आगराः जिले में 6 लोग कोरोना वायरस से पीड़ित है. मामला संज्ञान में आने के बाद जिला प्रशासन तैयारियों में जुटा हुआ है. वहीं पीड़ित परिवार के बच्चों के स्कूल में पढ़ने वाले अन्य सहपाठियों के अभिभावक स्कूल बंद करवाने की मांग कर रहे हैं.
अभिभावकों के अंदर दहशत का माहौल
पीड़ित परिवार का एक बच्चा सोमवार को सेंट पीटर्स स्कूल में पढ़ने गया था. वहां स्कूल प्रशासन द्वारा स्कूल को सेनेटाइज करने का भी काम किया गया. इसके बाद भी अभिभावकों के अंदर अभी भी दहशत का माहौल है. गुरुवार को स्कूल खुलने के बाद परिजनों ने स्कूल के बाहर हंगामा किया, जिसके बाद स्कूल प्रशासन ने अवकाश घोषित कर दिया. हालांकि परिजन अभी भी स्कूल को 15 दिन बन्द करने और परीक्षाएं स्थगित करने की मांग कर रहे हैं.
लोगों में कोरोना की दहशत बरकरार
जिले में 25 जनवरी को दो जूता कारोबारी भाइयों का परिवार इटली से घूमकर वापस आया था. इनमें से छह सदस्यों के अंदर कोरोना वायरस की पुष्टि लखनऊ लैब में हो चुकी है, जबकि सात अन्य को घर में ही स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में रखा गया है. सभी पॉजिटिव मिले पीड़ितों की जांच नमूनों को पुणे की लैब में क्रॉस चेकिंग के लिए भेजा गया हैं. इसके बाद से ताजनगरी में लगातार लोगों में कोरोना की दहशत बरकरार है.
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बच्चों में संक्रमण का डर
वजीरपुरा रोड स्थित सेंट पीटर्स और सेंट फेलिक्स में पीड़ित परिवार के बच्चे पढ़ते थे. उन स्कूलों में लगातार अभिभावकों को अपने बच्चों में संक्रमण का डर सता रहा है. बुधवार को स्कूल द्वारा छुट्टी करके स्कूल की साफ सफाई की गई. इसके बाद भी अभिभावक संतुष्ट नहीं हैं. अभिभावकों का कहना है कि स्कूल प्रशासन बच्चों की जिम्मेदारी भी नहीं ले रहा है. कोरोना के डर से जिला प्रशासन जिले के पांच सितारा होटल क्रिस्टल समोवार प्रीमियर को पहले ही अनिश्चित काल के लिए बन्द करवा चुका है.
प्रशासन के आदेश पर ही कोई कार्रवाई
सेंट फेलिक्स के फादर डॉमनिक जार्ज ने बताया कि उन्होंने स्कूल को पूरी तरह से साफ करवाया है. प्रशासन को जानकारी देने के बाद ही स्कूल ओपन किया गया. अभिभावकों को चिंता हो रही थी तो हमने उनके अनुसार स्कूल की छुट्टी कर दी है. आगे प्रशासन के आदेश पर ही कोई कार्रवाई होगी. अन्यथा स्कूल की पढ़ाई जारी रहेगी.