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आगरा: बेटी की जान बचाने की कोशिश में पिता जिंदगी से हारे - यूपी न्यूज

जिले में बेटी की जान बचाने के लिए पिता किडनी डोनेट करने गए थे, जहां डोनेट से चंद घंटे पहले ही पिता की तबियत बिगड़ गई और हॉस्पिटल में ही उनकी मौत हो गई. इस घटना के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

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Published : May 13, 2019, 7:48 AM IST

आगरा : जिले के ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के गढ़ी तुरसा निवासी भरत सिंह एडवोकेट पूर्व प्रधानाध्यापक उम्र 68 की बेटी ममता की शादी सन 2006 में तारन सिंह निवासी नेहरू एनक्लेव आगरा के साथ हुई थी. कुछ समय पहले ममता की तबीयत खराब हुई, तो डॉक्टर ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट होगी. इसके लिए दोनों परिवार के सदस्यों ने चेकअप कराए, लेकिन सफलता नहीं मिली. आखिरी में पिता ने जब चेकअप कराया तो उनकी सभी जांच सही मिली, जिस पर पिता ने एक पल गवाएं बिना अपनी बेटी को किडनी देने का निर्णय लिया.

जानकारी देते मृतक के पुत्र.


किडनी डोनेट से चंद घंटे पहले पिता की मौत

  • ममता का दिल्ली के एक अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट होना था, मृतक के पुत्र रामनिवास के अनुसार 27 अप्रैल को एडीएम आगरा द्वारा अनुमति मिली थी.
  • उसके बाद 30 अप्रैल को पिता भरत सिंह हॉस्पिटल में एडमिट हो गए थे और 1 मई को सुबह किडनी ट्रांसप्लांट होने का समय था.
  • लेकिन डोनेट से चंद घंटे पहले रात को अचानक से तबीयत बिगड़ गई, तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली, आगरा हॉस्पिटल में इलाज कराया गया.
  • लेकिन 11 मई को पिता भरत सिंह की मौत हो गई. मौत की सूचना परिजनों को हुई तो परिवार में कोहराम मच गया, वहीं बेटी को पिता की मौत का पता नहीं है, बेटी की डायलिसिस चल रही है.

बहन ममता की तबीयत खराब है, डायलिसिस हो रही है. इसीलिए पिता की मौत की सूचना बहन को नहीं दी है. मौत की सूचना मिलने के बाद उसकी भी तबीयत खराब हो सकती है, इसलिए नहीं बताया गया.
रामनिवास, मृतक के पुत्र

आगरा : जिले के ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के गढ़ी तुरसा निवासी भरत सिंह एडवोकेट पूर्व प्रधानाध्यापक उम्र 68 की बेटी ममता की शादी सन 2006 में तारन सिंह निवासी नेहरू एनक्लेव आगरा के साथ हुई थी. कुछ समय पहले ममता की तबीयत खराब हुई, तो डॉक्टर ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट होगी. इसके लिए दोनों परिवार के सदस्यों ने चेकअप कराए, लेकिन सफलता नहीं मिली. आखिरी में पिता ने जब चेकअप कराया तो उनकी सभी जांच सही मिली, जिस पर पिता ने एक पल गवाएं बिना अपनी बेटी को किडनी देने का निर्णय लिया.

जानकारी देते मृतक के पुत्र.


किडनी डोनेट से चंद घंटे पहले पिता की मौत

  • ममता का दिल्ली के एक अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट होना था, मृतक के पुत्र रामनिवास के अनुसार 27 अप्रैल को एडीएम आगरा द्वारा अनुमति मिली थी.
  • उसके बाद 30 अप्रैल को पिता भरत सिंह हॉस्पिटल में एडमिट हो गए थे और 1 मई को सुबह किडनी ट्रांसप्लांट होने का समय था.
  • लेकिन डोनेट से चंद घंटे पहले रात को अचानक से तबीयत बिगड़ गई, तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली, आगरा हॉस्पिटल में इलाज कराया गया.
  • लेकिन 11 मई को पिता भरत सिंह की मौत हो गई. मौत की सूचना परिजनों को हुई तो परिवार में कोहराम मच गया, वहीं बेटी को पिता की मौत का पता नहीं है, बेटी की डायलिसिस चल रही है.

