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आगरा के आसमान में सी 297 विमान से छलांग लगाएंगे जाबांज कमांडो, यूक्रेन निर्मित एएन-32 की होगी विदाई

एयरबस डिफेंस एंड स्पेस कंपनी ने पहला सी 295 परिवहन विमान भारतीय वायु सेना को सौंप दिया है. भारतीय वायु सेना प्रमुख को यह विमान सौंपा गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 14, 2023, 12:07 PM IST

आगरा : भारतीय वायुसेना का आगरा एयरफोर्स स्टेशन पाॅवर सेंटर हैं. यहां पर मालवाहक विमान के साथ ही देश का एकमात्र पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग स्कूल भी संचालित है. बुधवार शाम भारतीय वायु सेना को पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 मिल गया है. जिसके बाद जल्द ही आगरा के आसमान में एयरक्राफ्ट सी-295 देखने को मिलेगा. क्योंकि, आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग में जल्द ही देश की थल, जल और वायुसेना के जाबांज कमांडों भी एयरबस कंपनी के सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान से छलांग लगाएंगे. सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर एएन-32 का स्थान लेंगे. बता दें कि, स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को एयरबस कंपनी ने भारत को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के हाथों पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान सौंपा है. जल्द ही कंपनी 15 और विमान भारत को सौंपेगा. रक्षा मंत्रालय का एयरबस कंपनी से 56 सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान का सौदा हुआ है.

आगरा में एएन-32 की जगह लेगा सी-295 विमान : देश का एकमात्र पैराशूट जंपिंग का ट्रेनिंग स्कूल आगरा में है. जहां पर हर साल थल, वायु और नौसेना के जाबांज जवानों को पैराशूट जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके लिए आगरा एयरफोर्स स्टेशन से जवानों की टोली यूक्रेन निर्मित एएन-32 विमानों से आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग करते हैं. एएन-32 विमानों से बीते तीन दशक से जवानों को कुदाकर पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. अब जल्द ही एयरबस कंपनी के सी-295 टेक्नीकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान के आने से एएन-32 को पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस बारे में पैरा रेजिमेंट के पूर्व कर्नल जीएम खान बताते हैं कि, 'समय के साथ पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग और विमानों में बदलाव आवश्यक है. भारत में पैरा कमांडो को उन्नत ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके लिए उन्नत विमानों की जरूरत है. इसमें ही सी-295 विमान सबसे बेहतर है.'


दरअसल, यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते भारत को एएन-32 विमानों के पार्ट्स और जरूरी सामान नहीं मिल रहा है, जो एक बड़ी समस्या है. यूक्रेन से जरूरी पार्ट्स और सामान नहीं मिलने पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने बीते साल ही एयरबस कंपनी से 56 सी-295 टेक्नीकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान का सौदा किया था, जिसके तहत एयरबस कंपनी को 16 विमान स्पेन स्थित कारखाने में बनाकर देने हैं. बाकी 40 विमान कंपनी भारत में टाटा कंपनी के साथ मिलकर बनाएगी.


आगरा एयरफोर्स स्टेशन को मिलेंगे चार विमान : आगरा एयरफोर्स स्टेशन के पैरा जंपिंग ट्रेनिंग स्कूल में जबांज जवानों को जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें भारत की थल, जल और वायुसेना के कमांडो के साथ ही भारत के पड़ोसी मित्र देश की सेना के कमांडो को भी ट्रेनिंग दी जाती है. जब एएन-32 विमान के स्थान पर सी-295 विमान से जंपिंग की ट्रेनिंग शुरू होगी तो आगरा एयरफोर्स स्टेशन को ट्रेनिंग के लिए तीन से चार विमान मिल सकते हैं.

