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एक ही जगह 5 लीकेज, 50 हजार लोगों के सामने गहरा रहा पानी का संकट - लीकेज

यूपी के आगरा में एमएसएमई पार्क के सामने तिराहे पर काफी समय से पाइप लाइन टूटी है. इस वजह से वहां हजारों लीटर पानी लगातार बर्बाद हो रहा है. अधिकारियों से इस समस्या की शिकायत करने पर कोई समाधान नहीं निकला. लोगों का कहना है कि इस क्षेत्र में पानी की समस्या होती है और लोग पानी खरीद कर काम चलाते हैं.

लीकेज से हो रही परेशानी.
लीकेज से हो रही परेशानी.
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Published : Jan 3, 2021, 8:08 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 9:55 AM IST

आगरा: फाउंड्री नगर स्थित एमएसएमई पार्क के सामने तिराहे पर पिछले 1 साल से हजारों लीटर पानी नाले में बह रहा है. तिराहे पर दोनों तरफ पाइप टूटे होने की वजह से करीब पांच लीकेज हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इसे देखने वाला नहीं है. क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कई बार लीकेज के लिए जलकल में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई भी समाधान नहीं होता है. अगर कोई कर्मचारी आता भी है तो लीकेज का अस्थाई इंतजाम करके चला जाता है जो 1 दिन भी नहीं चल पाता है.

दरअसल वाटरवर्क्स से हाथरस रोड के नीचे जा रही बड़ी पाइप लाइन में 4 इंच की पाइप लाइन जोड़कर उसके द्वारा करीब पचास हजार लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. चार इंच की पाइप लाइन से पानी की सप्लाई फाउंड्री नगर क्षेत्र के केके नगर, शोभा नगर, राधा नगर और इस्लामनगर इलाकों में की जाती है.

लीकेज से हो रही परेशानी.

खारे पानी की रहती है समस्या
बता दें कि इन क्षेत्रों में खारा पानी आने की वजह से वाटरवर्क्स के पानी की यहां अधिकतर मांग बनी रहती है. इस वजह से जब भी कोई लाइन टूट जाती है या पानी नहीं आता है, तो यहां के निवासियों को पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है. स्थानीय निवासी राजेन्द्र का कहना है कि लंबे समय से ये लाइन लीकेज है और यहां लगातार ऐसे ही पानी बहता रहता है. जब इसकी किसी ने सुध नहीं ली तो यहीं के लोगों ने पाइप लाइन पर ट्यूब लगाकर पानी रोकने की कई बार नाकाम कोशिश की, लेकिन कुछ समय बाद फिर से पानी बहना शुरू हो गया.

पानी की हमेशा रहती है किल्लत
के के नगर के सुदामा का कहना है कि करीब 2 साल हो गए तब से ये पानी बदस्तूर नाले में बह रहा है. जब भी विभाग के कर्मचारी यहां आते हैं तो अस्थाई इंतजाम करके चले जाते हैं, जो 1 दिन भी नहीं टिक पाता और फिर दोबारा से पानी बहने लगता है. पानी न आने की वजह से केके नगर और आसपास के लोग हमेशा पानी के लिए बेहाल रहते हैं.

स्थानीय गिरीश शर्मा ने बताया कि लीकेज की वजह से पानी बर्बाद हो रहा है और बस्तियों में पानी कम प्रेशर से आता है और ऊंची जगह पर तो पानी पहुंच ही नहीं पाता. उन्होंने बताया कि एक बस्ती में 8 से 10 हजार लोगों की संख्या है. एक दो बार लीकेज सही करने कोई आया भी है तो उसने सही से काम ही नहीं किया. जलकल की लापरवाही की वजह से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. लोग 200 रुपये टैंकर और 20 रुपये बाल्टी पानी के लिए चुकाकर अपना काम चलाते हैं.

