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2020 ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से भारी उम्मीदेंः कृपा शंकर - नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर

2020 का ओलंपिक टोक्यो में होगा, इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. सभी खेल के खिलाड़ी अपना दमखम दिखाने में जुटे हुए हैं. आइये देखते हैं अर्जुन अवॉर्डी रेलवे कोच की ईटीवी से खास बातचीत.

2020 olympic news
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Published : Oct 17, 2019, 9:16 PM IST

Updated : Oct 17, 2019, 9:49 PM IST

आगराः अखिल भारतीय रेलवे कुश्ती प्रतियोगिता में आए अर्जुन अवॉर्डी रेलवे कोच और पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ओलंपिक को लेकर ईटीवी भारत की विशेष बातचीत हुई. कृपा शंकर ने बताया कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ओलंपिक में तीन बार से लगातार पहलवान मेडल ला रहे हैं. इस बार उम्मीदें और भी ज्यादा हैं.

2020 ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से भारी उम्मीदें.

वीनेश से बहुत संभावनाएं हैं जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया से स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. ओलंपिक में इस बार भारतीय दल सबसे बड़ा जाएगा, ऐसी उम्मीद है. क्योंकि, आगे आने वाले टूर्नामेंट में और अन्य पुरुष और महिला रेसलर अपना ओलंपिक में जाने का टिकट पक्का करेंगे.

पढ़ें-आगरा: कोर्ट में राम मंदिर का नक्शा फाड़ने के बाद, वकील राजीव धवन के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन

सवाल: 2020 ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से क्या उम्मीदें हैं ?
जवाब: 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है, क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. सन् 2008 का ओलंपिक, 2012 का ओलंपिक और 2016 का तीनों में भारतीय मेडल लाए हैं.

इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है. चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रहे गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना यह है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.

सवाल: हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?
जवाब: पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे, जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी.

सवाल: दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और इसमें दंगल की क्या भूमिका रही है.
जवाब: आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे. जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे. लेकिन कुश्ती की लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया.

जब उनमें पहलवान जैसे गुण आ गए. हाव-भाव आ गए. उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका परिणाम फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है. दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बड़ी है.

आगराः अखिल भारतीय रेलवे कुश्ती प्रतियोगिता में आए अर्जुन अवॉर्डी रेलवे कोच और पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ओलंपिक को लेकर ईटीवी भारत की विशेष बातचीत हुई. कृपा शंकर ने बताया कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. उन्होंने बताया कि ओलंपिक में तीन बार से लगातार पहलवान मेडल ला रहे हैं. इस बार उम्मीदें और भी ज्यादा हैं.

2020 ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से भारी उम्मीदें.

वीनेश से बहुत संभावनाएं हैं जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया से स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. ओलंपिक में इस बार भारतीय दल सबसे बड़ा जाएगा, ऐसी उम्मीद है. क्योंकि, आगे आने वाले टूर्नामेंट में और अन्य पुरुष और महिला रेसलर अपना ओलंपिक में जाने का टिकट पक्का करेंगे.

पढ़ें-आगरा: कोर्ट में राम मंदिर का नक्शा फाड़ने के बाद, वकील राजीव धवन के खिलाफ अनोखा प्रदर्शन

सवाल: 2020 ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से क्या उम्मीदें हैं ?
जवाब: 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है, क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. सन् 2008 का ओलंपिक, 2012 का ओलंपिक और 2016 का तीनों में भारतीय मेडल लाए हैं.

इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है. चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रहे गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना यह है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.

सवाल: हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?
जवाब: पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे, जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी.

सवाल: दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और इसमें दंगल की क्या भूमिका रही है.
जवाब: आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया, क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे. जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे. लेकिन कुश्ती की लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया.

जब उनमें पहलवान जैसे गुण आ गए. हाव-भाव आ गए. उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका परिणाम फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है. दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बड़ी है.

Intro:डेस्क ध्यानार्थ.....एक्सक्लुसिव..... यह खबर ईटीवी भारत के पास है. इसमें ईटीवी भारत एक्सक्लूसिव का लोगो भी लगा लें. इस खबर को स्पोर्ट्स डेस्क को भी साझा करें. इस खबर में विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार समेत अन्य तमाम रेसलर के फोटो उपयोग किए जाएं और एडिटिंग में बेहतर पैकेज बन जाएगा.