यह भी पढ़ें : Airbus Hands Over First C-295 Aircraft To IAF : स्पेन में आयोजित एक समारोह में एयरबस ने भारतीय वायु सेना को सौंपा सी295 विमान

यह भी पढ़ें : IAF aircraft departs for Syria: वायु सेना का हरक्यूलिस विमान दवाओं, राहत सामग्रियों संग सीरिया पहुंचा

आगरा : भारतीय वायुसेना का आगरा एयरफोर्स स्टेशन पाॅवर सेंटर हैं. यहां पर मालवाहक विमान के साथ ही देश का एकमात्र पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग स्कूल भी संचालित है. बुधवार शाम भारतीय वायु सेना को पहला मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सी-295 मिल गया है. जिसके बाद जल्द ही आगरा के आसमान में एयरक्राफ्ट सी-295 देखने को मिलेगा. क्योंकि, आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर पैरा ड्रॉपिंग ट्रेनिंग में जल्द ही देश की थल, जल और वायुसेना के जाबांज कमांडों भी एयरबस कंपनी के सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान से छलांग लगाएंगे. सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान आगरा एयरफोर्स स्टेशन पर एएन-32 का स्थान लेंगे. बता दें कि, स्पेन के सेविले शहर में बुधवार को एयरबस कंपनी ने भारत को एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी के हाथों पहला सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान सौंपा है. जल्द ही कंपनी 15 और विमान भारत को सौंपेगा. रक्षा मंत्रालय का एयरबस कंपनी से 56 सी-295 मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान का सौदा हुआ है.

आगरा में एएन-32 की जगह लेगा सी-295 विमान : देश का एकमात्र पैराशूट जंपिंग का ट्रेनिंग स्कूल आगरा में है. जहां पर हर साल थल, वायु और नौसेना के जाबांज जवानों को पैराशूट जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. इसके लिए आगरा एयरफोर्स स्टेशन से जवानों की टोली यूक्रेन निर्मित एएन-32 विमानों से आठ हजार फीट की ऊंचाई से पैरा जंपिंग करते हैं. एएन-32 विमानों से बीते तीन दशक से जवानों को कुदाकर पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है. अब जल्द ही एयरबस कंपनी के सी-295 टेक्नीकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान के आने से एएन-32 को पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग में इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. इस बारे में पैरा रेजिमेंट के पूर्व कर्नल जीएम खान बताते हैं कि, 'समय के साथ पैरा जंपिंग की ट्रेनिंग और विमानों में बदलाव आवश्यक है. भारत में पैरा कमांडो को उन्नत ट्रेनिंग दी जाती है. जिसके लिए उन्नत विमानों की जरूरत है. इसमें ही सी-295 विमान सबसे बेहतर है.'


दरअसल, यूक्रेन और रूस के युद्ध के चलते भारत को एएन-32 विमानों के पार्ट्स और जरूरी सामान नहीं मिल रहा है, जो एक बड़ी समस्या है. यूक्रेन से जरूरी पार्ट्स और सामान नहीं मिलने पर भारत के रक्षा मंत्रालय ने बीते साल ही एयरबस कंपनी से 56 सी-295 टेक्नीकल मिलिट्री ट्रांसपोर्ट विमान का सौदा किया था, जिसके तहत एयरबस कंपनी को 16 विमान स्पेन स्थित कारखाने में बनाकर देने हैं. बाकी 40 विमान कंपनी भारत में टाटा कंपनी के साथ मिलकर बनाएगी.


आगरा एयरफोर्स स्टेशन को मिलेंगे चार विमान : आगरा एयरफोर्स स्टेशन के पैरा जंपिंग ट्रेनिंग स्कूल में जबांज जवानों को जंपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है, जिसमें भारत की थल, जल और वायुसेना के कमांडो के साथ ही भारत के पड़ोसी मित्र देश की सेना के कमांडो को भी ट्रेनिंग दी जाती है. जब एएन-32 विमान के स्थान पर सी-295 विमान से जंपिंग की ट्रेनिंग शुरू होगी तो आगरा एयरफोर्स स्टेशन को ट्रेनिंग के लिए तीन से चार विमान मिल सकते हैं.

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