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आगरा: पारस हॉस्पिटल के संचालक और मैनेजर के खिलाफ FIR

उत्तर प्रदेश के आगरा में कोरोना को तेजी फैलाने वाले पारस अस्पताल के संचालक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल से अकेले आगरा में 25 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है.

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आगरा का पारस हॉस्पिटल
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Published : Apr 17, 2020, 2:39 PM IST

आगरा: जिले में जमातियों के बाद कोरोना संक्रमण का 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल के संचालक और मैनेजर के खिलाफ आखिरकार मुकदमा दर्ज हो गया. 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल से आगरा के अलावा दस जिलों में कोरोना संक्रमण फैला है.

ईटीवी भारत ने भी पारस हॉस्पिटल को 'सुपर स्प्रेडर' बताया था तभी से लगातार पारस हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ लोग एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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पारस हॉस्पिटल संचालक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर

इससे जिला प्रशासन की लापरवाही और कार्रवाई पर फिर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि, 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल से अकेले आगरा में 25 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है.

आगरा दिल्ली हाईवे पर भगवान टाकीज के पास स्थित पारस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण फैलने का सिलसिला 6 अप्रैल को शुरु हुआ था. कोरोना पॉजीटिव मरीजों के आंकड़े में पारस हॉस्पिटल बड़े एपिसेंटर के रूप में बाहर निकला है. इस हॉस्पिटल से इलाज कराने वाले मरीज आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, फरूर्खाबाद, इटावा और अन्य जिलों में यहां से संक्रमित हुए लोगों की पुष्टि हो चुकी है. पारस हॉस्पिटल से आगरा में महज दस दिनों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 25 हो गई है. शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में पारस हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमण फैला.

देर से कार्रवाई पर उठे सवाल
जिला प्रशासन ने भगवान टॉकीज स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन और मैनेजर एसपी यादव के खिलाफ प्रशासन से जानकारी छुपाये जाने और सही रिपोर्ट न देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. दोनों के खिलाफ आईपीसी धारा 188, 269,270, 271 में मुकदमा दर्ज हुआ है. 6 अप्रैल को जब पहला मामला सामने आया था तभी से लोग हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. लोगों का गुस्‍सा संक्रमित मरीजों की संख्‍या के साथ लगातार बढ़ता जा रहा था.

जिला प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया गया, क्योंकि जिला प्रशासन ने कमला नगर क्षेत्र के सार्थक हॉस्पिटल संचालक चिकित्सक पिता और पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जबकि इस हॉस्पिटल से सिर्फ पिता और पुत्र ही संक्रमित हुए.

पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों की भी अब कड़ी जोड़ी जा रही है. इस अस्पताल से दस जिलों को भी मुसीबत में डाल दिया है. हालांकि मरीजों के संबंध में संबंधित जिला प्रशासन को इनकी सूची उपलब्ध करा दी गई है.

22 मार्च से छह अप्रैल तक 96 मरीज इस अस्पताल में भर्ती रहे, जिनमें सर्वाधिक आगरा के 32 मरीजों के अलावा मैनपुरी के 17, फीरोजाबाद के 11, हाथरस के 5, इटावा के 7, औरैया के 2, एटा के 10, फरुखाबाद के 2, कासगंज के 6, मथुरा के 2 और अलीगढ़ व कन्नौज के 1-1 मरीज भर्ती थे.

इसे भी पढ़ें:-आगरा में जमाती के बाद पारस हॉस्पिटल बना 'सुपर स्प्रेडर'

आगरा: जिले में जमातियों के बाद कोरोना संक्रमण का 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल के संचालक और मैनेजर के खिलाफ आखिरकार मुकदमा दर्ज हो गया. 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल से आगरा के अलावा दस जिलों में कोरोना संक्रमण फैला है.

ईटीवी भारत ने भी पारस हॉस्पिटल को 'सुपर स्प्रेडर' बताया था तभी से लगातार पारस हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ लोग एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से शुक्रवार को एफआईआर दर्ज कराई गई है.

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पारस हॉस्पिटल संचालक और मैनेजर के खिलाफ एफआईआर

इससे जिला प्रशासन की लापरवाही और कार्रवाई पर फिर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि, 'सुपर स्प्रेडर' पारस हॉस्पिटल से अकेले आगरा में 25 लोग संक्रमित हुए हैं, जिनमें से दो महिलाओं की मौत हो चुकी है.

आगरा दिल्ली हाईवे पर भगवान टाकीज के पास स्थित पारस हॉस्पिटल में कोरोना संक्रमण फैलने का सिलसिला 6 अप्रैल को शुरु हुआ था. कोरोना पॉजीटिव मरीजों के आंकड़े में पारस हॉस्पिटल बड़े एपिसेंटर के रूप में बाहर निकला है. इस हॉस्पिटल से इलाज कराने वाले मरीज आगरा, मथुरा, फीरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, फरूर्खाबाद, इटावा और अन्य जिलों में यहां से संक्रमित हुए लोगों की पुष्टि हो चुकी है. पारस हॉस्पिटल से आगरा में महज दस दिनों में कोरोना पॉजिटिव की संख्या 25 हो गई है. शहर से ग्रामीण क्षेत्रों में पारस हॉस्पिटल से कोरोना संक्रमण फैला.

देर से कार्रवाई पर उठे सवाल
जिला प्रशासन ने भगवान टॉकीज स्थित पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ अरिंजय जैन और मैनेजर एसपी यादव के खिलाफ प्रशासन से जानकारी छुपाये जाने और सही रिपोर्ट न देने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है. दोनों के खिलाफ आईपीसी धारा 188, 269,270, 271 में मुकदमा दर्ज हुआ है. 6 अप्रैल को जब पहला मामला सामने आया था तभी से लोग हॉस्पिटल संचालक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे थे. लोगों का गुस्‍सा संक्रमित मरीजों की संख्‍या के साथ लगातार बढ़ता जा रहा था.

जिला प्रशासन पर पक्षपात करने का आरोप भी लगाया गया, क्योंकि जिला प्रशासन ने कमला नगर क्षेत्र के सार्थक हॉस्पिटल संचालक चिकित्सक पिता और पुत्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जबकि इस हॉस्पिटल से सिर्फ पिता और पुत्र ही संक्रमित हुए.

पारस हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों के तीमारदारों की भी अब कड़ी जोड़ी जा रही है. इस अस्पताल से दस जिलों को भी मुसीबत में डाल दिया है. हालांकि मरीजों के संबंध में संबंधित जिला प्रशासन को इनकी सूची उपलब्ध करा दी गई है.

22 मार्च से छह अप्रैल तक 96 मरीज इस अस्पताल में भर्ती रहे, जिनमें सर्वाधिक आगरा के 32 मरीजों के अलावा मैनपुरी के 17, फीरोजाबाद के 11, हाथरस के 5, इटावा के 7, औरैया के 2, एटा के 10, फरुखाबाद के 2, कासगंज के 6, मथुरा के 2 और अलीगढ़ व कन्नौज के 1-1 मरीज भर्ती थे.

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