आगरा: दयालबाग बवाल का मामला हाईकोर्ट में पहुंच गया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में पांच अक्टूबर को सुनवाई होनी है. ऐसे में पुलिस और प्रशासन सबूत जुटाने में लगा है. वहीं, किसानों ने सत्संगियों के खिलाफ मोर्चा खोलने का ऐलान किया था. एक अक्टूबर को किसानों की महापंचायत बुलाई गई थी. लेकिन, अब किसानों की महापंचायत पर भी संशय के बादल मंडरा रहे हैं. पुलिस और प्रशासन से चर्चा के बाद अब किसान की पांच अक्टूबर की महापंचायत आगे बढ़ सकती है.
गौरतलब है कि सरकारी जमीन खाली कराने के दौरान गत 24 सितंबर 2023 को हिंसा हुई थी. पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर सत्संगियों की तरफ से पथराव और लाठीचार्ज भी किया गया था. पथराव और लाठीचार्ज में दर्जनों लोग घायल हुए थे. इस मामले को सोमवार हाईकोर्ट में मेंशन किया गया था. जिस पर चीफ जस्टिस ने मामला 27 सितंबर को सुनवाई के लिए नियमित बेंच के समक्ष भेज दिया. साथ ही मौखिक रूप से प्रशासन को तब तक कार्रवाई से रोक दिया था. हाईकोर्ट में सुनवाई के बाद पांच अक्टूबर तक यथास्थित बनाए रखने के निर्देश दिए गए हैं.
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किसान नेता भूरी सिंह ने बताया कि लंबे समय से सत्संगी और किसानों के बीच विवाद चला आ रहा है. किसानों की जमीन पर कब्जा किया जा रहा है. किसानों के खेतों के आने जाने वाले रास्ते बंद कर दिए गए हैं. वहां पर गेट लगा दिया है, जिससे किसान परेशान हैं. पहली बार पुलिस और प्रशासन ने सरकारी जमीन पर कब्जा हटाने को लेकर कार्रवाई की है. जिससे किसान में विश्वास जगा है. इसलिए, किसान भी अपनी आरपार की लड़ाई लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसलिए, किसान एकजुट हुए हैं.
किसान नेता भूरी सिंह ने बताया कि एक अक्टूबर को किसान महापंचायत को लेकर किसानों से संपर्क किया जा रहा है. लेकिन, हाईकोर्ट में पांच अक्टूबर की सुनवाई है. इसलिए, अब किसान महापंचायत भी पांच अक्टूबर के बाद करने को लेकर किसानों से चर्चा की जा रही है. इस बारे में पुलिस और प्रशासन से भी बात की जा रही है. किसान महापंचायत में किसान जुटेंगे. इसलिए, एक अक्टूबर की महापंचायत आगे बढ़ाने पर किसानों से चर्चा की जा रही है. इसलिए, अभी किसान महापंचायत की तिथि के बारे में कुछ नहीं कह सकते हैं.
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