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आगरा के इन गांवों के हर घर में हैं दिव्यांग, जानिए क्या है वजह - आगरा के गांव में पानी की समस्या

आगरा में ताजगंज क्षेत्र के बरौली अहीर ब्लाक के पट्टी पंचगई, पंचगई खेड़ा और पंचगई गांव में पीने के पानी की बड़ी समस्या है. फ्लोराइड युक्त पानी पीने से इन गांवों के हर घर में लोग दिव्यांगता के साथ-साथ तमाम बीमारियों से ग्रसित है.

agra
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Published : Jun 19, 2019, 12:00 PM IST

आगरा: ताजनगरी में कुछ गांव ऐसे हैं, जहां हर घर में एक दिव्यांग जरूर मिल जाएंगे. दरअसल गांव में सीवेज प्लांट का पानी भूगर्भ में संचित होने से यहां का पानी खराब हो गया है. पिछले 10-12 साल से लोग यही पानी पी रहे हैं, जिसके कारण यहां के निवासियों को दिव्यांगता के साथ-साथ तमाम बीमारियां झेलनी पड़ रही हैं.

फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग बीमारियों से ग्रसित है.

क्या है मामला-

  • ताजगंज क्षेत्र के बरौली अहीर ब्लाक के पट्टी पंचगई, पंचगई खेड़ा और पंचगई इन तीनो गांवों में फ्लोराइड का असर सबसे ज्यादा है.
  • रोहता और आसपास के गांव के लोगों को भी यही परेशानी है.
  • यह गांव की परेशानियां जब मीडिया की सुर्खियां और ब्रेकिंग न्यूज बनीं तो प्रशासन ने यहां 2016 में एक आरओ प्लांट लगाया.
  • प्रशासन ने ट्यूबबेल व हैंडपंपों पर लाल निशान लगाकर पानी को पीने योग्य न होने की घोषणा कर दी.
  • इन तीनों गांव में 22 हजार से ज्यादा आबादी निवास करती है.
  • इन गांवों में लगभग हर घर में दिव्यांग मौजूद है और कई लोगों को चर्म रोग की भी शिकायत है.

2018 में यहां पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया था जो कि अब स्वीकृत हो चुका है. यहां जल्द पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी.
-एनजी रवि कुमार, जिलाधिकारी

आगरा: ताजनगरी में कुछ गांव ऐसे हैं, जहां हर घर में एक दिव्यांग जरूर मिल जाएंगे. दरअसल गांव में सीवेज प्लांट का पानी भूगर्भ में संचित होने से यहां का पानी खराब हो गया है. पिछले 10-12 साल से लोग यही पानी पी रहे हैं, जिसके कारण यहां के निवासियों को दिव्यांगता के साथ-साथ तमाम बीमारियां झेलनी पड़ रही हैं.

फ्लोराइड युक्त पानी पीने से लोग बीमारियों से ग्रसित है.

क्या है मामला-

  • ताजगंज क्षेत्र के बरौली अहीर ब्लाक के पट्टी पंचगई, पंचगई खेड़ा और पंचगई इन तीनो गांवों में फ्लोराइड का असर सबसे ज्यादा है.
  • रोहता और आसपास के गांव के लोगों को भी यही परेशानी है.
  • यह गांव की परेशानियां जब मीडिया की सुर्खियां और ब्रेकिंग न्यूज बनीं तो प्रशासन ने यहां 2016 में एक आरओ प्लांट लगाया.
  • प्रशासन ने ट्यूबबेल व हैंडपंपों पर लाल निशान लगाकर पानी को पीने योग्य न होने की घोषणा कर दी.
  • इन तीनों गांव में 22 हजार से ज्यादा आबादी निवास करती है.
  • इन गांवों में लगभग हर घर में दिव्यांग मौजूद है और कई लोगों को चर्म रोग की भी शिकायत है.

