ETV Bharat / state

बीएड 2004-05 घोटाला: एसआईटी की सूची में शामिल 812 बीएड छात्र फर्जी घोषित

author img

By

Published : Jul 29, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Jul 29, 2020, 8:15 PM IST

आगरा के डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय ने फेक सूची के 814 स्टूडेंट्स पर अपना निर्णय ले लिया है. इसमें 814 में से 812 छात्रों को फर्जी करार दिया गया है. वहीं इसके बाद अब विश्वविद्यालय इस रिपोर्ट को हाईकोर्ट में पेश करेगा.

dr. bhimrao ambedkar university
विश्वविद्यालय अब अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगा

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बुधवार को कार्य परिषद की आकस्मिक बैठक हुई, जिसमें बीएड सत्र 2004-05 के फर्जीवाड़े में एसआईटी की सूची में शामिल फर्जी 814 मार्क्सशीट पर चर्चा हुई. सभी 814 स्टूडेंट्स के उपलब्ध कराए साक्ष्यों का विवि प्रशासन ने सत्यापन कराया. इसके बाद कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल ने 814 में से 812 स्टूडेंट्स को फर्जी घोषित कर दिया. 814 छात्रों में से दो अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन सही मिले हैं.

930 शिक्षक बर्खास्त
सत्र 2004-05 के बीएड फर्जीवाड़ा ने डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय की खूब किरकिरी कराई है. एसआईटी ने बीएड सत्र 2004-05 के 4766 रोल नंबर जांच के दायरे में लेकर छानबीन की तो विश्वविद्यालय कर्मचारी और महाविद्यालय संचालकों की कारस्तानी का खुलासा हुआ था. एसआईटी की रिपोर्ट पर योगी सरकार ने फर्जी, फेक और टेंपर्ड डिग्री से नौकरी पाने वाले 2824 शिक्षकों पर शिकंजा कस दिया है. जिसमें से 930 शिक्षक बर्खास्त कर दिए और 497 के खिलाफ कार्रवाई चल रही है.

dr. bhimrao ambedkar university
विश्वविद्यालय अब अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगा

हाईकोर्ट का निर्देश
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव रिटायर्ड ले. कर्नल डॉ. अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि, एसआईटी की जांच में फेक, टेंपर्ड और डुप्लीकेट कैटेगरी में आए स्टूडेंट्स को एक मौका दिया गया था. सभी से प्रत्यावेदन मांगे थे, 814 छात्रों ने 19 बिंदुओं पर प्रत्यावेदन दिए हैं. हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2020 को विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि प्रत्यावेदन देने वाले 814 स्टूडेंट्स के मामले में तीन माह में जांच करके स्पष्ट करें.

dr. bhimrao ambedkar university
विश्वविद्यालय अब अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगा


बीएड फर्जीवाड़े के आंकड़ों पर एक नजर
- सत्र 2004-05 में विश्वविद्यालय के 84 महाविद्यालय शामिल बीएड में.
- सन् 2006 में विश्वविद्यालय ने बीएड का परीक्षा परिणाम घोषित किया था.
- सन् 2013 में फर्जी डिग्री के खेल को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी.
- सन् 2013 में एसआईटी ने बीएड फर्जीवाड़े की जांच शुरू की थी.
-2017 में एसआईटी ने विश्वविद्यालय को फर्जी रोल नंबर की सूची सौंपी.
-2019 में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने डिग्री निरस्त करने का फैसला लिया.
-2020 में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने एसआईटी की जांच पर डिग्री को फेक माना.

बीएड फर्जीवाड़े की स्थिति
- 4767 रोल नंबर एसआईटी की सूची में हैं.
-3637 रोल नंबर फेक के दायरे में आए हैं.
-1084 रोल नंबर टेंपर्ड के दायरे में आए हैं.
-45 रोल नंबर डुप्लीकेट के दायरे में आए हैं.

विश्वविद्यालय को मिले प्रति उत्तर की स्थिति
- 814 प्रति उत्तर फेक सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.
- 487 प्रति उत्तर टेंपर्ड सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.
- 06 प्रति उत्तर डुप्लीकेट सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.

