ETV Bharat / state

आगरा सामूहिक आत्महत्या में मिला सुसाइड नोट, बेटे ने मरने से किया था मना - आगरा में भूत प्रेत के चक्कर आत्महत्या

आगरा में 6 जुलाई को एक ही परिवार के तीन लोगों ने बेरोजगारी की वजह से आत्महत्या कर ली थी. मामले में सुसाइड़ नोट मिलने के बाद पुलिस जांच को गंभीरता से कर रही है. क्योंकि परिवार वाले भूत-प्रेत के चक्कर में आत्महत्या करने की बात कह रहे हैं.

etv bharat
आगरा सामूहिक आत्महत्या में मिला सुसाइड नोट
author img

By

Published : Jul 7, 2022, 4:56 PM IST

आगराः ताजनगरी में बीते 6 जुलाई को बेरोजगारी का दंश झेल रहे एक परिवार के तीन लोगों ने फांसी के फंदे पर लटकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया था. मामले में सिकंदरा पुलिस को घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें बेरोजगारी से परेशान सोनू-गीता और बेटी सृष्टि की रुला देने वाली कहानी लिखी है.

बेरोजगारी के कारण आत्महत्या को मजबूर हुआ परिवारः देश मे निरंकुश बेरोजगारी देश के युवाओं और परिवारों का लगातार जान ले रही है. बीते 6 जुलाई को ताजनगरी के आवास विकास सेक्टर-11 निवासी सोनू के परिवार को भी बेरोजगारी रूपी समस्या ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया था. जिसके चलते सोनू-गीता और 12 वर्षीय बेटी सृष्टि ने फांसी के फंदे पर लटकर अपनी जान दे दी थी. अब पूरे परिवार में सिर्फ 10 वर्षीय बेटा श्याम बचा है. जिसकी जिम्मेदारी सोनू के बूढ़े मां-बाप पर आ गयी है.

सुसाइड नोट में लिखी रुला देने वाली बातेंः पुलिस को मृतक सोनू के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें कई बातें लिखी गई हैं. सूत्रों के अनुसार सुसाइड नोट बेटे सोनू ने पिता रणधीर सिंह को संबोधित किया है. जिसमें बेरोज़गारी से उत्पन्न समस्याओं का जिक्र किया है. सोनू ने अपने परिवार का बोझ झेल रहे पिता रणधीर सिंह से आत्मग्लानि के साथ माफी मांगी है. उसमें लिखा है कि पापा मेरा परिवार आप पर बोझ बन गया है. आप कब तक हमारा खर्चा उठाओगे. मेरी बीमारी ने मुझे काम करने लायक नहीं छोड़ा है. जिसकी वजह से हर रोज घर में हमेशा क्लेश होती रहती है. मैं, गीता और बेटी सृष्टि आपसी सलाह से सुसाइड कर रहे हैं. बेटे श्याम ने अपनी सहमति नहीं दी है. जिसके कारण उसे हमने अपने साथ मरने को मजबूर नहीं किया है. पापा उसका ध्यान रखना और उससे कहना कि हमें ज्यादा याद न करे. वो आपके पास खुश रहेगा. यह हमें मालूम है. इस सुसाइड नोट में नीचे एक अंगूठा लगा है. उसके नीचे गीता और सृष्टि के नाम है. जिसके चलते पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है.

15 दिन पहले से थी सुसाइड की प्लानिंगः श्याम की बुआ बताती हैं कि बीते 15 दिनों से सोनू के परिवार ने लोगों से मिलना कम कर दिया था. गीता के कमर में चोट थी. जिस कारण वह 1 सप्ताह में कभी-कभार नीचे ही आती थी. सोनू भी बीमार रहता था. बेटी सृष्टि पहले हमारे घर खेलने आती थी. लेकिन उसने भी बीते 15 दिनों से आना-जाना कम कर दिया था. परिजन बीमारी को लेकर इतनी बारीकी से सोनू के परिवार के घटते मेल-जोल को साधारणता समझ रहे थे. लेकिन हमें नहीं मालूम कि सोनू- गीता और सृष्टि आत्मघाती कदम उठा लेंगे.