इस संबंध में जलकल के एक्ससीएन वी.बी. सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने लीकेज की जानकारी पर अनभिज्ञता जाहिर की और जल्दी ही उसे सही कराने के लिए क्षेत्रीय जेई से कहा, लेकिन जेई ने सोमवार को लीकेज सही करने की बात कहकर मामला टाल दिया.

आगरा: फाउंड्री नगर स्थित एमएसएमई पार्क के सामने तिराहे पर पिछले 1 साल से हजारों लीटर पानी नाले में बह रहा है. तिराहे पर दोनों तरफ पाइप टूटे होने की वजह से करीब पांच लीकेज हैं, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इसे देखने वाला नहीं है. क्षेत्रीय लोगों का आरोप है कई बार लीकेज के लिए जलकल में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन समस्या का कोई भी समाधान नहीं होता है. अगर कोई कर्मचारी आता भी है तो लीकेज का अस्थाई इंतजाम करके चला जाता है जो 1 दिन भी नहीं चल पाता है.

दरअसल वाटरवर्क्स से हाथरस रोड के नीचे जा रही बड़ी पाइप लाइन में 4 इंच की पाइप लाइन जोड़कर उसके द्वारा करीब पचास हजार लोगों के घरों तक पानी पहुंचाया जा रहा है. चार इंच की पाइप लाइन से पानी की सप्लाई फाउंड्री नगर क्षेत्र के केके नगर, शोभा नगर, राधा नगर और इस्लामनगर इलाकों में की जाती है.

लीकेज से हो रही परेशानी.

खारे पानी की रहती है समस्या
बता दें कि इन क्षेत्रों में खारा पानी आने की वजह से वाटरवर्क्स के पानी की यहां अधिकतर मांग बनी रहती है. इस वजह से जब भी कोई लाइन टूट जाती है या पानी नहीं आता है, तो यहां के निवासियों को पानी की एक-एक बूंद के लिए तरसना पड़ता है. स्थानीय निवासी राजेन्द्र का कहना है कि लंबे समय से ये लाइन लीकेज है और यहां लगातार ऐसे ही पानी बहता रहता है. जब इसकी किसी ने सुध नहीं ली तो यहीं के लोगों ने पाइप लाइन पर ट्यूब लगाकर पानी रोकने की कई बार नाकाम कोशिश की, लेकिन कुछ समय बाद फिर से पानी बहना शुरू हो गया.

पानी की हमेशा रहती है किल्लत
के के नगर के सुदामा का कहना है कि करीब 2 साल हो गए तब से ये पानी बदस्तूर नाले में बह रहा है. जब भी विभाग के कर्मचारी यहां आते हैं तो अस्थाई इंतजाम करके चले जाते हैं, जो 1 दिन भी नहीं टिक पाता और फिर दोबारा से पानी बहने लगता है. पानी न आने की वजह से केके नगर और आसपास के लोग हमेशा पानी के लिए बेहाल रहते हैं.

स्थानीय गिरीश शर्मा ने बताया कि लीकेज की वजह से पानी बर्बाद हो रहा है और बस्तियों में पानी कम प्रेशर से आता है और ऊंची जगह पर तो पानी पहुंच ही नहीं पाता. उन्होंने बताया कि एक बस्ती में 8 से 10 हजार लोगों की संख्या है. एक दो बार लीकेज सही करने कोई आया भी है तो उसने सही से काम ही नहीं किया. जलकल की लापरवाही की वजह से लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंच रहा है. लोग 200 रुपये टैंकर और 20 रुपये बाल्टी पानी के लिए चुकाकर अपना काम चलाते हैं.

इस संबंध में जलकल के एक्ससीएन वी.बी. सिंह से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने लीकेज की जानकारी पर अनभिज्ञता जाहिर की और जल्दी ही उसे सही कराने के लिए क्षेत्रीय जेई से कहा, लेकिन जेई ने सोमवार को लीकेज सही करने की बात कहकर मामला टाल दिया.

Last Updated : Jan 3, 2021, 9:55 AM IST
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