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आगरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आंवलखेड़ा गायत्री शक्तिपीठ में उमड़ा आस्था का सैलाब

आंवलखेड़ा आगरा से लगभग 24 किलोमीटर जलेसर रोड पर स्थित है. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर आंवलखेड़ा स्थित गायत्री शक्तिपीठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.

गायत्री शक्तिपीठ.
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Published : Jul 16, 2019, 3:26 PM IST

आगरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समस्त भारतवर्ष से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आगरा जिले के ग्राम आंवलखेड़ा स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुंचे. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां सुबह साढ़े पांच बजे से चौबीस कुण्डीय हवन यज्ञ शुरू हुआ. इस हवन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुति दी. साथ ही साथ दीक्षा संस्कार कार्यक्रम के बाद भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया.

गायत्री शक्तिपीठ में उमड़ा आस्था का सैलाब.
  • गायत्री शाक्तिपीठ आचार्य पंडित श्री राम शर्मा की जन्म स्थली है.
  • गरु पूर्णिमा के अवसर पर शाक्तिपीठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.
  • गुरु पूर्णिमा में आंवलखेड़ा हुआ पीतांबर मय.
  • हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं गायत्री शाक्तिपीठ में दी आहुति.

आंवलखेड़ा स्तिथ गायत्री शक्तिपीठ का इतिहास
आगरा जिले का एक गांव आंवलखेड़ा है. यहां महान चिंतक एवं गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्म हुआ था. यह अब युगतीर्थ बन चुका है. यहां संवत 1967 आश्विन कृष्ण त्र्योदशी बुधवार (2 सितम्बर 1911) को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जन्म हुआ था. 15 वर्ष की किशोर अवस्था (वसंत पंचमी-सन 1926) में श्रीराम शर्मा आचार्य जी को हिमालयस्थ ऋषिसत्ता-गुरुसत्ता का साक्षात्कार हुआ. यहीं श्रीराम शर्मा आचार्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप उभरे और श्रीराम मत्त (मस्त) के नाम से प्रसिद्ध हुए. यहीं से उनकी सेवा-साधना प्रारंभ हुई.

विरासत में मिली संपत्ति का किया दान
श्रीराम शर्मा आचार्य को विरासत में मिली प्रचुर भू-सम्पदा का उपयोग अपने और अपने परिवार के लिए नहीं किया बल्कि एक भाग से अपनी माताजी की स्मृति में आंवलखेड़ा में दान कुंवरि इण्टर कॉलेज की स्थापना कराई. बाकी शेष जमीन को गायत्री तपोभूमि के लिए समर्पित कर दी.

1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ का हुआ शुभारंभ
सन 1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ एवं राजकीय कन्या इण्टर कॉलेज का शुभारंभ हुआ. आज यह कन्या महाविद्यालय (डिग्री कॉलेज) बन चुका है. सन 1994 में प्रथम पूर्णाहुति समारोह भी यहां सम्पन्न हुआ. इस समारोह में लगभग पचास लाख लोगों ने भाग लिया.

आगरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समस्त भारतवर्ष से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आगरा जिले के ग्राम आंवलखेड़ा स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुंचे. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां सुबह साढ़े पांच बजे से चौबीस कुण्डीय हवन यज्ञ शुरू हुआ. इस हवन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुति दी. साथ ही साथ दीक्षा संस्कार कार्यक्रम के बाद भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया.

गायत्री शक्तिपीठ में उमड़ा आस्था का सैलाब.
  • गायत्री शाक्तिपीठ आचार्य पंडित श्री राम शर्मा की जन्म स्थली है.
  • गरु पूर्णिमा के अवसर पर शाक्तिपीठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.
  • गुरु पूर्णिमा में आंवलखेड़ा हुआ पीतांबर मय.
  • हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं गायत्री शाक्तिपीठ में दी आहुति.

आंवलखेड़ा स्तिथ गायत्री शक्तिपीठ का इतिहास
आगरा जिले का एक गांव आंवलखेड़ा है. यहां महान चिंतक एवं गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्म हुआ था. यह अब युगतीर्थ बन चुका है. यहां संवत 1967 आश्विन कृष्ण त्र्योदशी बुधवार (2 सितम्बर 1911) को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जन्म हुआ था. 15 वर्ष की किशोर अवस्था (वसंत पंचमी-सन 1926) में श्रीराम शर्मा आचार्य जी को हिमालयस्थ ऋषिसत्ता-गुरुसत्ता का साक्षात्कार हुआ. यहीं श्रीराम शर्मा आचार्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप उभरे और श्रीराम मत्त (मस्त) के नाम से प्रसिद्ध हुए. यहीं से उनकी सेवा-साधना प्रारंभ हुई.

विरासत में मिली संपत्ति का किया दान
श्रीराम शर्मा आचार्य को विरासत में मिली प्रचुर भू-सम्पदा का उपयोग अपने और अपने परिवार के लिए नहीं किया बल्कि एक भाग से अपनी माताजी की स्मृति में आंवलखेड़ा में दान कुंवरि इण्टर कॉलेज की स्थापना कराई. बाकी शेष जमीन को गायत्री तपोभूमि के लिए समर्पित कर दी.

