आगराः जिले में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पर्यावरणविद एमसी मेहता और नेशनल इनवायरमेंटल इंजीनियरिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (नीरी) के चेयरमैन डॉ. एसके गोयल शुक्रवार को आगरा पहुंचे. दोनों ने सर्किट हाउस में नगर निगम और अन्य संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की. इसके बाद यमुना नदी का निरीक्षण किया. यह यमुना की हालत देखी तो एमसी मेहता और डाॅ. एसके गोयल हैरान रह गए. दोनों ने मुंह पर मास्क लगाए थे, लेकिन बदबू के चलते रूमाल भी रखना पड़ा. उन्होंने कहा कि यमुना में गिरने वालों नालों से हो रहे प्रदूषण को रोकने के क्या उपाय हैं, इसकी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने लेदर पार्क, इंडस्ट्रीयल एरिया कुबेरपुर लैंडफिल साइट की भी अधिकारियों से जानकारी ली.
यमुना में गिर रहे 61 नाले
जब नीरी के चैयरमैन डाॅ. एसके यादव ने यमुना की दुर्दशा पर सवाल उठाया तो नगर निगम के पर्यावरण अभियन्ता राजीव राठी ने बताया कि अभी हाल में यमुना में गिरने वाले 29 नाले टैप हैं. 61 नाले यमुना में गिर रहे हैं.
सैंपल लेने की बात पर सकपका गए अधिकारी
नगर निगम के पर्यावरण अभियंता राजीव राठी ने बताया कि पिछले वर्ष यमुना में सीधे गिरने वाले नालों पर बायो रेमेडिएशन तकनीक अमल में लाई गई है. अभी फाइटो रेमेडिएशन और अमल में लाई जाएगी, जिससे और सुधार होगा. मगर, जब दोनों अधिकारियों ने मौके पर ही नाले के पानी के सैंपल लेकर जांच कराने के लिए कहा तो अधिकारी बगले झांकने लगे. बाद में कहा कि वे उपकरण नहीं लेकर आए हैं. इस पर पर्यावरणविद अधिवक्ता एमसी मेहता और नीरी के चैयरमैन डाॅ. एसके गोयल ने कहा कि जब भी निरीक्षण करने आएं तो सभी उपकरण लेकर आना.
कूड़ा उठान की जानकारी ली
यमुना के निरीक्षण के दौरान एमसी मेहता ने कहा कि पानी तो सभी की जरूरत है. मानव और पक्षियों के लिए स्वच्छ हवा और पानी तो होना ही चाहिए. मगर, यमुना की हालत बेहद खराब है. उन्होंने नगर निगम से यमुना की दशा में सुधार को किए जा रहे प्रयासों की जानकारी मांगी. इसके बाद पर्यावरणविद एमसी मेहता और नीरी के चैयरमैन डाॅ. एसके गोयल ने अधिकारियों से कुबेरपुर लैंडफिल साइट से कूड़े के उठान की जानकारी ली. लेदर पार्क से जुड़े अभिलेख भी मांगे.