आगरा: ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल आगरा-2019 का शुभारंभ प्रसिद्ध अभिनेता रजा मुराद और दादा फाल्के की नातिन मृदुला ने किया. इस अवसर पर फ्रांस की अभिनेत्री और प्रोड्यूसर मेरिन बोर, वेस्टर्न इंडियन प्रोड्यूसर एसोसिएशन मुंबई के जनरल सेक्रेटरी दिलीप दलवी, फिल्म अभिनेता उमेश बाजपेई, दादा साहब फाल्के के नाती चंद्रशेखर और कार्यक्रम के संरक्षक रंजीत सामा भी मौजूद रहे.
मीडिया से मुखातिब होते हुए अभिनेता रजा मुराद ने ताजमहल को लेकर कहा कि इंटरनेशनल फिल्म डायरेक्टर ताजमहल के दीवाने हैं. वे यहां फिल्म शूटिंग करना चाहते हैं, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत परमिशन की आती है. इसके साथ ही उन्होंने राम मंदिर को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर आम सहमति की बात कही और कहा कि सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की खंडपीठ ने जो फैसला सुनाया है, हम उसका स्वागत करते हैं.
ग्लोबल ताज इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल इंटरनेशनल फिल्मों का मेला है, जिसमें 15 देशों की फिल्में दिखाई जाएंगी. 7 देशों की फिल्मों की 3 दिन में स्क्रीनिंग होगी. ये फिल्में सामाजिक सरोकार, सोशल अवेयरनेस, समाज में संदेश छोड़ने वाली, धार्मिक, पारिवारिक और अन्य संदेश देने वाली हैं. इसके साथ ही फीचर फिल्म, शार्ट फिल्म, डॉक्यूमेंट्री और म्यूजिक वीडियो भी स्क्रीन होंगे.
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अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि मैंने पहली बार ताजमहल 4 से 5 साल की उम्र में फिल्म 'दो आंखें 11 हाथ' में देखा था. ताजमहल में शूटिंग के लिए हर अभिनेता और निदेशक लालायित है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यहां पर परमिशन की आती है. ताजमहल या अन्य मोन्यूमेंट्स पर शूटिंग के लिए आगरा से लेकर दिल्ली और कई विभागों में जाकर के भागदौड़ करनी पड़ती है. यही वजह है कि यहां शूटिंग करना बड़ा मुश्किल है. मेरा सरकार से कहना है कि इस बारे में सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया जाए.
आगरा को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ना चाहिए
रजा मुराद ने कहा कि यूपी के तमाम शहर कानपुर, गोरखपुर, लखनऊ और बनारस एयर कनेक्टिविटी से जुड़े हुए हैं. वहीं अभी तक आगरा नहीं जुड़ा है. अभिनेता आते हैं, जिनका समय भी खराब होता है. इसके लिए पहले उन्हें दिल्ली आना होता फिर उसके बाद आगरा आते हैं, इसमें 5 घंटे का समय लगता है. ऐसे में अगर आगरा को एयर कनेक्टिविटी से जोड़ा जाएगा तो यहां पर शूटिंग करने वाले फिल्म अभिनेता डायरेक्टर तो आएंगे ही साथ ही इंटरनेशनल टूरिस्ट भी सीधे ताजनगरी का रुख कर सकेंगे.
आगरा में फिल्म सिटी
अभिनेता रजा मुराद ने कहा कि आगरा में फिल्म सिटी भी होनी चाहिए, क्योंकि शूटिंग करने के लिए तमाम इंस्ट्रूमेंट की जरूरत होती है और सभी इंस्ट्रूमेंट खुद डायरेक्टर को लेकर आने पड़ते हैं, जिससे काफी दिक्कतें आती हैं. वहीं अगर यही पर सारे इंस्ट्रूमेंट मिलेंगे तो शूटिंग करने में भी आसानी होगी. इसके साथ ही शर्त यह रखी जाए कि डायरेक्टर 20 प्रतिशत लोकल कलाकारों को काम देगा. इससे यह होगा कि लोकल कलाकार को भी काम के साथ ही पहचान मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि कलाकार तो सिर्फ वाहवाही चाहता है. उसे पैसे से इतनी चाहत नहीं होती है, उसे तो चेहरा चमकाना होता है.