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Illegal Digging In Agra : पोकलेन मशीन से गिराए जाएंगे जर्जर मकान, 4 हजार टन मिट्टी का बनेगा रैंप

आगरा में जर्जर मकानों को ढहाने के लिए धर्मशाला में चार हजार टन मिटटी का रैंप बनाया जाएगा. मकानों को तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन का प्रयोग किया जाएगा.

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पोकलेन मशीन
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Published : Jan 31, 2023, 12:28 PM IST

सेना और इंजीनियर की निगरानी में गिराए जाएंगे मकान

आगराः जिले में 26 जनवरी को टीला माईथान के निचले हिस्से में बनी राय बिशम्बर दयाल धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते मकान गिर गए थे. वहीं, अब जर्जर मकानों को पोकलेन मशीन की मदद से तोडा जाएगा. मशीन को 30 फिट ऊपर पहुंचाने के लिए साढ़े चार हजार मिट्टी-बजरी का रैंप बनाया जायेगा. इस काम में जिला प्रशासन सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर की मदद लेगा.

धर्मशाला के बेसमेंट में भरी जाएगी मेट्रो की मिट्टी
टीला माईथान में मकान गिरने के बाद हवा में लटके जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर इस काम का अंतिम स्वरूप तैयार करने में जुटे हैं. एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने बताया कि आगरा विकास प्राधिकरण(ADA) ने 50 घरों पर रेड क्रोस के निशान लगाए हैं, जिसमे से 9 मकान अतिसंवेदनशील स्थिति में हैं. हवा के दबाब और बंदरो के आतंक के कारण धीरे-धीरे जर्जर मकान नीचे गिर रहे हैं. इन्हें गिराया जाना आवश्यक हैं, जिसको लेकर प्रशासन सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर अधिकारियों की मदद लेगा.

अंजनी कुमार ने बताया कि सोमवार को सेना और इंजीनियर्स अधिकारियों ने माईथान टीले पर मौजूद जर्जर मकानों का निरीक्षण किया था. इन जर्जर मकानों को तोड़ने से पहले धर्मशाला के बेसमेंट में साढ़े चार हजार टन मिट्टी का भराव कराके एक रैंप तैयार किया जाना है. यह मिट्टी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से मंगाई जाएगी. उस रैंप की मदद से खुदाई में इस्तेमाल होने वाली पोकलेन मशीन को 30 फिट ऊपर पहुंचाया जाएगा. इसके बाद जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी. इस काम में सेना के साथ राज्य आपदा मोचन बल(SDRF), मेट्रो कॉर्पोरेशन की इंजीनियर टीम और एडीए के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

पीड़ितों को शेल्टर होम में किया गया शिफ्ट
मकानों के ध्वस्तीकरण से पहले सभी लोगों को जीवनी मंडी स्थित शेल्टर होम (आश्रय स्थल) में शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे काम करते वक्त कोई जनहानि न हो. लोगो के घरों के सामान को सेना और एसडीआरएफ की टीम मिलकर निकाल रही है. जर्जर मकानों के ध्वस्तीकरण का कार्य सभी टेक्निकल सर्वे और सिक्योरिटी इक्विपमेंट के साथ किया जाएगा. साथ ही मौके पर स्वास्थ विभाग की टीम हर वक्त मौजूद रहेगी.

जरूरत पड़ने पर डाइवर्ट किया जाएगा ट्रैफिक
वहीं, मकानों के ध्वस्तीकरण के समय अगर घटिया आजम खां मार्ग पर सुरक्षा की दृष्टी से खतरा महसूस होने पर ट्रैफिक को डाइवर्ट भी किया जा सकता है. इससे बेलनगंज चौराहे से एमजी रोड आने वाले वाहनों को जीवनी मंडी से पालीवाल पार्क होते गुजारा जाएगा. वहीं, पाय चौकी होकर भी छोटे वाहनों को रास्ता दिया जा सकता हैं, जिससे मकानों के ध्वस्तीकरण में कोई देरी न हो सके.

