आगरा: ताज महल पर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है. इस बार ताज महल की पच्चीकारी और शौचालय के पास लगी फोटो गैलरी को लेकर मामला गरमाया है. सोशल मीडिया पर उरई के संत मत्स्येंद्र गोस्वामी का वीडियो वायरल हो रहा है. वीडियो में संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ताज महल परिसर में बने शौचालय के पास लगे मंदिर के फोटोज पर एतराज जता रहे हैं. उन्होंने मंदिरों के फोटोज शौचालय के पास लगे होने पर खुद के आहत होने और तत्काल न हटाने पर ताज महल के बाहर अनशन का ऐलान किया है. संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने ताजमहल की पच्चीकारी पर स्वास्तिक बने होने का मुद्दा उठाया है. वहीं, इस बारे में खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने इसे चीप पब्लिसिटी बताया है.
मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए: बता दें कि उरई से संत मत्स्येंद्र गोस्वामी सोमवार को आगरा आए और ताजमहल का भ्रमण किया. जब संत ने ताज महल परिसर में शौचालय के पास गैलरी में हिंदू मंदिरों की फोटो देखी तो उस पर एतराज जताया. उन्होंने एएसआई अधिकारियों से कहा कि इससे उनका मन बहुत आहत हुआ है. शौचालय के पास हिंदू-देवी देवताओं की तस्वीर नहीं होनी चाहिए थी. मंदिरों की तस्वीर को वहां से हटाने की बात की. उन्होंने कहा कि, मकबरे में हिंदू मंदिरों की तस्वीर नहीं होनी चाहिए. अगर इन्हें नहीं हटाया जाए तो वो अनशन करेंगे.
वीडियो वायरल कियाः संत मत्स्येंद्र गोस्वामी ने सोशल मीडिया पर वायरल किए वीडियो ताजमहल परिसर में स्थित रायल गेट की पच्चीकारी में गुलाब, कमल के फूल और स्वास्तिक बने होने का दावा किया है. उनका दावा है कि ताजमहल को राजमहल और मंदिर था. उन्होंने ऐलान किया कि शनिवार तक ताजमहल परिसर में शौचालय के पास लगी हुई मंदिर की कलाकृतियों को नहीं हटाया गया तो वो ताजमहल के बाहर अनशन करेंगे.
सस्ती पब्लिसिटी का कामः खुद को मुगलवंशज बताने वाले प्रिंस तुसी ने बताया कि संत मत्स्येंद्र गोस्वामी की यह सस्ती पब्लिसिटी है. कल से पहले उन्हें कौन जानता था. वो विवाद खड़ा करके मशहूर होना चाहते हैं. जो वास्तव में संत होगा, वो ऐसी बात नहीं करेगा. इसके साथ ही ताजमहल की पच्चीकारी में फूल और पत्तियों को लेकर वायरल हो रहे वीडियो के जवाब में प्रिंस तुसी ने कहा कि, मुगल शासकों की कई रानियां होती थीं. जो हिंदू-मुस्लिम और एक तथा अन्य धर्म की होती थीं.
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पच्चीकारी पर यह बोले इतिसकारः इतिहासकार राजकिशोर राजे का कहना है कि ताजमहल की पच्चीकारी में तमाम जगह पर फूल, पत्तियां और सर्प तक बने हैं. ताजमहल के मुख्य द्वार पर कमल की आकृति है. यह आकृतियां भी क्यों बनी हैं. यह बेहद अहम जानकारी का विषय है.
हाईकोर्ट तक पहुंचा मामलाः ताजमहल पर यह कोई नया विवाद नहीं है. इससे पहले ताजमहल , मंदिर या मकबरे का मामला आगरा सिविल कोर्ट में गया तो विचाराधीन है. फिर बीते माह अयोध्या के जगतगुरु परमहंसाचार्य आगरा आए, उन्हें भगवा वस्त्र और धर्म दंड की वजह से सीआईएसएफ ने ताजमहल में नहीं जाने दिया. इस पर खूब हंगामा हुआ. इसके बाद अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की और ताजमहल के बंद तहखाने के 22 कमरों को खुलवाने की मांग की. सुनवाई में हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया.
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