आगरा: जिले में पुलिस ने क्रेडिट कार्ड (credit card) से ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है. शिकायत के बाद खेरागढ़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके बाद एसटीएफ आगरा और खेरागढ़ पुलिस ने 25000 रुपये की वांछित आरोपी महिला समेत दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दोनों को आगरा लाकर न्यायालय में पेश कर दिया. वहां से दोनों को जेल भेज दिया गया है.
ऐसे की गई धोखाधड़ी
गजेन्द्र सिंह ने बीती 22 जनवरी को खेरागढ़ थाने में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी. उसने बताया कि करीब दो माह पूर्व एसबीआई खेरागढ़ से गौरव नाम के व्यक्ति ने उसे फोन किया था. गौरव ने बताया कि आपका नाम क्रेडिट कार्ड (credit card) बनवाने की लिस्ट में आया है. गौरव ने उन्हें गुमराह करके क्रेडिट कार्ड की सभी फॉर्मेल्टी पूरी करा लीं. गौरव ने उनसे कहा कि आपके पास वेरिफिकेशन के लिए कॉल आएगा, जो कुछ पूछा जाए बता दीजिएगा. वेरिफिकेशन कॉल आने पर गजेन्द्र ने सारी जानकारी बैंक (bank) को दे दी. उसका क्रेडिट कार्ड 3 नवंबर को उसके घर पर भी पहुंच गया. गजेन्द्र सिंह ने बताया कि जब वह क्रेडिट कार्ड को शुरू करवाने के लिए बैंक गया, तो उन्हें पता चला कि उनके साथ धोखाधड़ी हुई है.
चार लोग पहले जा चुके हैं जेल
शिकायत मिलने के बाद 26 जनवरी को खेरागढ़ पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने कार्रवाई करते हुए फर्जी तरीके से साइट बनाकर ठगी (thug) करने वाले गिरोह को पकड़ा था. गिरोह विभिन्न बैंकों (bank) के क्रेडिट कार्ड (credit card) धारकों का डेटा प्राप्त करके उनके साथ ठगी करता था. पुलिस गिरोह के सरगना सौरव भारद्वाज समेत चार अभियुक्तों को गिरफ्तार कर चुकी है. पकड़े गए लोगों से पूछताछ में और भी लोगों के नाम सामने आए थे. इसमें मुख्य रूप से मोनिका उर्फ शिल्पी का नाम शामिल था. पुलिस ने इसके ऊपर 25000 का इनाम भी घोषित किया था.
नाम बदलकर करते थे काल
पुलिस ने बताया कि ये आरोपी फर्जी साइट बनाकर नाम बदलकर कॉल करके लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. इसके बाद लोगों को ठग (thug) लिया करते थे. पकड़ी गई मोनिका प्रतिष्ठित कॉल सेंटर में जॉब करती थी. उसने करीब 6 महीने पहले जॉब छोड़कर ठगी करना शुरू कर दिया था.
दिनेश उर्फ सुलेमान है बैंक कर्मचारी
दिनेश उर्फ सुलेमान भी कई बैंकों (agra bank) के लिए कार्य करता था. बैंक के ग्राहकों को डेटा चुराने में उसकी मदद प्रदीप नाम का एक दूसरा कर्मचारी करता था. प्रदीप भी इसी कार्यालय में बैठता है.
दिनेश देता था मोनिका को डेटा
पूछताछ में दिनेश उर्फ सुलेमान ने बताया कि वह मोनिका को 6 से 10 रुपये प्रति व्यक्ति डाटा बेचता था. इस डाटा को मोनिका उर्फ शिल्पी 35 रुपये में सौरभ भारद्वाज को बेचती थी.
मुखबिर की सूचना पर पकड़े गए आरोपी
मुखबिर से सूचना मिलने के बाद पुलिस ने दिल्ली के उत्तम नगर मेट्रो स्टेशन के पास काया क्लीनिक के कार्यालय से मोनिका उर्फ शिल्पी को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने दिनेश उर्फ सुलेमान को मोनिका उर्फ शिल्पी द्वारा बताए गए मोती नगर मेट्रो स्टेशन के पास एक बिल्डिंग से गिरफ्तार किया है.
क्रेडिट कार्ड के घर पंहुचते ही हो गई खरीददारी
तीन नवम्बर 2020 को गजेन्द्र के घर पर क्रेडिट कार्ड (credit card) पहुंचा था. गजेन्द्र 19 दिसम्बर 2020 को क्रेडिट कार्ड चालू करवाने बैंक गया तो, उसे पता चला कि क्रेडिट कार्ड चालू हो चुका है. तीन नवम्बर को उसके कार्ड से 20589 की शॉपिंग भी हो चुकी है.