पढ़ेंः Agra News : आगरा में बेघर हुए लोगों का छलका दर्द, बोले- न खाना न दवा, आखिर जाए तो जाए कहां

सेना और इंजीनियर की निगरानी में गिराए जाएंगे मकान

आगराः जिले में 26 जनवरी को टीला माईथान के निचले हिस्से में बनी राय बिशम्बर दयाल धर्मशाला में अवैध खुदाई के चलते मकान गिर गए थे. वहीं, अब जर्जर मकानों को पोकलेन मशीन की मदद से तोडा जाएगा. मशीन को 30 फिट ऊपर पहुंचाने के लिए साढ़े चार हजार मिट्टी-बजरी का रैंप बनाया जायेगा. इस काम में जिला प्रशासन सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर की मदद लेगा.

धर्मशाला के बेसमेंट में भरी जाएगी मेट्रो की मिट्टी
टीला माईथान में मकान गिरने के बाद हवा में लटके जर्जर मकानों को तोड़ने के लिए पोकलेन मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा. सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर इस काम का अंतिम स्वरूप तैयार करने में जुटे हैं. एडीएम सिटी अंजनी कुमार ने बताया कि आगरा विकास प्राधिकरण(ADA) ने 50 घरों पर रेड क्रोस के निशान लगाए हैं, जिसमे से 9 मकान अतिसंवेदनशील स्थिति में हैं. हवा के दबाब और बंदरो के आतंक के कारण धीरे-धीरे जर्जर मकान नीचे गिर रहे हैं. इन्हें गिराया जाना आवश्यक हैं, जिसको लेकर प्रशासन सेना सहित अन्य विभागों के इंजीनियर अधिकारियों की मदद लेगा.

अंजनी कुमार ने बताया कि सोमवार को सेना और इंजीनियर्स अधिकारियों ने माईथान टीले पर मौजूद जर्जर मकानों का निरीक्षण किया था. इन जर्जर मकानों को तोड़ने से पहले धर्मशाला के बेसमेंट में साढ़े चार हजार टन मिट्टी का भराव कराके एक रैंप तैयार किया जाना है. यह मिट्टी मेट्रो रेल प्रोजेक्ट से मंगाई जाएगी. उस रैंप की मदद से खुदाई में इस्तेमाल होने वाली पोकलेन मशीन को 30 फिट ऊपर पहुंचाया जाएगा. इसके बाद जर्जर मकानों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू होगी. इस काम में सेना के साथ राज्य आपदा मोचन बल(SDRF), मेट्रो कॉर्पोरेशन की इंजीनियर टीम और एडीए के अधिकारी मौजूद रहेंगे.

पीड़ितों को शेल्टर होम में किया गया शिफ्ट
मकानों के ध्वस्तीकरण से पहले सभी लोगों को जीवनी मंडी स्थित शेल्टर होम (आश्रय स्थल) में शिफ्ट कर दिया गया है, जिससे काम करते वक्त कोई जनहानि न हो. लोगो के घरों के सामान को सेना और एसडीआरएफ की टीम मिलकर निकाल रही है. जर्जर मकानों के ध्वस्तीकरण का कार्य सभी टेक्निकल सर्वे और सिक्योरिटी इक्विपमेंट के साथ किया जाएगा. साथ ही मौके पर स्वास्थ विभाग की टीम हर वक्त मौजूद रहेगी.

जरूरत पड़ने पर डाइवर्ट किया जाएगा ट्रैफिक
वहीं, मकानों के ध्वस्तीकरण के समय अगर घटिया आजम खां मार्ग पर सुरक्षा की दृष्टी से खतरा महसूस होने पर ट्रैफिक को डाइवर्ट भी किया जा सकता है. इससे बेलनगंज चौराहे से एमजी रोड आने वाले वाहनों को जीवनी मंडी से पालीवाल पार्क होते गुजारा जाएगा. वहीं, पाय चौकी होकर भी छोटे वाहनों को रास्ता दिया जा सकता हैं, जिससे मकानों के ध्वस्तीकरण में कोई देरी न हो सके.

पढ़ेंः Agra News : आगरा में बेघर हुए लोगों का छलका दर्द, बोले- न खाना न दवा, आखिर जाए तो जाए कहां

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