 हजार कर्मचारी कार्यरत हैं. एयरबेस पर 250 ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट तैनात हैं. सीमा तक जवानों को और रसद पहुंचाने का काम इन एयरक्राफ्ट से होता है.
एयरफोर्स का पावर सेंटर है आगरा एयरबेस
भारतीय वायुसेना का आगरा एयरबेस पावर सेंटर है. यहां पर एयर रिफ्यूलर विमान भी हैं, जो आसमान में उड़ते हुए जहाज को हवा में फ्यूल देता है. इस एयरबेस को सबसे पहले द्वितीय विश्व युद्ध में अमेरिका के लिए तैयार किया गया था. वर्ष 1942 में जापान से लड़ने के लिए अमेरिकी जंगी विमान इस एयरबेस का इंस्तेमाल सप्लाई और मेंटेनेंस के लिए करते थे. तब इसका नाम आगरा एयर ड्रॉप था. विश्व युद्ध खत्म होने के बाद रॉयल इंडियन एयरफोर्स ने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया था.
आगरा एयरबेस चौथी विंग
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने देश में 4 अंतराष्ट्रीय स्तर के एयरबेस की स्थापना करवाई थी. इसमें आगरा एयरबेस चौथे विंग के रूप में स्थापित हुआ. यह देश का सबसे बड़ा एयरबेस है. इस एयरबेस पर 66 हजार करोड़ रुपये (10 बिलियन डॉलर) के उपकरण तैनात हैं, जिसमें आगरा एयरबेस आईएल-76, एएन-32, सी-17, सी-124 जहाजों का बेड़ा है. यहां पर विमान पर अर्ली वार्निंग एंड कंट्रोल (अवाक्स) भी तैनात है.
आगरा में एकमात्र पैरा ट्रेनिंग सेंटर
आगरा एयरबेस में देश का इकलौता पैराशूट ट्रेनिंग सेंटर (पीटीएस) है. पीटीएस से एक साल में करीब 13 हजार जवान ट्रेनिंग लेते हैं. यहां पर 41 हजार जंप होती हैं. भारत के साथ बांग्लादेश, श्रीलंका आदि देशों के जवान यहां पर पैराशूट की सहायता से विमान से आसमान में कूदने की ट्रेनिंग लेते हैं.