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हादसे में 12वीं के छात्र का कटा था हाथ, 10 घंटे के ऑपरेशन के बाद चिकित्सकों ने जोड़ा

आगरा में नामनेर स्थित एसआर हॉस्पिटल के डॉक्टर दस घंटे तक चले ऑपरेशन में 12वीं के छात्र के कटे हाथ को जोड़ने में कामयाब रहे. बता दें कि 23 अप्रैल को सड़क हादसे में छात्र का हाथ कट के अलग हो गया था.

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12 वीं का छात्र
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Published : May 5, 2022, 9:31 AM IST

आगरा: ताजनगरी में पांच ​डॉक्टरों ने दस घंटे तक चले कठिन ऑपरेशन में 12वीं के एक छात्र को दिव्यांग बनने से बचा लिया. इस ऑपरेशन में छात्र के कटे हाथ को बड़ी मुश्किल से जोड़ा गया. इस सफल ऑपरेशन के बाद छात्र के हाथ में रक्त संचार सुचारु रूप से प्रवाहित हो रहा है. वहीं, इस ऑपरेशन के बाद छात्र के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार है.

23 अप्रैल को डौकी थाना क्षेत्र के समोगढ़ मुस्तगील निवासी 17 वर्षीय रोहित यादव पुत्र सुरेंद्र यादव टेंपो से स्कूल जा रहा था. रोहित 12वीं का छात्र है. टेंपो चालक ने रोहित को अपने बगल में बैठा लिया था. अचानक टेंपो पलट गया. इसमें रोहित घायल हो गया. इस हादसे में उसका बायां हाथ कोहनी से अलग हो गया. उसके परिजन उसका कटा हुआ हाथ आइस बॉक्स में रखकर नामनेर स्थित एसआर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने रोहित को भर्ती करके उपचार शुरू किया.

5 चिकित्सकों की टीम ने 10 घंटे में किया ऑपरेशन

चिकित्सकों ने छात्र के पिता से बातचीत की. पिता की सहमति पर प्लास्टिक सर्जन डॉ. ओमकांत गुप्ता, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोयल, डॉ. ओमकांत गुप्ता, डॉ. अजय सिंहल, डॉ. मनीष शर्मा, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोयल और एनेस्थीसिया के डॉ. जेके अल्वी ने ऑपरेशन की प्लानिंग की. पांच सदस्यीय ​चिकित्सकों की टीम ने 10 घंटे तक चले ​इस जटिल ऑपरेशन में कटा हाथ जोड़ दिया.

प्लास्टिक सर्जन डॉ. ओमकांत गुप्ता बताते हैं कि छात्र के हाथ को जोड़ने से पहले ऑपरेशन में क्षतिग्रस्त मांस, विभिन्न प्रकार की नसों, त्वचा और हड्डी की सावधानी से सफाई की और उसे अलग किया. इसके बाद उन्होंने हड्डी, मांस, खून की नसों और त्वचा को जोड़ा. उन्होंने कहा कि ऐसा ऑपरेशन चिकित्सक तभी कर सकते हैं, जब मरीज और कटा हाथ या अन्य हिस्सा 6 घंटे में विशेषज्ञ के पास पहुंच जाए. इस मामले में छात्र रोहित यादव के पिता उसे दो घंटे में ही लेकर हॉस्पिटल आ गए थे.

ऐसा होने पर रखें यह ध्यान

  • दुर्घटना में कटा अंग प्लास्टिक की थैली में सील करें.
  • प्लास्टिक की थैली को आइस बॉक्स में या पानी में 4 डिग्री सेल्सियस पर रखें.
  • मरीज का खून बहने से रोकने के लिए साफ कपड़ा घाव पर रखकर 10 मिनट तक दबाएं रखें. फिर पट्टी बांधें.
  • मरीज में हाथ व बांह जीवित बचने के बाद भी एक या दो साल में हाथ काम करने लगता है.

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आगरा: ताजनगरी में पांच ​डॉक्टरों ने दस घंटे तक चले कठिन ऑपरेशन में 12वीं के एक छात्र को दिव्यांग बनने से बचा लिया. इस ऑपरेशन में छात्र के कटे हाथ को बड़ी मुश्किल से जोड़ा गया. इस सफल ऑपरेशन के बाद छात्र के हाथ में रक्त संचार सुचारु रूप से प्रवाहित हो रहा है. वहीं, इस ऑपरेशन के बाद छात्र के स्वास्थ्य में भी काफी सुधार है.

23 अप्रैल को डौकी थाना क्षेत्र के समोगढ़ मुस्तगील निवासी 17 वर्षीय रोहित यादव पुत्र सुरेंद्र यादव टेंपो से स्कूल जा रहा था. रोहित 12वीं का छात्र है. टेंपो चालक ने रोहित को अपने बगल में बैठा लिया था. अचानक टेंपो पलट गया. इसमें रोहित घायल हो गया. इस हादसे में उसका बायां हाथ कोहनी से अलग हो गया. उसके परिजन उसका कटा हुआ हाथ आइस बॉक्स में रखकर नामनेर स्थित एसआर हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने रोहित को भर्ती करके उपचार शुरू किया.

5 चिकित्सकों की टीम ने 10 घंटे में किया ऑपरेशन

चिकित्सकों ने छात्र के पिता से बातचीत की. पिता की सहमति पर प्लास्टिक सर्जन डॉ. ओमकांत गुप्ता, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोयल, डॉ. ओमकांत गुप्ता, डॉ. अजय सिंहल, डॉ. मनीष शर्मा, हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गोयल और एनेस्थीसिया के डॉ. जेके अल्वी ने ऑपरेशन की प्लानिंग की. पांच सदस्यीय ​चिकित्सकों की टीम ने 10 घंटे तक चले ​इस जटिल ऑपरेशन में कटा हाथ जोड़ दिया.

प्लास्टिक सर्जन डॉ. ओमकांत गुप्ता बताते हैं कि छात्र के हाथ को जोड़ने से पहले ऑपरेशन में क्षतिग्रस्त मांस, विभिन्न प्रकार की नसों, त्वचा और हड्डी की सावधानी से सफाई की और उसे अलग किया. इसके बाद उन्होंने हड्डी, मांस, खून की नसों और त्वचा को जोड़ा. उन्होंने कहा कि ऐसा ऑपरेशन चिकित्सक तभी कर सकते हैं, जब मरीज और कटा हाथ या अन्य हिस्सा 6 घंटे में विशेषज्ञ के पास पहुंच जाए. इस मामले में छात्र रोहित यादव के पिता उसे दो घंटे में ही लेकर हॉस्पिटल आ गए थे.

ऐसा होने पर रखें यह ध्यान

  • दुर्घटना में कटा अंग प्लास्टिक की थैली में सील करें.
  • प्लास्टिक की थैली को आइस बॉक्स में या पानी में 4 डिग्री सेल्सियस पर रखें.
  • मरीज का खून बहने से रोकने के लिए साफ कपड़ा घाव पर रखकर 10 मिनट तक दबाएं रखें. फिर पट्टी बांधें.
  • मरीज में हाथ व बांह जीवित बचने के बाद भी एक या दो साल में हाथ काम करने लगता है.

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