आगराः आगरा में मंगलवार को सिपाही की पत्नी पति की शिकायत लेकर डीसीपी कार्यलय पहुंची. उसका आरोप था कि बेटा पैदा न होने पर पति ने मारपीट कर घर से निकाल दिया. विभाग के उच्च अधिकारी मदद की जगह उन्हें आश्रम में ठिकाना तलाशने की नसीहत दे रहे हैं.
पीठ पर बैग, आंखों में आंसू और हाथ जोड़कर न्याय दिलाने की मांग कर रही सुनीता देवी कई दिनों से अफसरों की चौखट के चक्कर काट रही हैं. उनका कहना है कि वह आगरा में तैनात सिपाही संजय यादव की पत्नी हैं. पति संजय यादव थाना खेड़ा राठौर में तैनात थे. दस दिन पहले पति का पुलिस लाइन में स्थानांतरण हो गया हैं.
बीती 11 मार्च को पति ने मैनपुरी स्थित घर से मारपीट कर उन्हें भगा दिया. बेटा पैदा न होने के कारण उन्हें ये सजा दी गई. उनकी 12 साल की बेटी है. बेटी को पति ने हॉस्टल में रखवा दिया. उनके माता-पिता मर चुके हैं. ऐसे में वह सड़कों पर भटकने को मजबूत हैं. उन्होंने पति पर आरोप लगाया कि उन्हें बेटी से भी नहीं मिलने दिया जा रहा है.
सुनीता ने बताया कि मैनपुरी पुलिस से भी शिकायत की लेकिन पति की पोस्टिंग आगरा में होने के कारण अधिकारियों ने आगरा जाकर शिकायत करने की बात कही. बीते एक महीने से वह आगरा में सड़क पर मजबूरन जीवन काट रहीं हैं. पीड़िता ने सिपाही पति पर एक महिला से अवैध संबंध होने के भी आरोप लगाए हैं. कहा कि झूठे आरोप लगाकर घर से निकाल दिया.
अधिकारी कहते आश्रम तलाश लो
इंसाफ की आस में भटक रही सिपाही की पत्नी सुनीता ने बताया कि उन्होंने उक्त मामले को लेकर अपर पुलिस आयुक्त केशव चौधरी से शिकायत की थीं. उन्होंने कहा था कि अगर पति नहीं रखना चाहता तो कोई आश्रम ढूंढ लो, वहां जाकर रहना शुरू कर दो. सुनीता कहतीं है कि बताइए इस उम्र में कहां जाएं.
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