आगरा: लॉकडाउन के बीच अब प्रदेश में कोरोना संक्रमण का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन चुके आगरा जिले में मसीह समाज ने मिसाल पेश की है. लॉकडाउन के बीच घरों में रह रहे लोगों ने रविवार को ऑनलाइन प्रार्थना सभा में भाग लिया. शहर के सभी चर्चों में सारी धार्मिक क्रियाएं और प्रार्थना बिना लोगों की उपस्थित के हुईं. घरों पर ही रहकर लोगों ने मोबाइल और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के जरिये प्रभु यीशु के दोबारा जन्म होने के दिन ईस्टर पर्व को मनाया.
कोरोना महामारी खत्म करने की मांगी दुआ
मसीह समाज के लोग चालीस दिन उपवास रखते हैं और गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु के सूली पर लटकने की घटना को याद कर दुख व्यक्त करते हैं. इसके बाद कब्रिस्तान में मोमबत्तियां जलाकर प्रभु को याद करते हैं. ऐसा माना जाता है कि इतवार के दिन प्रभु यीशु दोबारा जीवित हो जाते हैं और सबको धर्म का संदेश देते हैं. इस अवसर पर शहर के सभी गिरजाघरों में ऑनलाइन प्रार्थना की गई. लोगों ने प्रभु यीशु से पापों को माफ कर कोरोना जैसी महामारी को खत्म करने की दुआ मांगी है.
फादर ने दी यीशु के जन्म की बधाई
कलेक्ट्रेट चौराहे पर स्थित सेंट्रल मेथोडिस्ट चर्च पर ऑनलाइन सभा के बाद फादर रेव मसीह लाल ने प्रार्थना की. उन्होंने लोगों को बधाई देने के बाद संदेश देते हुए कहा कि यह दुख की बात है कि आज हम लोग एक साथ इकट्ठा होकर प्रभु यीशु की प्रार्थना नहीं कर पाए. वहीं यह खुशी की बात है कि इस कठिन समय में भी हम सोशल मीडिया के माध्यम से प्रार्थना और बधाई को एक दूसरे तक पहुंचा पाए हैं.
मरकर जीवित हुए थे प्रभु यीशु
फादर रेव मसीह लाल ने कहा कि प्रभु यीशु आज के दिन मुर्दों में से जीवित हुए थे और उन्होंने यह साबित किया था कि सभी के लिए अच्छा करने वालों के साथ प्रभु हैं. जो अपने पाप का प्रायश्चित करते हैं प्रभु उन्हें क्षमा देते हैं. यीशु एकमात्र जीवित भगवान हैं और हम प्रार्थना करते हैं कि लोगों के किये गए पापों को माफ करें और विश्व को इस महामारी से निजात दिलवाएं.