आगराः कोरोना काल में अब महामारी का रूप ले चुका फंगस इंफेक्शन भी लोग की जान पर भारी पड़ रहा है. देश भर में कोरोना को मात देने वाले तमाम लोग अब ब्लैक, यलो और व्हाइट फंगस की चपेट में आ रहे हैं. वहीं, अब आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज (SNMC) के ईएनटी वार्ड में भर्ती एक मरीज की नाक में एस्परजिलस फंगस (Aspergillus Fungus) से मिला है. ETV BHARAT ने एसएनएमसी के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह से एस्परजिलस फंगस पर विशेष बातचीत की. उन्होंने बताया कि ब्लैक फंगस और एस्परजिलस फंगस का उपचार अलग-अलग है.
28 मई को एसएनएमसी में भर्ती हुआ था मरीज
एसएनएमसी के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि 28 मई को 32 वर्षीय मरीज भर्ती हुआ था. मरीज की नाक में फंगस इंफेक्शन के लक्षण थे. परिजन अपने साथ मरीज की एमआरआई और अन्य जांच की रिपोर्ट साथ आए थे. मरीज की जांच रिपोर्ट देखीं और नाक की जांच की थी, फंगस इंफेक्शन की आशंका हुई. इस पर फंगस इंफेक्शन की जांच के लिए नाक से सैंपल लिया. सैंपल की बायोप्सी कराई तो उसमें एस्परजिलस फंगस की पुष्टि हुई.
डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि मरीज की हालत देखकर पहले नाक का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन में पाया कि नाक के अंदर काफी हिस्सा काला हो चुका है. काफी हिस्सा खराब हो गया था. सैंपल की रिपोर्ट में पुष्टि हुई कि यह फंगस म्यूकोरमाइकोसिस नहीं एस्परजिलस फंगस है. एस्परजिलस फंगस और म्यूकोरमाइकोसिस फंगस का इलाज अलग-अलग है. म्यूकोरमाइकोसिस फंगस का इलाज 'एम्फोटेरेसिन बी' इंजेक्शन से किया जाता है. जबकि, एस्परजिलस फंगस के उपचार में 'बोरीकोनोजोल' का उपयोग किया जाता है. डॉ. अखिल प्रताप सिंह ने बताया कि एस्परजिलस फंगस के लक्षण कुछ अलग नहीं है. मगर, सबके इलाज में उपयोग होने वाली दवाएं अलग अलग हैं.
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26 मरीजों का किया गया ऑपरेशन
बता दें कि हर दिन एसएनएमसी में अब तक ब्लैक फंगस के संदिग्ध 47 मरीज भर्ती हुए. जिनकी जान बचाने के लिए ईएनटी और नेत्र विशेषज्ञ के साथ अन्य विशेषज्ञ की टीम लगातार ऑपरेशन कर रही है. अब तक 26 मरीजों के ऑपरेशन किए गए हैं. जिनमें से आठ मरीज की हालत गंभीर बनी हुई है. आगरा के एसएनएमसी में ब्लैक फंगस और अन्य फंगल इंफेक्शन के मरीजों के उपचार को लेकर एक टीम बनाई गई है. जिसमें मेडिसिन, ईएनटी और नेत्र रोग विशेषज्ञ शामिल हैं.