आगरा.
2020 में ओलंपिक टोक्यो में होगा. इसको लेकर के सभी खेल के खिलाड़ी अपना दमखम दिखाने में जुटे हुए हैं. आगरा में अखिल भारतीय रेलवे कुश्ती प्रतियोगिता में आए अर्जुन अवॉर्डी रेलवे कोच और पूर्व इंडियन नेशनल कुश्ती कोच कृपा शंकर से ईटीवी भारत ने ओलंपिक की तैयारियों और उम्मीद को लेकर चर्चा की तो उन्होंने कहा कि, अभी तक भारत के 4 खिलाड़ियों को ओलंपिक का टिकट मिल गया है. जिसमें बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट शामिल हैं. वीनेश में बहुत संभावनाएं हैं. जबकि, भारतीय इस बार ओलंपिक में बजरंग पूनिया को लेकर के स्वर्ण पदक की आस लगाए हुए हैं. ओलंपिक में इस बार भारतीय दल सबसे बड़ा जाएगा. ऐसी उम्मीद है. क्योंकि, आगे आने वाले टूर्नामेंट में और अन्य पुरुष और महिला रेसलर अपना ओलंपिक में जाने का टिकट पक्का करेंगे.



Body:सवाल : 2020 टोक्यो ओलंपिक में क्या उम्मीद है, भारतीय पहलवानों से?

अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर: 2020 टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पहलवानों से बहुत ज्यादा उम्मीद है. क्योंकि लगातार तीन ओलंपिक से भारतीय पहलवान मेडल ला रहे हैं. फिर चाहे सन् 2008 का ओलंपिक. 2012 का ओलंपिक और 2016 का रहा है. इसलिए इस ओलंपिक में उम्मीद ज्यादा है और हमारे पहलवानों ने हाल में ही कजाकिस्तान में हुई वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में बहुत ही शानदार प्रदर्शन किया है. चार पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और वूमेन रेसलर वीनेश को ओलंपिक का टिकट मिला है. अभी और टूर्नामेंट रहे गए हैं. जिसमें अन्य भारतीय पहलवानों को ओलंपिक का टिकट मिलेगा. संभावना यह है कि इस बार जो ओलंपिक भारतीय दल जाएगा उसमें पहलवानों का दल सबसे बड़ा होगा.

सवाल: हरियाणा और पंजाब के अलावा दूसरे राज्यों से पहलवान क्यों नहीं आ रहे हैं, इसकी क्या वजह है?
अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने बताया कि, पहलवानों पर खान-पान और जलवायु का भी बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. हरियाणा और पंजाब में खानपान का बहुत बड़ा चलन है. वहां पर दूध, दही और घी खाने पर ज्यादा जोर दिया जाता है. हरियाणा और पंजाब की सरकार है पहलवानों के लिए बहुत काम करती हैं. जबकि, दूसरे राज्यों में ऐसा नहीं है. दूसरे राज्यों कुश्ती और पहलवान तभी ज्यादा निकलेंगे. जब उन्हें सुविधाएं दी जाएंगी. दूसरे राज्यों की सरकारों को भी हरियाणा और पंजाब सरकार की तरह खिलाड़ियों को सुविधाएं देनी चाहिए. इसी से ही कुश्ती और पहलवानों दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

सवाल : दंगल से कुश्ती में कैसे बूम आया और दंगल में क्या भूमिका रही है.
अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर ने बताया कि, आमिर खान प्रोडक्शन से मुझे कॉल आया. मैंने नेशनल कुश्ती कोच से इस्तीफा दे दिया.
क्योंकि आमिर खान दंगल मूवी बना रहे थे, जो कुश्ती पर आधारित थी. मैं वहां गया तो मैंने देखा कि पहले से ही उन्होंने सारे नियम कायदे लिख रखे थे. लेकिन कुश्ती लय नहीं थी. कुश्ती की लय पाने के लिए आमिर खान और उसमें गीता, बबीता का रोल करने वाली दोनों ही अभिनेत्रियों ने नेशनल स्तर के खिलाड़ियों के साथ एक साल तक अभ्यास किया और जब उनमें पहलवान जैसे गुण गए. हाव-भाव आ गए. उसके बाद ही फिर फिल्म की शूटिंग शुरू हुई. जिसका प्रणाम आप फिल्म को देखने पर साफ दिखाई देता है दंगल मूवी कह सकते हैं कि महिला खिलाड़ियों के लिए ऐसी किशोरियों के लिए बहुत बड़ा संदेश है. जो कुश्ती लड़ना चाहती हैं, लेकिन किन्हीं बंदिशों की वजह से अखाड़े तक नहीं पहुंच पाती है. अगर अखाड़ों की बात की जाए तो दंगल मूवी के बाद महिला पहलवानों की संख्या भी अखाड़ों में बड़ी है.








Conclusion:ओलंपिक में 3 बार से लगातार पहलवान मेडल आ रहे हैं. तो इस बार उम्मीद ज्यादा है. पहलवान बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, रवि कुमार और महिला रेसलर वीनेश फोगाट को ओलंपिक का टिकट मिल गया और दूसरे पहलवान कतार में हैं..
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अर्जुन अवार्डी कृपा शंकर का वन टू वन ।
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स्पोर्ट्स डेस्क से साझा कर लीजिए.

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श्यामवीर सिंह
आगरा
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Last Updated : Oct 17, 2019, 9:49 PM IST
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