आगरा: सरकारी जमीन से अवैध कब्जे को हटाने के बाद जिला प्रशासन और सत्संग सभा आमने-सामने है. बीते रविवार को सत्संगियों की पत्थरबाजी का जवाब पुलिस ने लाठीचार्ज से दिया था. इसमें दोनों पक्षों के लोग घायल हुए थे. लेकिन, सत्संग सभा से जुड़ी रूही सत्संगी ने डीसीपी सिटी कार्यालय पहुंचकर राधा स्वामी पंत पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने पुलिस को एक-एक सच्चाई बताई है.
दयालबाग स्थित राधा स्वामी सत्संग सभा के खिलाफ़ उन्हीं के पंत की एक अनुयायी रूही सत्संगी ने सत्संगियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. रूही सोमवार को कलेक्ट्री स्थित डीसीपी नगर सूरज राय के कार्यालय अपनी शिकायत लेकर पहुंची. उन्होंने मीडिया से भी बात की. उन्होंने बताया कि सत्संग सभा के लोगों ने उन्हें मारने की कोशिश की थी. लेकिन, पुलिस ने सत्संगियों के दवाब में मुकदमा दर्ज नहीं किया. वहीं, रूही सत्संगी ने बताया कि राधा स्वामी सत्संग सभा के पास अपनी निजी आर्मी है. इसमें महिलाएं, छात्राएं और सत्संगियों के बच्चे शामिल हैं. उन्हें आर्मी जैसा कठिन प्रशिक्षण दिया जाता है. हर तरीके के हथियार चलाने की ट्रेनिंग मिलती है. लेकिन, उन्हें कभी कानूनी धाराओं के बारे में नहीं बताया जाता है.
रूही सत्संगी ने बताया कि सत्संगी आर्मी कोडवर्ड का पालन करती है. जैसे इनके यहां एक कोडवर्ड हैं 'लाठी'. इसका मतलब है कि सामने जो भी हो उसे जान से मार दो. कल पुलिस जब सत्संगियों को समझा रही थी, तब इसी कोडवर्ड का इस्तेमाल किया गया और सत्संगी पुलिस पर लाठी-डंडे लेकर टूट पड़े. उन्होंने बताया कि सत्संग सभा के सिक्युरिटी चीफ एसपी सत्संगी हैं, जो आर्मी से कर्नल के पद से रिटायर्ड हैं. उन्हें पड़ोसी देशों की आर्मी के हथियारों के बारे में अच्छी-खासी जानकारी है. उनके कहने पर ही कीलेदार डंडा जैसे घातक हथियार चलाने की ट्रेनिंग बच्चों को दी जाती है. सत्संगी लोगों पर अर्नगल दवाब बनाते हैं. रविवार को हमलावरों में उनकी संख्या सबसे ज्यादा थी, जो सत्संगियों के दवाब में थे. उनके बच्चों को कॉलेज से बाहर निकालने की धमकियां दी गई थीं. इसके चलते सत्संगियों ने पुलिस को भी नहीं बख्शा. यह खुद अपराधी हैं और बड़े-बड़े अपराधियों को अपने यहां पनाह देते हैं.
रूही सत्संगी ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए बताया कि जो सत्संगी राधा स्वामी पंत के काले कारनामों के खिलाफ आवाज उठाता है, उसे बहुत कुछ झेलना पड़ता है. यह अपनी अनुयायी महिलाओं से पुरुषों के ऊपर फर्जी दुष्कर्म का मुक़दमा दर्ज करा देते हैं. महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया जाता है. उनके बच्चों को कॉलेज-स्कूल से बाहर कर दिया जाता है.
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