आगरा: डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय की बुधवार को कार्य परिषद की आकस्मिक बैठक हुई, जिसमें बीएड सत्र 2004-05 के फर्जीवाड़े में एसआईटी की सूची में शामिल फर्जी 814 मार्क्सशीट पर चर्चा हुई. सभी 814 स्टूडेंट्स के उपलब्ध कराए साक्ष्यों का विवि प्रशासन ने सत्यापन कराया. इसके बाद कुलपति प्रो. अशोक कुमार मित्तल ने 814 में से 812 स्टूडेंट्स को फर्जी घोषित कर दिया. 814 छात्रों में से दो अभ्यर्थियों के प्रत्यावेदन सही मिले हैं.

930 शिक्षक बर्खास्त
सत्र 2004-05 के बीएड फर्जीवाड़ा ने डॉ. बीआर आंबेडकर विश्वविद्यालय की खूब किरकिरी कराई है. एसआईटी ने बीएड सत्र 2004-05 के 4766 रोल नंबर जांच के दायरे में लेकर छानबीन की तो विश्वविद्यालय कर्मचारी और महाविद्यालय संचालकों की कारस्तानी का खुलासा हुआ था. एसआईटी की रिपोर्ट पर योगी सरकार ने फर्जी, फेक और टेंपर्ड डिग्री से नौकरी पाने वाले 2824 शिक्षकों पर शिकंजा कस दिया है. जिसमें से 930 शिक्षक बर्खास्त कर दिए और 497 के खिलाफ कार्रवाई चल रही है.

dr. bhimrao ambedkar university
विश्वविद्यालय अब अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगा

हाईकोर्ट का निर्देश
डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के कुलसचिव रिटायर्ड ले. कर्नल डॉ. अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि, एसआईटी की जांच में फेक, टेंपर्ड और डुप्लीकेट कैटेगरी में आए स्टूडेंट्स को एक मौका दिया गया था. सभी से प्रत्यावेदन मांगे थे, 814 छात्रों ने 19 बिंदुओं पर प्रत्यावेदन दिए हैं. हाईकोर्ट ने 29 अप्रैल 2020 को विश्वविद्यालय को निर्देश दिया है कि प्रत्यावेदन देने वाले 814 स्टूडेंट्स के मामले में तीन माह में जांच करके स्पष्ट करें.

dr. bhimrao ambedkar university
विश्वविद्यालय अब अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेगा


बीएड फर्जीवाड़े के आंकड़ों पर एक नजर
- सत्र 2004-05 में विश्वविद्यालय के 84 महाविद्यालय शामिल बीएड में.
- सन् 2006 में विश्वविद्यालय ने बीएड का परीक्षा परिणाम घोषित किया था.
- सन् 2013 में फर्जी डिग्री के खेल को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर हुई थी.
- सन् 2013 में एसआईटी ने बीएड फर्जीवाड़े की जांच शुरू की थी.
-2017 में एसआईटी ने विश्वविद्यालय को फर्जी रोल नंबर की सूची सौंपी.
-2019 में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने डिग्री निरस्त करने का फैसला लिया.
-2020 में विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद ने एसआईटी की जांच पर डिग्री को फेक माना.

बीएड फर्जीवाड़े की स्थिति
- 4767 रोल नंबर एसआईटी की सूची में हैं.
-3637 रोल नंबर फेक के दायरे में आए हैं.
-1084 रोल नंबर टेंपर्ड के दायरे में आए हैं.
-45 रोल नंबर डुप्लीकेट के दायरे में आए हैं.

विश्वविद्यालय को मिले प्रति उत्तर की स्थिति
- 814 प्रति उत्तर फेक सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.
- 487 प्रति उत्तर टेंपर्ड सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.
- 06 प्रति उत्तर डुप्लीकेट सूची में शामिल रोल नंबर पर मिले हैं.

Last Updated : Jul 29, 2020, 8:15 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.