आगरा: ताजनगरी के बहुचर्चित डॉ. दीप्ति अग्रवाल सुसाइड केस में शनिवार देर रात पुलिस ने पति डॉ. सुमित अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया. मृतका के पिता ने दामाद, बेटी के ससुर, सास, जेठ और जेठानी के खिलाफ एक करोड़ रुपए की दहेज की डिमांड और दहेज हत्या की एफआईआर दर्ज कराई थी. इस मामले में आगरा पुलिस ने चिकित्सक दंपति के विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी कैमरों के डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर कब्जे में ले लिया है. पुलिस अभी इस हाई प्रोफाइल मामले में कई पहलू और सबूत के आधार पर छानबीन कर रही है.
बता दें कि मार्च-2014 में मथुरा की एनेस्थिया विशेषज्ञ डॉ. दीप्ति अग्रवाल की शादी प्रतापपुरा निवासी डॉ. सुमित अग्रवाल के साथ हुई थी. दोनों की एक बेटी है. डॉ. सुमित अग्रवाल के पिता वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. एससी अग्रवाल, मां अनीता, भाई डॉ. अमित और जेठानी तूलिका हैं. 2018 से डॉ. सुमित और डॉ. दीप्ति विभव वैली व्यू अपार्टमेंट में बेटी के साथ रह रहे थे. तीन अगस्त 2020 को डॉ. दीप्ति ने अपने कमरे में पंखे से बने फांसी के फंदे पर लटकी मिली. डॉ. सुमित ने दरवाजा तोड़कर पत्नी को फंदे से उतारा था. प्रतापपुरा स्थित अपने अस्पताल लेकर आए थे. बाद में उन्हें फरीदाबाद स्थित सर्वोदय अस्पताल में रेफर किया गया, जहां डॉ. दीप्ति ने दम तोड़ दिया.
18 लाइन का मिला सुसाइड नोट
डॉ. दीप्ति ने मौत से पहले एक 18 लाइन का सुसाइड नोट पति के लिए छोड़ा था, जिसकी पुलिस फॉरेंसिक जांच करा रही है. सुसाइड नोट लिखा था कि ‘मैं अपनी जिंदगी से हार गई. न कुछ कर पाई, न कर पाऊंगी. मेरे मरने के बाद मेरा सब कुछ मेरी बेटी इनाया का होगा.’ और भी बहुत सारी बातें सुसाइड नोट में लिखी गई हैं. जिसके आधार पर पुलिस जांच कर रही है.
मुकदमा के 24 घंटे में गिरफ्तारी
डॉ. दीप्ति के कोसी (मथुरा) निवासी पिता डॉ. नरेश मंगला ने दामाद सुमित अग्रवाल, उसके पिता डॉ. एससी अग्रवाल, मां अनीता, भाई डॉ. अमित और भाभी तूलिका के खिलाफ दहेज हत्या का मुकदमा ताजगंज थाना में सात अगस्त 2020 को दर्ज कराया था. आरोप है कि एक करोड़ रुपए की मांग को लेकर बेटी को प्रताड़ित किया जा रहा था. मुकदमा दर्ज होने के 24 घंटे में डॉ. सुमित की गिरफ्तारी हुई है. इससे परिवार के लोग घबराए हुए हैं.