आगरा: ताजनगरी में क्रिकेट वर्ल्ड कप 2023 से पहले आगरा पुलिस ने ऑनलाइन सट्टे के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का खुलासा किया है. आरोपी ऑनलाइन बेटिंग-गेमिंग एप के जरिए लोगों से बड़ा फ्रॉड कर रहे थे. पुलिस की साइबर सेल ने ऐसे 9 एप और 27 विदेशी वेबसाइट ब्लॉक को ब्लॉक कर दिया है. देश में 15 लाख लोग ठगी का शिकार होने से बच गए. जानिए क्या हैं जालसाजों के ऑनलाइन फ्रॉड का नया तरीका!
वर्ल्ड कप से पहले साइबर ठगों पर पुलिस की बड़ी कार्यवाही
अगर आपको मोबाइल या लैपटॉप से ऑनलाइन बेटिंग (सट्टा) गेम खेलने का शौक है, तो आपकी मेहनत की कमाई पलक झपकते ही विदेश में बैठे साइबर ठग के पास पहुंच सकती है. ऐसे गेम के लिए साइबर ठगों ने ऐप और वेबसाइट बनाकर ठगी करने का काम शुरू कर दिया है. जो लोगों को सट्टे की लत लगाकर आसानी से ठगी का शिकार बना रही है. ऐसे ही एक बड़े ठगी से जुड़े मामलें का आगरा पुलिस की साइबर सेल ने खुलासा किया है. जिसके अनावरण से 15 लाख लोग ठगी का शिकार होने से बच गए. आगरा पुलिस के अनुसार भारतीयों को ठगने के लिए विदेशी सर्वर के माध्यम से ऐसे ऐप और वेबसाइट तकनीक जो दुनिया में चलन में है. ठग इसके माध्यम से आसानी से आपका सारा पैसा क्रिप्टो करेंसी के रूप में किसी अज्ञात विदेशी खाते में स्थानांतरित कर सकते हैं.
दूसरे राज्ये से 3 आरोपी गिरफ्तार
आगरा पुलिस लाइन स्थित प्रशांत मेमोरियल सभागार में पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बुधवार को बताया कि पुलिस को पता चला था कि स्टार इंडिया कंपनी के अधिकृत हॉस्टार, लाइव कंटेंट, लाइव गेम को थर्ड पार्टी ऐप एक बेट व वेब पोर्टल के माध्यम से चोरी कर दिखाया जा रहा है. इस संबंध में जून में थाना शाहगंज में मुकदमा लिखा गया था. साइबर सेल की टीम इस मामला में तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक गई थी. जिसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था. पुलिस की जांच में सामने पता चला कि चीन, वियतनाम, फिलिपींस, रूस आदि के सर्वर के माध्यम से लाइव स्ट्रीमिंग की जाती है. यहां अवैध बेटिंग, गेमिंग कराकर सैकड़ों किराये के बैंक और वर्चुअल खातों से करोड़ों की रकम क्रिप्टो करेंसी के रूप में परिवर्तित कर ट्रांसफर की जाती है. पूरा खेल विदेशी सर्वर पर खेला जा रहा है. जिसमें 15 लाख से ज्यादा भारतीय साइबर ठगों के निशाने पर हैं.
27 बेबसाइट और 9 ऐप कराई डीएक्टिवेट
पुलिस आयुक्त डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने आगे बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया कि 6 हजार बैंक और 18 हजार वर्चुअल खातों से ऑनलाइन बेटिंग-गेमिंग
ऐप एक सट्टे के जरिए एक साल के अंदर 1600 करोड़ रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है. पुलिस ने इन खातों के 4.2 करोड़ होल्ड कराए हैं. पुलिस ने जांच के बाद 6 हजार बैंक और 18 हजार वर्चुअल खातों को बंद कराया है.
ज्यादा यूजर्स वाली साइट्स पर भेजे जाते थे लिंक
पुलिस आयुक्त ने बताया कि संदिग्ध ऑनलाइन गेमिंग-बेटिंग ऐप के लिंक को साइबर फ्रॉड सिर्फ ज्यादा यूजर्स वाले ऐप पर पोस्ट करते थे. जैसे इंस्टाग्राम, टेलीग्राम और सिग्नल ऐप इनके मुख्य टारगेट थे. मनोरंजन के बीच इनके लिंक और उसमें गेम खेल कर बड़ी रकम जीतने का प्रलोभन दिया जाता था. लोग ऐप और साइट्स को सब्सक्राइब कर ऑनलाइन क्रिकेट, लूडो, रग्बी जैसे मनोरंजक गेम पर सट्टा लगाते थे. उन्हें जीतने पर एक बार रिवॉर्ड में अच्छी-खासी रकम भी साइबर ठगों की तरफ से दी जाती थी. जिससे सट्टे की रकम बढ़ सके. यूजर्स से सब्सक्रिप्शन के लिए 300-500 रुपए लिए जाते थे. उसी रकम को क्रिप्टो करेंसी में परिवर्तित कर साइबर ठग चीन, वियतनाम, फिलिपींस, रूस जैसे देशों में बैंक और वर्चुअल खातों में ट्रांसफर कर लिया करते थे. जिसके बाद ऐप और साइट्स काम करना बंद कर देती थी.
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