आगरा: जिले के जो कांजी बड़े वाले बाबा कोरोना की पहली लहर के दौरान और लॉकडाउन के बाद सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पूरे देश में छा गए थे. उन्हीं बाबा की शनिवार रात को कैंसर की वजह से मौत हो गई. पिछले कई महीने से बाबा अपना ठेला नहीं लगा पा रहे थे, जिसकी वजह से उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. बाबा के परिवार का कहना है कि आर्थिक तंगी के चलते उनका इलाज ठीक से नहीं हो सका, जिसके कारण देर रात बाबा अपनी जिंदगी की जंग हार गए.
लॉकडाउन में नहीं लग पाया ठेला
आगरा के कमला नगर क्षेत्र के रहने वाले नारायण सिंह(कांजी बड़े वाले बाबा) के दो बेटे हैं, जिसमें उनके बड़े बेटे छीतो की करीब आठ महीने पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद से उनकी बहू ठेला लगाने में मदद करती थी. ठेले से हो रही कमाई और छोटे बेटे पिंकी की कमाई से ही परिवार चलता था, लेकिन कोरोना संक्रमण बढ़ने की वजह से लॉकडाउन लग गया और इसी वजह से न तो छोटे बेटे पिंकी को काम मिला और न ही बाबा का ठेला लग पाया.
प्रशासन ने किया था मदद का वादा
बाबा के छोटे बेटे पिंकी ने बताया कि "20 अक्टूबर 2020 को कमला नगर की एक लड़की ने बाबा के ठेले का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया था, जिसके बाद बाबा पूरे देश में छा गए थे. इसके बाद आगरा के डीएम और मेयर के साथ ही तमाम लोग बाबा के पास पहुंचने लगे थे और बाबा को मदद का भरोसा भी दिलाया था. जिस लड़की ने बाबा का वीडियो वायरल किया था, उसने बाबा को 18 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी की थी. जिले के डीएम और मेयर ने भी बाबा को मदद का भरोसा दिलाया था, लेकिन यह सब वादे सिर्फ बातों में ही रह गए. बाबा को प्रशासन और सरकार से कोई भी मदद नहीं मिल पाई.
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आर्थिक तंगी के कारण नहीं हो पाया इलाज
पिंकी ने बताया कि बाबा का वीडियो वायरल होने के करीब 20 से 25 दिनों बाद ही बाबा को कैंसर की शिकायत हो गई थी, जिसके इलाज के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. वहीं लड़की द्वारा दिए गए 18 हजार रुपये और घर के कुछ पैसों से बाबा का इलाज कराया, लेकिन पैसे खत्म होने के बाद परिजन आर्थिक तंगी से जूझने लगे और बाबा का सही से इलाज नहीं करा सके. बाबा की शनिवार देर रात करीब 2:00 बजे मौत हो गई.
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बहू लगाएगी कांजी बड़े का ठेला
बाबा के बड़े बेटे की बहू बबली ने बताया कि "घर का सारा पैसा और मिले हुए 18 हजार रुपये बाबा की बीमारी में खर्च हो गए. पैसे न होने की वजह से बाबा को हम नहीं बचा सके. वहीं आगरा के मेयर नवीन जैन ने बाबा के लिए एक स्टॉल देने का वादा भी किया था, लेकिन अभी तक वह वादा पूरा नहीं किया गया. बबली ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें एक स्टॉल दी जाए, जिससे कि वह बाबा की जगह कांजी बड़े बेच सकें और परिवार का भरण पोषण कर सकें.