1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ का हुआ शुभारंभ
सन 1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ एवं राजकीय कन्या इण्टर कॉलेज का शुभारंभ हुआ. आज यह कन्या महाविद्यालय (डिग्री कॉलेज) बन चुका है. सन 1994 में प्रथम पूर्णाहुति समारोह भी यहां सम्पन्न हुआ. इस समारोह में लगभग पचास लाख लोगों ने भाग लिया.

Intro:आगरा। गायत्री शक्ति पीठ आंवलखेड़ा में उमड़ा आस्था का सैलाब ।
संपूर्ण भारत वर्ष से पहुंचे हजारों की संख्या में श्रद्धालु।
आंवलखेड़ा हुआ पीतांबर मय।
गुरुपूर्णिमा के अवसर पर भारत वर्ष से पहुंचे हजारों की संख्या में श्रद्धालु।
हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दी आहुति।
हुआ भंडारे का आयोजन।
गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्मा तस्मै श्री गुरवे नमः
Body:आगरा । गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समस्त भारतवर्ष से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आगरा जिले की एतमादपुर तहसील के ग्राम आंवलखेड़ा स्थित आचार्य पंडित श्री राम शर्मा की जन्म स्थली गायत्री शक्तिपीठ पहुंचे। जहा अनेक धार्मिक कार्यक्रमो का आयोजन किया गया। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर सुबह साढ़े पांच बजे से चौबीस कुण्डीय हवन यज्ञ शुरू हुआ जिसमे सुबह साढ़े दस बजे तक हजारों की संख्या में श्रद्धालु आहुति दे चुके थे। और साथ साथ दीक्षा संस्कार कार्य क्रम के बाद भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया।
क्या है आंवलखेड़ा स्तिथ गायत्री शक्तिपीठ का इतिहास।

। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले का एक गाँव आंवलखेड़ा है। जहाँ महान चिंतक एवं गायत्री परिवार के संस्थापक पण्डित श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्म हुआ था। यह अब युगतीर्थ बन चुका है। जहाँ संवत 1967 आश्विन कृष्ण त्र्योदशी बुधवार (2 सितम्बर 1911) को उनका प्राकटय हुआ। यहीं की धूल में खेले, बड़े हुए। यहीं 15 वर्ष की किशोर अवस्था (वसंत पंचमी-सन् 1926) में हिमालयस्थ ऋषिसत्ता-गुरुसत्ता का साक्षात्कार हुआ। इसी के साथ प्रारंभ हो गया 24-24 लक्ष के महापुरश्चरण का सिलसिला। यहीं वे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप उभरे तथा श्रीराम मत्त (मस्त) या मत्त जी के नाम से प्रसिद्ध हुए। उनके द्वारा खोदा कुआँ और लगाया गया नीम का पेड़ आज भी स्मृतियाँ ताजा करते हैं।

यहीं से उनकी सेवा-साधना प्रारंभ हुई। शिक्षा एवं ग्रामीण स्वावलम्बन की कई गतिविधियाँ चलाईं। विरासत में मिली प्रचुर भू-सम्पदा का उपयोग अपने और अपने परिवार के लिये नहीं किया। एक भाग से अपनी माताजी की स्मृति में आंवलखेड़ा में दान कुँवरि इण्टर कॉलेज की स्थापना कराई, शेष राशि बाद में गायत्री तपोभूमि हेतु समर्पित कर दी।

सन् 1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ एवं राजकीय कन्या इण्टर कॉलेज का शुभारंभ हुआ, जो आज कन्या महाविद्यालय (डिग्री कॉलेज) बन चुका है। सन् 1994 में प्रथम पूर्णाहुति समारोह भी यहाँ सम्पन्न हुआ, जिसमें लगभग पचास लाख लोगों ने भाग लिया। माता भगवती देवी शर्मा राजकीय सामुदायिक चिकित्सालय की स्थापना भी हो चुकी है, इस अवसर पर भारत के प्रधानमंत्री ने एक कीर्ति स्तम्भ का लोकार्पण किया। आँवलखेड़ा आगरा से लगभग 24 किलोमीटर जलेसर रोड पर स्थित है। वहाँ पहुँचकर देश-विदेश के भावनाशील साधकगण उसी प्रकार भाव विभोर हो उठते हैं, जैसे चैतन्य महाप्रभु वृन्दावन में पहुँचकर आनंदित हुए थे। गायत्री शक्तिपीठ भारत वर्ष के समस्त जिलों और मुख्य केंद्र मथुरा, हरिद्वार के साथ अन्य देशों में।भी संचालित है।Conclusion:बाइट। प्रिमिला पटेल। अहमदाबाद गुजरात।
बाइट। परशु राम हरिचन्द्र पटले। नागपुर महाराष्ट्र।
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