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आगरा: बटेश्वरनाथ धाम जहां डाकू मानसिंह ने चढ़ाया था पीतल का घंटा

यूपी के आगरा में स्थित बटेश्वरधाम में सावन के चौथे सोमवार पर भक्तों का तांता लगा रहा. सुबह से ही जलाभिषेक के लिए भक्त कतारों में लग गए. मान्यता यह है कि कार्य सिद्ध होने पर भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाते हैं.

बटेश्वरनाथ धाम
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Published : Aug 12, 2019, 8:09 PM IST

आगरा: सावन के आखिरी सोमवार पर प्रदेश भर के सभी शिवालयों पर जमकर शिव भक्तों का जमावड़ा रहा. जनपद के बटेश्वरधाम मन्दिर में भी सुबह 4 बजे से ही भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए भक्तों की लम्बी लाइन लगी रही जो शाम तक जारी रही. बटेश्वर नाथ धाम की मान्यता है कि कार्य सिद्ध होने पर भक्त भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाते हैं. इस मंदिर में 5 कुंटल तक के पीतल के घंटे भक्तों द्वारा चढ़ाए गए हैं.

बटेश्वरनाथ धाम मंदिर की कहानी.

मंदिर की कहानी लोगों की जुबानी -
यह मन्दिर बहुत ही पुराना है. मान्यता यह है कि यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता है और भगवान शिव को जल चढ़ाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां पीतल के घंटे भगवान को चढ़ाते हैं.

इसे भी पढ़ें: सावन के आखिरी सोमवार को मंदिरों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, लगे 'बम-बम भोले' के जयकारे

फिरोजाबाद निवासी श्रद्धालु ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सावन के महीने में बहुत दूर-दूर से लोग भगवान बटेश्वरनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं और यमुना में स्नान करते हैं, जिससे सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शिकोहाबाद निवासी श्रद्धालु सुशील यादव का कहना है कि बटेश्वरनाथ धाम की मान्यता दूर दूर तक फैली है. यहां जो भी भगवान शिव के दरबार में अर्जी लगाता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

यही वजह है कि लोग यहां पर हर सोमवार को भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर के महंत जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि सावन के महीने में बटेश्वर धाम का बड़ा ही महत्व है. क्योंकि बटेश्वरधाम तीर्थों का राजा है. इसलिए यहां पर यमुना में स्नान करके फिर भगवान शिव के जलाभिषेक करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

डकैत मान सिंह ने चढ़ाया था घंटा -
बटेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी अशोक शर्मा ने बताया कि यहां पर बहुत बड़े-बड़े घंटे चढ़ाए जाते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर पर कई डकैतों ने भी अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटे चढ़ाए थे. इनमें डाकू मान सिंह, डाकू माधो सिंह, डाकू प्रयाग सिंह, डाकू लायक सिंह सहित अन्य तमाम ऐसे डाकू हुए, जिन्होंने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घंटे चढ़ाए थे. इनमें से अभी कई डाकुओं के चढाए घंटे तो मंदिर में मौजूद हैं.

आगरा: सावन के आखिरी सोमवार पर प्रदेश भर के सभी शिवालयों पर जमकर शिव भक्तों का जमावड़ा रहा. जनपद के बटेश्वरधाम मन्दिर में भी सुबह 4 बजे से ही भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए भक्तों की लम्बी लाइन लगी रही जो शाम तक जारी रही. बटेश्वर नाथ धाम की मान्यता है कि कार्य सिद्ध होने पर भक्त भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाते हैं. इस मंदिर में 5 कुंटल तक के पीतल के घंटे भक्तों द्वारा चढ़ाए गए हैं.

बटेश्वरनाथ धाम मंदिर की कहानी.

मंदिर की कहानी लोगों की जुबानी -
यह मन्दिर बहुत ही पुराना है. मान्यता यह है कि यहां जो भी अपनी मनोकामना लेकर आता है और भगवान शिव को जल चढ़ाता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती है. मनोकामना पूर्ण होने पर भक्त यहां पीतल के घंटे भगवान को चढ़ाते हैं.

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फिरोजाबाद निवासी श्रद्धालु ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सावन के महीने में बहुत दूर-दूर से लोग भगवान बटेश्वरनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं और यमुना में स्नान करते हैं, जिससे सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. शिकोहाबाद निवासी श्रद्धालु सुशील यादव का कहना है कि बटेश्वरनाथ धाम की मान्यता दूर दूर तक फैली है. यहां जो भी भगवान शिव के दरबार में अर्जी लगाता है भगवान शिव उसकी सारी मनोकामना पूर्ण करते हैं.

यही वजह है कि लोग यहां पर हर सोमवार को भगवान शिव को जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर के महंत जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि सावन के महीने में बटेश्वर धाम का बड़ा ही महत्व है. क्योंकि बटेश्वरधाम तीर्थों का राजा है. इसलिए यहां पर यमुना में स्नान करके फिर भगवान शिव के जलाभिषेक करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

डकैत मान सिंह ने चढ़ाया था घंटा -
बटेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी अशोक शर्मा ने बताया कि यहां पर बहुत बड़े-बड़े घंटे चढ़ाए जाते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर पर कई डकैतों ने भी अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटे चढ़ाए थे. इनमें डाकू मान सिंह, डाकू माधो सिंह, डाकू प्रयाग सिंह, डाकू लायक सिंह सहित अन्य तमाम ऐसे डाकू हुए, जिन्होंने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घंटे चढ़ाए थे. इनमें से अभी कई डाकुओं के चढाए घंटे तो मंदिर में मौजूद हैं.

