आगरा: गुरु पूर्णिमा के अवसर पर समस्त भारतवर्ष से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आगरा जिले के ग्राम आंवलखेड़ा स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुंचे. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर यहां सुबह साढ़े पांच बजे से चौबीस कुण्डीय हवन यज्ञ शुरू हुआ. इस हवन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आहुति दी. साथ ही साथ दीक्षा संस्कार कार्यक्रम के बाद भंडारे में प्रसाद वितरण किया गया.
- गायत्री शाक्तिपीठ आचार्य पंडित श्री राम शर्मा की जन्म स्थली है.
- गरु पूर्णिमा के अवसर पर शाक्तिपीठ में हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचे.
- गुरु पूर्णिमा में आंवलखेड़ा हुआ पीतांबर मय.
- हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं गायत्री शाक्तिपीठ में दी आहुति.
आंवलखेड़ा स्तिथ गायत्री शक्तिपीठ का इतिहास
आगरा जिले का एक गांव आंवलखेड़ा है. यहां महान चिंतक एवं गायत्री परिवार के संस्थापक पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य का जन्म हुआ था. यह अब युगतीर्थ बन चुका है. यहां संवत 1967 आश्विन कृष्ण त्र्योदशी बुधवार (2 सितम्बर 1911) को पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य जन्म हुआ था. 15 वर्ष की किशोर अवस्था (वसंत पंचमी-सन 1926) में श्रीराम शर्मा आचार्य जी को हिमालयस्थ ऋषिसत्ता-गुरुसत्ता का साक्षात्कार हुआ. यहीं श्रीराम शर्मा आचार्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के रूप उभरे और श्रीराम मत्त (मस्त) के नाम से प्रसिद्ध हुए. यहीं से उनकी सेवा-साधना प्रारंभ हुई.
विरासत में मिली संपत्ति का किया दान
श्रीराम शर्मा आचार्य को विरासत में मिली प्रचुर भू-सम्पदा का उपयोग अपने और अपने परिवार के लिए नहीं किया बल्कि एक भाग से अपनी माताजी की स्मृति में आंवलखेड़ा में दान कुंवरि इण्टर कॉलेज की स्थापना कराई. बाकी शेष जमीन को गायत्री तपोभूमि के लिए समर्पित कर दी.
1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ का हुआ शुभारंभ
सन 1979-80 में गायत्री शक्तिपीठ एवं राजकीय कन्या इण्टर कॉलेज का शुभारंभ हुआ. आज यह कन्या महाविद्यालय (डिग्री कॉलेज) बन चुका है. सन 1994 में प्रथम पूर्णाहुति समारोह भी यहां सम्पन्न हुआ. इस समारोह में लगभग पचास लाख लोगों ने भाग लिया.