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3 दिन तक आगरा में इस स्थान पर रुके थे गुरु नानक देव

गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर आगरा के सभी गुरुद्वारों पर साज-सज्जा की गई है. नयाबास लोहा मंडी में इसी स्थान पर रुके थे जहां आज गुरुद्वारा है.

गुरुद्वारा
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Published : Nov 19, 2021, 7:34 PM IST

आगरा: सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर आज पूरे देश में नहीं बल्कि विदेश में भी 552 प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. इस कड़ी में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर आगरा के सभी गुरुद्वारों पर साज-सज्जा की गई है. प्रकाश पर्व को लेकर सिख समाज के लोगों में बहुत ही उत्साह रहता है. लेकिन इस कड़ी में सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव के बारे में पता लगाया कि आगरा में भी रह कर गुरु नानक देव जी ने लोगों के दुखों का निवारण किया. लोहा मंडी गुरुद्वारे के सेक्रेटरी बंटी ग्रोवर ने बताया कि 3 दिनों तक पीलू के पेड़ के नीचे गुरु नानक देव जी रुके थे और एक माता के पुत्र को ठीक भी किया था. जिसके बाद गुरु नानक देव जी के जाने के बाद यहां पर गुरुद्वारे की स्थापना की गई है.

इसे भी पढ़ेः गुरु नानक देव जयंती 2021 : प्रियंका गांधी ने यहियागंज गुरुद्वारा में टेका माथा

सेक्रेटरी बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु नानक देव जी जब दक्षिणी की उदासी से वापस आते हुए रुहेलखंड शिवपुरी ग्वालियर होते हुए आगरा की धरती पर आए थे. नयाबास लोहा मंडी में इसी स्थान पर रुके थे जहां आज गुरुद्वारा है. तब उस समय यहां एक छोटी सी बगीची हुआ करती थी. बगीची में एक पीलू का पेड़ था और पीलू के पेड़ के नीचे तीन दिन तक बैठकर दर्शन देते रहे. यहां एक माता रहती थी. उनका इकलौता बेटा कई समय से बीमार था, जिसकी इलाज भी गुरु नानक देव जी ने किया था.

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आगरा: सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव जी के जन्म दिवस पर आज पूरे देश में नहीं बल्कि विदेश में भी 552 प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है. इस कड़ी में गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर आगरा के सभी गुरुद्वारों पर साज-सज्जा की गई है. प्रकाश पर्व को लेकर सिख समाज के लोगों में बहुत ही उत्साह रहता है. लेकिन इस कड़ी में सिख धर्म की स्थापना करने वाले गुरु नानक देव के बारे में पता लगाया कि आगरा में भी रह कर गुरु नानक देव जी ने लोगों के दुखों का निवारण किया. लोहा मंडी गुरुद्वारे के सेक्रेटरी बंटी ग्रोवर ने बताया कि 3 दिनों तक पीलू के पेड़ के नीचे गुरु नानक देव जी रुके थे और एक माता के पुत्र को ठीक भी किया था. जिसके बाद गुरु नानक देव जी के जाने के बाद यहां पर गुरुद्वारे की स्थापना की गई है.

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सेक्रेटरी बंटी ग्रोवर ने बताया कि गुरु नानक देव जी जब दक्षिणी की उदासी से वापस आते हुए रुहेलखंड शिवपुरी ग्वालियर होते हुए आगरा की धरती पर आए थे. नयाबास लोहा मंडी में इसी स्थान पर रुके थे जहां आज गुरुद्वारा है. तब उस समय यहां एक छोटी सी बगीची हुआ करती थी. बगीची में एक पीलू का पेड़ था और पीलू के पेड़ के नीचे तीन दिन तक बैठकर दर्शन देते रहे. यहां एक माता रहती थी. उनका इकलौता बेटा कई समय से बीमार था, जिसकी इलाज भी गुरु नानक देव जी ने किया था.

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