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डॉ. योगिता हत्याकांड: वादी की गवाही पूरी, 4 फरवरी जिरह की तारीख

यूपी के आगरा में एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में वादी की गवाही पूरी हो चुकी है. हत्याकांड में कोर्ट ने जिरह की तारीख 4 फरवरी 2021 दी है.

डॉ. योगिता हत्याकांड.
डॉ. योगिता हत्याकांड.
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Published : Jan 21, 2021, 7:59 AM IST

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में वादी की गवाही पूरी हो गई है. अब इस हत्याकांड में कोर्ट ने जिरह की तारीख 4 फरवरी-2021 दी है. डॉ. योगिता गौतम के भाई मोहिंदर गौतम ने एमएस गेट थाना में हत्या और एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था. स्पेशल जज (एससी-एसटी एक्ट) की कोर्ट में डॉ. योगिता गौतम के भाई व वादी मोहिंदर गौतम के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.

18 अगस्त 2020 की शाम एसएनएमसी की जूनियर डॉ. योग्यता गौतम लापता हुई थीं. 19 अगस्त की सुबह डॉ. योगिता गौतम का शव डौकी थाना क्षेत्र में मिला था. पुलिस ने छानबीन के बाद डॉ. योगिता गौतम के हत्या में उनके सीनियर और पुरुष मित्र उरई के मेडिकल अफसर डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. तभी से डॉ. विवेक तिवारी जेल में है.

40 दिन में कोर्ट में हुई थी चार्जशीट पेश
डॉ. योगिता गौतम के भाई मोहिंदर गौतम ने एमएम गेट थाना में पहले गुमशुदगी दर्ज कराई थी. डॉ. योगिता गौतम का शव मिलने पर पुलिस ने इसमें हत्या और सबूत मिटाने सहित एससी-एसटी की धारा बढ़ाई थी. इस मामले में पुलिस ने 40 दिन की छानबीन के बाद 24 दिसंबर 2020 को चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें पुलिस ने डॉ. विवेक तिवारी पर अपहरण, हत्या, साक्ष्य नष्ट करने, धमकी और एससी-एसटी एक्ट में आरोप तय किए थे. पुलिस ने चार्जशीट में 10 गवाह की गवाही भी पेश की थी.

हत्या की यह बताई थी वजह
एसएसपी बबलू कुमार ने बहुचर्चित डॉ. योगिता हत्याकांड की जांच सीओ चमन सिंह चावड़ा से कराई थी. चार्जशीट में जांच अधिकारी सीओ चमन सिंह चावड़ा ने डॉ. योगिता गौतम की हत्या की वजह का खुलासा किया था. जिसके मुताबिक, 18 अगस्त की शाम उरई के सरकारी अस्पताल में मेडिकल अफसर के पद पर तैनात डॉ. विवेक तिवारी कार से डॉ. योगिता से मिलने आगरा आया था. कार में दोनों बैठकर घूम रहे थे, तभी शादी की बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया. क्योंकि, डॉ. योगिता गौतम शादी के लिए डॉ. विवेक पर दबाव बना रही थी. जब विवेक अभी शादी नहीं करना चाहता था. वह अपनी बहन की शादी पहले कराने की बात कह रहा था. डॉ योगिता गौतम के जाति अलग होने से डॉ विवेक को पहले खुद की शादी करने से बहन की शादी में अड़चन आने का डर लग रहा था. इस पर ही दोनों में विवाद हुआ था. जिसमें डॉ. विवेक ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या कर दी थी और इसके बाद शव को फेंक कर उरई लौट गया था.

जनवरी में शुरू हुई थी गवाही की प्रक्रिया
एससी-एसटी कोर्ट के स्पेशल जज अनिल कुमार द्वितीय ने बहुचर्चित डॉ. योगिता हत्याकांड में अब जिरह की तारीख 4 फरवरी दी है. इस मामले में 6 जनवरी 2020 को गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई थी. एडीजीसी हेमंत दीक्षित, अधिवक्ता एसएस चौहान और रमाशंकर राजपूत ने गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए. बयान के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता ने जिरह के लिए समय मांगा. अब इस मामले में फरवरी में इस मामले में जिरह होगी.

आगरा के बहुचर्चित डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में अब चार फरवरी को जिरह शुरू होगी. इस मामले में पुलिस की पेश की गई चार्जशीट के आधार पर गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है. अभियुक्त के अधिवक्ता ने गवाह और वादी से जिरह के लिए तारीख मांगी थी.