सोनू ने गीता से किया था प्रेम-विवाहः सोनू की बहन कांता के अनुसार सोनू ने कई वर्ष पूर्व गीता से प्रेम विवाह किया था. सोनू, गीता को लेकर हरिद्वार में बस गया था. वहां सोनू एक ऑक्सीजन प्लान्ट में काम करता था. लेकिन कोरोना की वजह से परिवार ने सोनू को आगरा घर बुला लिया था. घर के छत पर एक टीनशेड के कमरें में सोनू का परिवार हंसी-खुशी रहने लगा. गीता, सोनू को नौकरी करने को कहती तब दोनों में झगड़ा शुरू हो जाता था.

झाड़-फूक से लेकर महंगे डॉक्टरों का कराया ईलाजः परिजनों ने पुलिस को कई बातें बताई हैं. जिसमें एक बड़ी चौकाने वाली बात है. कांता के अनुसार जब सोनू हरिद्वार में नौकरी करता था. उस दौरान मालिक के कहने पर उसने एक पीपल के पेड़ पर तेजाब डाल दिया था. उसके अगले ही दिन फैक्ट्री में सोनू के साथ हादसा घट गया. उसके कंधे की हड्डी टूट गयी. जिसका असर उसके दिमाग पर भी हुआ. परिजनों ने अनुसार सोनू एक परछाई दिखने की बात हमेशा बोलता था. लेकिन असल में वहां कोई परछाई नहीं होती थी. वह मरने-मारने की बात करता. जिसे लेकर परिजनों ने उसे डॉक्टर को भी दिखाया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. किसी के कहने पर परिवार ने इसे तांत्रिक के पास ले गए. जहां वह उग्र हो जाता था. सोनू के इस आत्मघाती कदम के पीछे परिजन भूत-प्रेत के चक्कर को भी मान रहे हैं.

यह भी पढ़ें-कुशीनगर: जमीन विवाद में बुजुर्ग की हत्या के मामले में 7 को किया गया गिरफ्तार

गमगीन माहौल में हुआ सोनू-गीता और सृष्टि का अंतिम संस्कारः 6 जुलाई को सुबह 8 बजे तीनों के सामूहिक आत्महत्या की बात श्याम ने बुआ कांता को बताई थी. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था. पोस्टमार्टम में देरी होने के कारण बीती रात तीनों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. जिसकी वजह से 7 जुलाई को सुबह 10 वर्षीय बेटे श्याम ने नम आंखों से माता-पिता और बहन को मुखाग्नि दी. इस दौरान परिवार के साथ क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

आगराः ताजनगरी में बीते 6 जुलाई को बेरोजगारी का दंश झेल रहे एक परिवार के तीन लोगों ने फांसी के फंदे पर लटकर आत्महत्या कर ली थी. इस घटना ने सभी को स्तब्ध कर दिया था. मामले में सिकंदरा पुलिस को घर से एक सुसाइड नोट भी मिला है. जिसमें बेरोजगारी से परेशान सोनू-गीता और बेटी सृष्टि की रुला देने वाली कहानी लिखी है.

बेरोजगारी के कारण आत्महत्या को मजबूर हुआ परिवारः देश मे निरंकुश बेरोजगारी देश के युवाओं और परिवारों का लगातार जान ले रही है. बीते 6 जुलाई को ताजनगरी के आवास विकास सेक्टर-11 निवासी सोनू के परिवार को भी बेरोजगारी रूपी समस्या ने आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया था. जिसके चलते सोनू-गीता और 12 वर्षीय बेटी सृष्टि ने फांसी के फंदे पर लटकर अपनी जान दे दी थी. अब पूरे परिवार में सिर्फ 10 वर्षीय बेटा श्याम बचा है. जिसकी जिम्मेदारी सोनू के बूढ़े मां-बाप पर आ गयी है.