2018 में यहां पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया था जो कि अब स्वीकृत हो चुका है. यहां जल्द पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी.
-एनजी रवि कुमार, जिलाधिकारी

Intro:ताजनगरी आगरा में कुछ गांव ऐसे हैं जहां आपको हर घर मे एक विकलांग जरूर मिल जाएगा,यहां हर घर मे जिंदगी घुटनो पर घिसट रही है।इन गांवों में रहने वाले तमाम परिवार पलायन कर रहे हैं क्योंकि कोई यहां के रहने वालों को अपनी बेटी नही दान करना चाहता है।इन गांवों के लोग इसकी वजह बसपा सुप्रीमो मायावती को मानते हैं।गांवों में पानी के अंदर इस कदर फ्लोराइड की मात्रा है कि यहां के निवासियों को विकलांगता के साथ तमाम बीमारियां झेलनी पड़ती हैं।यहां के रहने वालों के घुटने टेढ़े हो जाते हैं और अधिकांश को पैर दर्द की शिकायत रहती है।कुछ के पैरों में छाले भी पड़ जाते हैं और कइयों को चर्म रोगों की भी शिकायत रहती है।जो पैसे से सक्षम हैं वो तो आरओ का फिल्टर पानी खरीद कर पी लेते हैं और जो गरीब हैं वो आज भी मजबूर होकर यही फ्लोराइड युक्त पानी पीकर बीमार होते हैं।सरकारी तंत्र ने इनकी मदद करने के लिए बस इतने ही प्रयास किये हैं कि यहां आरओ प्लांट लगाया जो कुछ दिन में खराब हुआ तो आज तक उसकी सुध नही ली गयी और यहां के ट्यूबबेल और हैंडपंपो पर लाल रंग से पानी पीने योग्य न होने की बात लिख कर इतिश्री कर दी गयी।ऐसा नही है कि यह गांव हमेशा से ऐसे थे,दरअसल यहां के लोगो का मानना है कि मायावती शाशन में यहां सीवेज प्लांट लगाया गया था।सीवेज प्लांट का पानी भूगर्भ में संचित होने से यहां का पानी खराब हो गया है और पिछले दस बारह साल से यह लोग पानी की परेशानी झेल रहे हैं।


Body:फ्लोराइड का दंश झेल रहे यह गांव हैं ताजगंज क्षेत्र के बरौली अहीर ब्लाक के खेड़ा पंचगई, पंचगई खेड़ा और पट्टी पंचगई, इन तीनो गांवों में फ्लोराइड का असर सबसे ज्यादा है पर रोहता और आस पास के गांव के लोगो को भी यही परेशानी है।यह गांव की परेशानियां जब मीडिया की सुर्खियां और ब्रेकिंग न्यूज बनी तो प्रशाशन ने यहां 2016 में एक आरओ प्लांट लगाया और ट्यूबबेल व हैंडपंपो पर लाल निशान लगाकर उनका पानी पीने योग्य नही होने की घोषणा कर इतिश्री कर ली।तीनो गांवों में 22 हजार से ज्यादा आबादी निवास करती है और आज यहां लगभग हर घर मे विकलांग मौजूद हैं,किसी के बच्चे तो कहीं औरते तो कहीं मुखिया खुद विकलांगता की इस परेशानी को झेल रहे हैं।यहां किसान की फसल भी जब बाजार जाती है तो अन्य जगहों के किसान की तुलना में इन्हें कम दाम मिलते हैं।जब आगरा में गंगाजल आया तो ग्रामीणों की आस जाएगी कि इन्हें भी गंगाजल मिल जाएगा और इनके सारे दुख उसकी पवित्रता में धुल जाएंगे पर गंगाजल की एक बूंद भी इनके पास आने की बात प्रशाशन ने नकार दी।जब इस बाबत हमने जिलाधिकारी एनजी रवि कुमार से बात की तो उन्होंने बताया कि 2018 में यहां पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया था जो कि अब स्वीकृत हो चुका है और यहां जल्द पाइप लाइन बिछा कर शुद्ध पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी। बाईट-प्रधान नाम बोला है बाईट स्थानीय निवासियों की सभी ने नाम बोला है। जिलाधिकारी की बाईट एफटीपी पर भेजी जा रही है।up_aga_viklangon_ka_gaon_visual_byte_10024


Conclusion:दस साल से अधिक समय से विकलांगता का अभिशाप झेल रहे इस गांव में अब तक लगभग हर घर मे विकलांग हो चुके हैं।दाल पकानी हो या कुछ और 25 रुपये की आरओ पानी की बोतल ही काम आती है क्योंकि यहां का पानी इस लायक नही की वो इस काम आ सके।सरकार ने भले ही 4 करोड़ 18 लाख से पानी की पाइपलाइन बिछाने का कार्य शुरू कर दिया हो पर इस काम को भी पूरा होने में 2021 से ज्यादा समय लग सकता है,अब ऐसे में ग्रामीणों को अभी ढाई साल तक इस विकलांगता वाले जीवन को जीना मजबूरी है।
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