Intro:स्पेशल
आगरा. जिला मुख्यालय से 85 किलोमीटर दूर स्थित तीर्थराज बटेश्वरधाम में सावन के चौथे सोमवार में भक्त और श्रद्धालुओं का रेला उमड़ा. सुबह 4 बजे से ही भगवान आशुतोष के जलाभिषेक के लिए कतारों में भक्त लग गए. शाम चार बजे तक ऐसे ही रहे भगवान शिव के भक्तों कतारों में लगे रहे. पहले भक्तों ने यमुना नदी में स्नान किया.फिर भगवान शिव का गंगाजल और यमुना जल से जलाभिषेक किया. बटेश्वर नाथ की मान्यता है कि, कार्य सिद्ध होने पर भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाते हैं. इस मंदिर में बटेश्वर नाथ के मंदिर में 5 कुंटल तक के पीतल के घंटे हैं. अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर डकैत मान सिंह, डकैत माधोसिंह सहित अन्य डकैतों ने भी भगवान शिव के दरबार में घंटा चढ़ाया था.

इसके बाद लोग यहां अपने मन से भगवान आशुतोष को घंटा चढ़ाते हैं यही वजह है कि ः


Body:फिरोजाबाद निवासी श्रद्धालु ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सावन के महीने में बहुत दूर-दूर से लोग भगवान बटेश्वरनाथ के दर्शन करने के लिए आते हैं. यहां पर यमुना में स्नान करते हैं. सभी की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.
शिकोहाबाद निवासी श्रद्धालु सुशील यादव का कहना है कि बटेश्वरनाथ की मान्यता दूर दूर तक फैली है. बटेश्वरनाथ की मान्यता फैली है. यहां जो भी भगवान शिव के दरबार में मांगने के लिए अर्जी लगाता है. उसकी मनोकामना पूर्ण होती है. यही वजह है कि लोग यहां पर हर सोमवार को भगवान आशुतोष का जला शिव जलाभिषेक करने के लिए आते हैं. और यहां पर यमुना मैया भी बहती है.
बटेश्वर निवासी श्रद्धालु राम बरनी ने बताया कि बटेश्वरधाम की एक यह भी मान्यता है कि यहां पर सुहागिन महिलाएं सिंदूर खरीद करके ले जाती हैं. और भगवान शिव से यही मांगती है कि उनके सुहाग की दीर्घायु करें. यहां से खरीदे सिंदूर को महिलाएं अपनी मांग में सजा दी हैं.
बटेश्वर नाथ मंदिर के पुजारी अशोक शर्मा ने बताया कि यहां पर बहुत बड़े-बड़े घंटे चढ़ाए जाते हैं. बटेश्वरनाथ मंदिर पर कई डकैतों ने भी अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर घंटे चढ़ाई थे. इनमें डाकू मान सिंह, डाकू माधो सिंह,डाकू प्रयाग सिंह, डाकू लायक सिंह सहित अन्य तमाम ऐसे डाकू हुए, जिन्होंने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए घंटे चढ़ाएं थे. इनमें से अभी कई डाकुओं के घंटे तो मंदिर में मौजूद हैं.
बटेश्वरनाथ मंदिर के महंत जय प्रकाश गोस्वामी ने बताया कि सावन के महीने में बटेश्वर धाम का बड़ा ही महत्व है. क्योंकि बटेश्वरधाम सभी तीर्थों का भांजा है. इसलिए यहां पर यमुना में स्नान करके फिर भगवान शिव के जलाभिषेक करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जिस तरह से यहां पर गंगा जल से यमुना जल और गंगा जल से भगवान शिव के जलाभिषेक की मान्यता है. वैसे ही यहां पर भगवान शिव को खुश करने के लिए घंटा चढ़ाने की परंपरा है. यही वजह है कि यहां पर लगातार लोग अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर पीतल के घंटे चढ़ाते हैं.


Conclusion:बटेश्वर धाम मनोकामना पूर्ण होने पर चंबल के डकैतों ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पीतल के घंटे चढ़ाते थे. बटेश्वर धाम में दस्यु डकैत मानसिंह, डकैत माधव सिंह समेत अन्य तमाम ने अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर यहां पर घंटा चढ़ाया था. भगवान बटेश्वर नाथ के मंदिर में माथा टेकने के बाद सुहागिने यहां से सिंदूर खरीद करके ले जाती हैं और फिर उसे अपनी मांग में सजाती हैं, जिससे पति दीर्घायु हो.
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पहली बाइट ज्ञानेंद्र सिंह, श्रद्धालु (फिरोजाबाद) ।
दूसरी बाइट सुशील यादव, श्रद्धालु (शिकोहाबाद)।
तीसरी बाइट राम बरनी, श्रद्धालु (बटेश्वर)।
चौथी बाइट अशोक शर्मा, पुजारी बटेश्वरनाथ मंदिर।
पांचवीं बाइट जय प्रकाश गोस्वामी, महंत बटेश्वरनाथ मंदिर।.
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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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