सुसाइड नोट में लिखी रुला देने वाली बातेंः पुलिस को मृतक सोनू के कमरे से एक सुसाइड नोट मिला है. जिसमें कई बातें लिखी गई हैं. सूत्रों के अनुसार सुसाइड नोट बेटे सोनू ने पिता रणधीर सिंह को संबोधित किया है. जिसमें बेरोज़गारी से उत्पन्न समस्याओं का जिक्र किया है. सोनू ने अपने परिवार का बोझ झेल रहे पिता रणधीर सिंह से आत्मग्लानि के साथ माफी मांगी है. उसमें लिखा है कि पापा मेरा परिवार आप पर बोझ बन गया है. आप कब तक हमारा खर्चा उठाओगे. मेरी बीमारी ने मुझे काम करने लायक नहीं छोड़ा है. जिसकी वजह से हर रोज घर में हमेशा क्लेश होती रहती है. मैं, गीता और बेटी सृष्टि आपसी सलाह से सुसाइड कर रहे हैं. बेटे श्याम ने अपनी सहमति नहीं दी है. जिसके कारण उसे हमने अपने साथ मरने को मजबूर नहीं किया है. पापा उसका ध्यान रखना और उससे कहना कि हमें ज्यादा याद न करे. वो आपके पास खुश रहेगा. यह हमें मालूम है. इस सुसाइड नोट में नीचे एक अंगूठा लगा है. उसके नीचे गीता और सृष्टि के नाम है. जिसके चलते पुलिस इसे आत्महत्या मान रही है.

15 दिन पहले से थी सुसाइड की प्लानिंगः श्याम की बुआ बताती हैं कि बीते 15 दिनों से सोनू के परिवार ने लोगों से मिलना कम कर दिया था. गीता के कमर में चोट थी. जिस कारण वह 1 सप्ताह में कभी-कभार नीचे ही आती थी. सोनू भी बीमार रहता था. बेटी सृष्टि पहले हमारे घर खेलने आती थी. लेकिन उसने भी बीते 15 दिनों से आना-जाना कम कर दिया था. परिजन बीमारी को लेकर इतनी बारीकी से सोनू के परिवार के घटते मेल-जोल को साधारणता समझ रहे थे. लेकिन हमें नहीं मालूम कि सोनू- गीता और सृष्टि आत्मघाती कदम उठा लेंगे.

सोनू ने गीता से किया था प्रेम-विवाहः सोनू की बहन कांता के अनुसार सोनू ने कई वर्ष पूर्व गीता से प्रेम विवाह किया था. सोनू, गीता को लेकर हरिद्वार में बस गया था. वहां सोनू एक ऑक्सीजन प्लान्ट में काम करता था. लेकिन कोरोना की वजह से परिवार ने सोनू को आगरा घर बुला लिया था. घर के छत पर एक टीनशेड के कमरें में सोनू का परिवार हंसी-खुशी रहने लगा. गीता, सोनू को नौकरी करने को कहती तब दोनों में झगड़ा शुरू हो जाता था.

झाड़-फूक से लेकर महंगे डॉक्टरों का कराया ईलाजः परिजनों ने पुलिस को कई बातें बताई हैं. जिसमें एक बड़ी चौकाने वाली बात है. कांता के अनुसार जब सोनू हरिद्वार में नौकरी करता था. उस दौरान मालिक के कहने पर उसने एक पीपल के पेड़ पर तेजाब डाल दिया था. उसके अगले ही दिन फैक्ट्री में सोनू के साथ हादसा घट गया. उसके कंधे की हड्डी टूट गयी. जिसका असर उसके दिमाग पर भी हुआ. परिजनों ने अनुसार सोनू एक परछाई दिखने की बात हमेशा बोलता था. लेकिन असल में वहां कोई परछाई नहीं होती थी. वह मरने-मारने की बात करता. जिसे लेकर परिजनों ने उसे डॉक्टर को भी दिखाया. लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. किसी के कहने पर परिवार ने इसे तांत्रिक के पास ले गए. जहां वह उग्र हो जाता था. सोनू के इस आत्मघाती कदम के पीछे परिजन भूत-प्रेत के चक्कर को भी मान रहे हैं.

यह भी पढ़ें-कुशीनगर: जमीन विवाद में बुजुर्ग की हत्या के मामले में 7 को किया गया गिरफ्तार

गमगीन माहौल में हुआ सोनू-गीता और सृष्टि का अंतिम संस्कारः 6 जुलाई को सुबह 8 बजे तीनों के सामूहिक आत्महत्या की बात श्याम ने बुआ कांता को बताई थी. जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर तीनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया था. पोस्टमार्टम में देरी होने के कारण बीती रात तीनों का अंतिम संस्कार नहीं हो सका था. जिसकी वजह से 7 जुलाई को सुबह 10 वर्षीय बेटे श्याम ने नम आंखों से माता-पिता और बहन को मुखाग्नि दी. इस दौरान परिवार के साथ क्षेत्रवासी भी मौजूद रहे.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.