इसे भी पढे़ं- उत्तर प्रदेश : आगरा में महिला डॉक्टर की हत्या की बात आरोपी ने कबूली

आगरा: एसएन मेडिकल कॉलेज की जूनियर डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में वादी की गवाही पूरी हो गई है. अब इस हत्याकांड में कोर्ट ने जिरह की तारीख 4 फरवरी-2021 दी है. डॉ. योगिता गौतम के भाई मोहिंदर गौतम ने एमएस गेट थाना में हत्या और एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराया था. स्पेशल जज (एससी-एसटी एक्ट) की कोर्ट में डॉ. योगिता गौतम के भाई व वादी मोहिंदर गौतम के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.

18 अगस्त 2020 की शाम एसएनएमसी की जूनियर डॉ. योग्यता गौतम लापता हुई थीं. 19 अगस्त की सुबह डॉ. योगिता गौतम का शव डौकी थाना क्षेत्र में मिला था. पुलिस ने छानबीन के बाद डॉ. योगिता गौतम के हत्या में उनके सीनियर और पुरुष मित्र उरई के मेडिकल अफसर डॉ. विवेक तिवारी को गिरफ्तार करके जेल भेजा था. तभी से डॉ. विवेक तिवारी जेल में है.

40 दिन में कोर्ट में हुई थी चार्जशीट पेश
डॉ. योगिता गौतम के भाई मोहिंदर गौतम ने एमएम गेट थाना में पहले गुमशुदगी दर्ज कराई थी. डॉ. योगिता गौतम का शव मिलने पर पुलिस ने इसमें हत्या और सबूत मिटाने सहित एससी-एसटी की धारा बढ़ाई थी. इस मामले में पुलिस ने 40 दिन की छानबीन के बाद 24 दिसंबर 2020 को चार्जशीट कोर्ट में पेश की थी. जिसमें पुलिस ने डॉ. विवेक तिवारी पर अपहरण, हत्या, साक्ष्य नष्ट करने, धमकी और एससी-एसटी एक्ट में आरोप तय किए थे. पुलिस ने चार्जशीट में 10 गवाह की गवाही भी पेश की थी.

हत्या की यह बताई थी वजह
एसएसपी बबलू कुमार ने बहुचर्चित डॉ. योगिता हत्याकांड की जांच सीओ चमन सिंह चावड़ा से कराई थी. चार्जशीट में जांच अधिकारी सीओ चमन सिंह चावड़ा ने डॉ. योगिता गौतम की हत्या की वजह का खुलासा किया था. जिसके मुताबिक, 18 अगस्त की शाम उरई के सरकारी अस्पताल में मेडिकल अफसर के पद पर तैनात डॉ. विवेक तिवारी कार से डॉ. योगिता से मिलने आगरा आया था. कार में दोनों बैठकर घूम रहे थे, तभी शादी की बात को लेकर दोनों में विवाद हो गया. क्योंकि, डॉ. योगिता गौतम शादी के लिए डॉ. विवेक पर दबाव बना रही थी. जब विवेक अभी शादी नहीं करना चाहता था. वह अपनी बहन की शादी पहले कराने की बात कह रहा था. डॉ योगिता गौतम के जाति अलग होने से डॉ विवेक को पहले खुद की शादी करने से बहन की शादी में अड़चन आने का डर लग रहा था. इस पर ही दोनों में विवाद हुआ था. जिसमें डॉ. विवेक ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर डॉक्टर योगिता गौतम की हत्या कर दी थी और इसके बाद शव को फेंक कर उरई लौट गया था.

जनवरी में शुरू हुई थी गवाही की प्रक्रिया
एससी-एसटी कोर्ट के स्पेशल जज अनिल कुमार द्वितीय ने बहुचर्चित डॉ. योगिता हत्याकांड में अब जिरह की तारीख 4 फरवरी दी है. इस मामले में 6 जनवरी 2020 को गवाही की प्रक्रिया शुरू हुई थी. एडीजीसी हेमंत दीक्षित, अधिवक्ता एसएस चौहान और रमाशंकर राजपूत ने गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज कराए. बयान के बाद अभियुक्त के अधिवक्ता ने जिरह के लिए समय मांगा. अब इस मामले में फरवरी में इस मामले में जिरह होगी.

आगरा के बहुचर्चित डॉ. योगिता गौतम हत्याकांड में अब चार फरवरी को जिरह शुरू होगी. इस मामले में पुलिस की पेश की गई चार्जशीट के आधार पर गवाहों की गवाही पूरी हो चुकी है. अभियुक्त के अधिवक्ता ने गवाह और वादी से जिरह के लिए तारीख मांगी थी.

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