आगरा: आगरा नगर निगम प्रशासन की बड़ी लापरवाही से ताजनगरी खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ प्लस) की सूची से बाहर हो गई. करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी शहर अभी तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) नहीं किया जा सका है. ओडीएफ प्लस की हकीकत जांचने आई विशेष टीम को शहर में जगह-जगह लोग खुले में शौच करते हुए मिले. इस कारण निगम प्रशासन को ओडीएफ++ से बाहर किया गया है. इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत मुहिम को भी बट्टा लग रहा है. जबकि, आगरा में स्मार्ट सिटी के तहत करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं. लेकिन, जनता को स्मार्ट सुविधाएं मिलना अब मुनासिब नहीं हो पा रहा है.
पीएम मोदी के 'स्वच्छ भारत मिशन' के तहत देश को खुले में शौच से मुक्त बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया था. जिसके चलते आगरा में शहर और देहात को खुले में शौच मुक्त करने के लिए करोड़ों रुपये का खर्च किया गया. इसके बाद आगरा नगर निगम पहले ओडीएफ प्लस और ओडीएफ डबल प्लस शहरों में शामिल हुआ. नगर निगम अधिकारियों ने इस पर खूब वाहवाही भी लूटी थी.
खुले में शौच करते मिले लोगों से खुली अधिकारियों की पोल
बता दें कि, 3 माह पहले ओडीएफ डबल प्लस की पड़ताल करने एक विशेष टीम आगरा आई थी. विशेष टीम ने तीन बिंदुओं पर पड़ताल की. विशेष टीम ने शहर के 100 शौचालयों की जांच की. जिसमें अधिकांश शौचालय साफ मिले. चार सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट सही तरीके से संचालित मिले. इसमें दयालबाग और ताजगंज के एसटीपी शामिल थे. विशेष टीम को शहर में रेलवे लाइन के किनारे, करबला मैदान, कोठी मीना बाजार समेत अन्य तमाम जगहों पर खुले में मल पड़ा हुआ मिला. इतना ही नहीं, विशेष टीम को दर्जनों स्थान पर लोग सुबह और शाम को खुले में शौच करते हुए मिले. इसी रिपोर्ट के आधार पर आगरा को ओडीएफ डबल प्लस से बाहर किया गया है.
अब उठी कार्रवाई की मांग
बीते चार-पांच माह की बात करें तो आगरा के शहरी और देहात क्षेत्र में खुले में शौच से मुक्त को लेकर चर्चाएं बहुत हुई थी. लेकिन, हकीकत में जागरूकता के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी की गई. ओडीएफ डबल प्लस से आगरा के बाहर होने से शहर के पार्षद और जनता अब जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करने लगी हैं. वहीं, इस बारे में नगर निगम के ओडीएफ प्रभारी आशीष शुक्ला ने ओडीएफ डबल प्लस सूची से बाहर होने का ठीकरा तकनीक खामी को दिया है. उनका कहना है कि, तकनीकी कमी के चलते नगर निगम प्रशासन ओडीएफ डबल प्लस की सूची से बाहर हो गया है. जबकि, बीते 3 साल पहले आगरा नगर निगम इस सूची में शामिल था.
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