आगराः आगरा जिला जज विवेक संगल की अदालत ने गुरुवार दोपहर एक बहुचर्चित मामले में इटावा के भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को दोष मुक्त कर दिया. जिला जज ने स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट के 12 साल पुराने मामले में भाजपा सांसद सुनाई दो साल की सजा और 50 हजार रुपये के जुर्माना के फैसले को पलट दिया है. स्पेशल जज एमपी-एमएलए कोर्ट की सुनाई सजा से सांसदी पर तलवार लटकने पर सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने सजा के खिलाफ जिला जज विवेक संगल की अदालत में अपील की थी. जिस पर जिला जज विवेक संगल ने भाजपा सांसद की अपील स्वीकार करके पहले ही अपील की सुनवाई होने तक सजा निलंबित करने का आदेश दिया था. दोनों पक्ष की 21 अक्टूबर को सुनवाई में बहस पूरी हो चुकी थी. डॉ. रामशंकर कठेरिया को दोष मुक्त किए जाने के बाद भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं ने दीवानी परिसर में मिष्ठान वितरण करके एक दूसरे को बधाई दी.
सांसद के अधिवक्ता विजय आहूजा ने बताया कि, निचली अदालत ने भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को जो सजा सुनाई थी. उसके खिलाफ जिला जज की अदालत में याचिका दायर की थी. जिस पर आठ तारीख पर सुनवाई हुई. जिला जज ने गुरुवार को निश्चित तिथि सांसद डा. राम शंकर कठारिया को सभी आरोपों से दोष मुक्त कर दिया है. क्योंकि, इस मामले में अभियोजन पक्ष अपना आरोप सिद्ध नहीं कर सके. वहीं, मीडिया से रूबरू होने पर सांसद रामशंकर कठेरिया ने कहा कि, मैं न्यायपालिका का सम्मान करता हूं. जिस तरह से कई तारीखों के बाद मुझे इस मामले में बरी किया है. मैं न्यायालय का आभारी हूं.
दरअसल, पांच अगस्त-2023 को स्पेशल जज एमपी/एमएलए कोर्ट ने करीब 12 साल पुराने एक मामले में इटावा के मौजूदा भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को दो साल की सजा और 51 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया था. स्पेशल जज एमपी/एमएलए कोर्ट की सजा के खिलाफ भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया ने सात अगस्त-2023 को जिला जज विवेक संगल की अदालत में अपील की. जिला जज विवेक संगल ने भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया की अपील स्वीकार करके सुनवाई तक स्पेशल जज एमपी/एमएलए कोर्ट की सजा पर रोक लगाकर सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया को बड़ी राहत दी थी. तभी से लगातार जिला जज की अदालत में इस मामले की सुनवाई हो रही है.
यह था पूरा मामला: इटावा के भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया पूर्व में आगरा के सांसद रहे हैं. मामला 16 नवंबर 2011 का है जब यूपी में बसपा की सरकार थी. आगरा के सांसद रहते हुए डॉ. रामशंकर कठेरिया ने लोगों के साथ मिलकर साकेत मॉल में बिजली कंपनी टोरेंट के कार्यालय पर प्रदर्शन किया था. इस दौरान जमकर बवाल और मारपीट भी हुई थी. टोरेंट पाॅवर के सुरक्षा अधिकारी समेधी लाल की तहरीर पर तब थाना हरीपर्वत में सांसद राम शंकर कठेरिया सहित अन्य पर मारपीट, धमकी देने के साथ ही अन्य धाराओं में दर्ज किया गया था. इस मामले में हरीपर्वत थाना पुलिस ने सांसद राम शंकर कठेरिया के विरुद्ध ही आरोप पत्र अदालत में दाखिल किया था. इस मामले में कोर्ट ने उन्हें दोषी मानते हुए दो साल की सजा सुनाई थी, साथ ही 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया था.
विधिक बिंदुओं पर भी बहस पूरी: बता दें कि जिला जज विवेक संगल की अदालत में बीती 27 सितंबर को सांसद कठेरिया की ओर से अधिवक्ता ने बहस पूरी की. 30 सितंबर को अभियोजन की बहस पूरी हुई. जिला जज ने दोनों पक्षों की बहस पूरी होने पर फैसले के लिए 12 अक्टूबर की तारीख तय की थी हालांकि बाद में इस मामले की सुनवाई के लिए 16 अक्टूबर की तिथि तय कर दी गई. जिला जज की अदालत में सुनवाई में दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं ने विधिक बिंदुओं पर बहस की. जिला जज विवेक संगल ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथि 21 अक्टूबर तय की थी. इस तारीख पर सांसद के अधिवक्ता और अभियोजन पक्ष की ओर से विधिक बिंदुओं पर बहस की गई. बहस पूरी होने के बाद आज जिला जज विवेक संगल की अदालत भाजपा सांसद डॉ. रामशंकर कठेरिया के मामले में अपना फैसला सुना सकती है. कोर्ट के फैसले पर ही उनकी सांसदी टिकी हुई है.
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