आगरा: सावन के आखिरी सोमवार पर प्रदेश भर के सभी शिवालयों पर जमकर शिव भक्तों का जमावड़ा रहा. जनपद के बटेश्वरधाम मन्दिर में भी सुबह 4 बजे से ही भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए भक्तों की लम्बी लाइन लगी रही जो शाम तक जारी रही. बटेश्वर नाथ धाम की मान्यता है कि कार्य सिद्ध होने पर भक्त भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाते हैं. इस मंदिर में 5 कुंटल तक के पीतल के घंटे भक्तों द्वारा चढ़ाए गए हैं.
मंदिर की कहानी लोगों की जुबानी -
यह मन्दिर बहुत ही पुराना है. मान्यता यह है कि यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता है और भगवान शिव को जल चढ़ाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां पीतल के घंटे भगवान को चढ़ाते हैं.
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फिरोजाबाद निवासी श्रद्धालु ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सावन के महीने में बहुत दूर-दूर से लोग भगवान बटेश्वरनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं और यमुना में स्नान करते हैं, जिससे सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शिकोहाबाद निवासी श्रद्धालु सुशील यादव का कहना है कि बटेश्वरनाथ धाम की मान्यता दूर दूर तक फैली है. यहां जो भी भगवान शिव के दरबार में अर्जी लगाता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं.
यही वजह है कि लोग यहां पर हर सोमवार को भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर के महंत जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि सावन के महीने में बटेश्वर धाम का बड़ा ही महत्व है. क्योंकि बटेश्वरधाम तीर्थों का राजा है. इसलिए यहां पर यमुना में स्नान करके फिर भगवान शिव के जलाभिषेक करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
डकैत मान सिंह ने चढ़ाया था घंटा -
बटेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी अशोक शर्मा ने बताया कि यहां पर बहुत बड़े-बड़े घंटे चढ़ाए जाते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर पर कई डकैतों ने भी अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटे चढ़ाए थे. इनमें डाकू मान सिंह, डाकू माधो सिंह, डाकू प्रयाग सिंह, डाकू लायक सिंह सहित अन्य तमाम ऐसे डाकू हुए, जिन्होंने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घंटे चढ़ाए थे. इनमें से अभी कई डाकुओं के चढाए घंटे तो मंदिर में मौजूद हैं.