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यूपी की पहली म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी, डॉक्टरों ने होंठ की झिल्ली निकालकर आंखों में लगाई - 4 साल की तान्या की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी

फिरोजाबाद में शुक्रवार को चार साल की बच्ची की आंख की रोशनी वापस लाने के लिए एसएनएमसी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने ऑपरेशन कर उसकी होठों की झिल्ली निकालकर आंखों में लगायी है. झोलाछाप डॉक्टर के दवा के रिएक्शन से बच्ची की आंख की परत चिपक गई थीं और उसके शरीर पर फफोले पड़ गए थे. परिवार वालों ने इसे चिकेनपॉक्स मानकर उसका इलाज नहीं कराया. इससे बच्ची की आंखों की रोशनी चली गई थी.

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बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी
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Published : Aug 5, 2022, 12:38 PM IST

आगराः जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज (Sarojini Naidu Medical College) के डॉक्टरों ने गुरुवार को एक बेहद मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को चार साल की बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की. झोलाछाप डॉक्टर की गलत दवाओं से हुए रिएक्शन के कारण बच्ची की आंख की रोशनी चली गई थी. साथ ही उसकी आंखों के अंदर की परत भी चिपक गई थीं. जिसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए होंठ की झिल्ली को निकालकर उसकी आंख में लगाया. इस सर्जरी के बाद बच्ची की आंख की रोशनी लौटने की उम्मीद है. डॉक्टरों का दावा है कि यह यूपी की पहली म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की है.

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चार साल की बच्ची तान्या

फिरोजाबाद जिले के गांव करारे अबोगढ़ निवासी निरसाद ने अपनी चार वर्षीय बेटी तान्या को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया था. जहां से उसे नेत्र विभाग में शिफ्ट किया गया. तान्या की आंखें चिपकी हुई थी. उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. वहीं मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में कार्निया एंड ऑक्यूलर विभाग की एचओडी डॉ. शेफाली मजूमदार ने बताया कि 'परिजनों की काउंसलिंग में यह सामने आया कि तीन माह पहले तान्या को बुखार आया था. इस पर उसे गांव के झोलाछाप डॉक्टर से दवा दिलाई गई थी. झोलाछाप की दवा से तान्या के शरीर पर फफोले पड़ गए और उसकी आंखें भी चिपक गई थीं. जिसे परिवार ने चिकेनपॉक्स मानकर बच्ची का इलाज नहीं कराया और तान्या की आंखों की रोशनी चली गई.'

ये भी पढ़ें- डीएम ने छात्रा की खोई साईकिल भेंट कर निभाया अपना वादा, चेहरे पर लौटी मुस्कान

डॉ. शेफाली ने आगे बताया कि 'बच्ची को भर्ती करने के बाद जांच करने पर पता चला की दवा के रिएक्शन से बच्ची को स्टेवेंस जानसन सिंड्रोम हुआ. जिससे आंख के अंदर की परतें चिपक गई और उसकी आंखों की रोशनी चली गई. जांच के बाद डॉ. शैफाली मजूमदार, एनेस्थीसिया कि डॉ. सुप्रिया, रेजिडेंट डॉ. मुकेश प्रकाश, लवी मधुर, आलोक गंगवार, दीपिका डेनियल, महेंद्र और रवि की टीम ने बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की. जिसमें बच्ची के होंठ से झिल्ली लेकर म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग से आंख में लगाई गई. इस सर्जरी के दौरान 4 घंटे का वक्त लगा. डॉ. शैफाली मजूमदार ने कहा कि तान्या की आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद है.

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आगराः जिले के एसएन मेडिकल कॉलेज (Sarojini Naidu Medical College) के डॉक्टरों ने गुरुवार को एक बेहद मुश्किल ऑपरेशन को अंजाम दिया है. मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के डॉक्टरों की टीम ने गुरुवार को चार साल की बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की. झोलाछाप डॉक्टर की गलत दवाओं से हुए रिएक्शन के कारण बच्ची की आंख की रोशनी चली गई थी. साथ ही उसकी आंखों के अंदर की परत भी चिपक गई थीं. जिसके बाद चिकित्सकों ने बच्ची की आंखों की रोशनी वापस लाने के लिए होंठ की झिल्ली को निकालकर उसकी आंख में लगाया. इस सर्जरी के बाद बच्ची की आंख की रोशनी लौटने की उम्मीद है. डॉक्टरों का दावा है कि यह यूपी की पहली म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की है.

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चार साल की बच्ची तान्या

फिरोजाबाद जिले के गांव करारे अबोगढ़ निवासी निरसाद ने अपनी चार वर्षीय बेटी तान्या को एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में भर्ती कराया था. जहां से उसे नेत्र विभाग में शिफ्ट किया गया. तान्या की आंखें चिपकी हुई थी. उसे कुछ दिखाई नहीं दे रहा था. वहीं मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग में कार्निया एंड ऑक्यूलर विभाग की एचओडी डॉ. शेफाली मजूमदार ने बताया कि 'परिजनों की काउंसलिंग में यह सामने आया कि तीन माह पहले तान्या को बुखार आया था. इस पर उसे गांव के झोलाछाप डॉक्टर से दवा दिलाई गई थी. झोलाछाप की दवा से तान्या के शरीर पर फफोले पड़ गए और उसकी आंखें भी चिपक गई थीं. जिसे परिवार ने चिकेनपॉक्स मानकर बच्ची का इलाज नहीं कराया और तान्या की आंखों की रोशनी चली गई.'

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डॉ. शेफाली ने आगे बताया कि 'बच्ची को भर्ती करने के बाद जांच करने पर पता चला की दवा के रिएक्शन से बच्ची को स्टेवेंस जानसन सिंड्रोम हुआ. जिससे आंख के अंदर की परतें चिपक गई और उसकी आंखों की रोशनी चली गई. जांच के बाद डॉ. शैफाली मजूमदार, एनेस्थीसिया कि डॉ. सुप्रिया, रेजिडेंट डॉ. मुकेश प्रकाश, लवी मधुर, आलोक गंगवार, दीपिका डेनियल, महेंद्र और रवि की टीम ने बच्ची की म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग सर्जरी की. जिसमें बच्ची के होंठ से झिल्ली लेकर म्यूकस मेंब्रेन ग्राफ्टिंग से आंख में लगाई गई. इस सर्जरी के दौरान 4 घंटे का वक्त लगा. डॉ. शैफाली मजूमदार ने कहा कि तान्या की आंखों की रोशनी लौटने की उम्मीद है.

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