बहन ममता की तबीयत खराब है, डायलिसिस हो रही है. इसीलिए पिता की मौत की सूचना बहन को नहीं दी है. मौत की सूचना मिलने के बाद उसकी भी तबीयत खराब हो सकती है, इसलिए नहीं बताया गया.
रामनिवास, मृतक के पुत्र

Intro:बेटी की जान बचाने के लिए पिता देने गए थे किडनी, डोनेट करने के लिए हॉस्पिटल में हुए थे एडमिट, डोनेट से चंद घंटे पहले पिता की तबियत बिगड़ी l
हॉस्पिटल में पिता की मौत, पूर्व प्रधानाध्यापक है मृतक, परिजनो का रो रोकर बुरा हाल l
Body:बेटी की जान बचाने के लिए पिता देने गए थे किडनी, डोनेट करने के लिए हॉस्पिटल में हुए थे एडमिट, डोनेट से चंद घंटे पहले पिता की तबियत बिगड़ी l
हॉस्पिटल में पिता की मौत, पूर्व प्रधानाध्यापक है मृतक, परिजनो का रो रोकर बुरा हाल l

आगरा जिले के ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के गढ़ी तुरसा निवासी भरत सिंह एडवोकेट पूर्व प्रधानाध्यापक उम्र 68 की बेटी ममता की शादी सन 2006 में तारन सिंह निवासी नेहरू एनक्लेव आगरा के साथ हुई थी l कुछ समय पहले ममता की तबीयत खराब हुई तो डॉक्टर ने बताया कि किडनी ट्रांसप्लांट होगी इसके लिए दोनों परिवार के सदस्यों ने चेकअप कराए, लेकिन सफलता नहीं मिली l आखिरकार में पिता ने जब चेकअप कराया तो उनकी सभी जांच सही मिली, जिस पर पिता ने एक पल गवाए बिना अपनी बेटी को किडनी देने का निर्णय लिया है l
ब्लाक शमसाबाद क्षेत्र के गढ़ी तुरसा निवासी भरत सिंह की बेटी ममता की दिल्ली के एक अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट होनी थी, इसके लिए उनके पिता भरत सिंह पूर्व प्रधानाध्यापक ने अपनी बेटी को किडनी डोनेट करने का फैसला किया l मृतक के पुत्र रामनिवास के अनुसार 27 अप्रैल को एडीएम आगरा द्वारा अनुमति मिली थी, उसके बाद 30 अप्रैल को पिता भरत सिंह हॉस्पिटल में एडमिट हो गए थे और 1 मई को सुबह किडनी ट्रांस प्लांट होने का समय था l लेकिन 30 मई की रात को अचानक से तबीयत बिगड़ गई, तबीयत बिगड़ने के बाद दिल्ली, आगरा हॉस्पिटल में इलाज कराया गया l लेकिन 11 मई को पिता भरत सिंह की मौत हो गई l भरत सिंह की मौत की सूचना परिजनों को हुई तो परिवार में कोहराम मच गया, वहीं क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई l

बेटी को पिता की मौत का नहीं है पता, बेटी की चल रही है डायलेसिस l

मृतक के बेटे रामनिवास ने बताया कि बहन ममता की तबीयत खराब है, डायलेसिस हो रही है l इसीलिए पिता की मौत की सूचना बहन को नहीं दी है l मौत की सूचना मिलने के बाद उसकी भी तबीयत खराब हो सकती है इसलिए नहीं बताया गया है l

आखिर अब कौन बचाएगा ममता की जान l : अब पिता की मौत के बाद सबसे बड़ा सवाल यह है कि ममता की जान किस तरह से बचेगी एक पिता अपनी बेटी को किडनी डोनेट करना चाहता था लेकिन डोनेट नहीं कर सका इस बात का मलाल मैं तक के सभी परिवार जनों को भी है l

दाह संस्कार में उमड़ी क्षेत्रीय लोगों की भीड़पूर्व प्रधानाध्यापक भरत सिंह का शव जैसे ही उनके गांव गढ़ी तुरसा पहुंचा तो आसपास के दर्जनों गांव के लोग उन की शव यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंचे l हर कोई उनके जज्बे को सलाम कर रहा था l लेकिन कहीं ना कहीं बेटी को किडनी डोनेट न कर पाने का लोगों को भी मलाल था l शव यात्रा में शामिल लोगों की आंखें नम हो गई lConclusion:म्रतक का पुत्र रामनिवास
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