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छत्रपति शिवाजी जन्म दिवस: आगरा में 17 माह से बजट की राह जोह रहा अधूरा म्यूजियम, जानें कारण... - छत्रपति शिवाजी म्यूजियम

हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज का आज जन्मदिन है. आगरा से शिवाजी महाराज का गहरा नाता रहा है. 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने आगरा को मुगल म्यूजियम की सौगात दी. जिसका नाम सीएम योगी ने किरावली की जनसभा में बदलकर छत्रपति शिवाजी म्यूजियम रख दिया. हालांकि शिवाजी के नाम पर प्रदेश में राजनीति तो खूब हुई लेकिन अधूरा पड़ा म्यूजियम पिछले 17 महीने से बजट की राह जोह रहा है.

छत्रपति शिवाजी म्यूजियम
छत्रपति शिवाजी म्यूजियम
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Published : Feb 19, 2022, 1:34 PM IST

आगरा: हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज का आज जन्मदिन है. आगरा से शिवाजी महाराज का गहरा नाता रहा है. वे मुगलिया सल्तनल के बादशाह औरंगजेब से मिलने यहां आए थे. जहां पर औरंगजेब ने उन्हें पहले नजरबंद और बाद में कैद कर लिया था. वीर शिवाजी से जुड़े गौरवशाली इतिहास को सहजने को लेकर यूपी में खूब राजनीति होती है.

सीएम योगी ने 17 माह पहले आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज किया. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 प्रचार में सीएम योगी ने किरावली, शमशाबाद और एत्मादपुर की जनसभा के मंच से छत्रपति शिवाजी म्यूजियम को अपनी उपलब्धि में गिनाया. इसके बाद आगरा विजय यात्रा लेकर आए सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी छत्रपति शिवाजी म्यूजियम को लेकर योगी सरकार को घेरा. जहां उन्होंने कहा कि नाम बदलने बदल दिया. मगर, एक रत्ती भी काम आगे नहीं बढ़ाया. म्यूजियम में लगाने के लिए आए उपकरण खस्ताहाल हो गए हैं. एससी और अन्य उपकरण की गारंटी खत्म हो गई. वे रखे रखे ही खराब हो रहे हैं. इतना ही नहीं, योगी सरकार ने बजट देना मुनासिब नहीं समझा. यही वजह है कि, अधूरा पड़ा म्यूजियम बजट की बाट जोह रहा है. ईटीवी भारत की छत्रपति शिवाजी के जन्मदिन पर पढे़ं स्पेशल रिपोर्ट...

छत्रपति शिवाजी जन्म दिवस

जून 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने आगरा को मुगल म्यूजियम की सौगात दी. सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ​ताजमहल के पूर्वी गेट से 1400 मीटर की दूरी पर खुद म्यूजियम का शिलान्यास किया था. मगर, 2017 में सपा सरकार चली गई. इसके बाद बजट के अभाव और कोविड के चलते मार्च 2020 में 75 प्रतिशत काम के बाद निर्माणकार्य रुक ​गया. 14 सितंबर 2020 को सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया था. इससे खूब राजनीति गरमाई. ​यूपी के विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करने आए सीएम योगी ने किरावली की जनसभा में छत्रपति शिवाजी म्यूजियम का नाम लिया. वहीं, आगरा आए सपा मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा.

शिवाजी ने रखी मराठा साम्राज्य की नींव
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता शाहजी भोंसले डेक्कन की सेना में सेनापति थे. उन्होंने भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. शिवाजी महाराज एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे. उन्होंने नौसेना भी तैयार की. साल 1676 में उन्हें छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया था.

99 दिन औरंगजेब की कैद में रहे थे शिवाजी
इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि 11 मई 1666 को छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा आए थे. आगरा किला में औरंगजेब और शिवाजी महाराज की मुलाकात दीवान-ए-खास में हुई थी. मगर, मुलाकात में उचित सम्मान नहीं मिलने पर छत्रपति शिवाजी ने नाराजगी जताई. इस पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने पहले शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को नजरबंद कर लिया और बाद में कैद कर लिया. इसके साथ ही इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब औरंगजेब में किया है.

यहां पर यादें संजोने की तैयारी
इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि, मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को जयपुर हाउस में कोठी मीना बाजार मैदान के समीप स्थित चौबेजी की कोठी में रखा था. लेकिन, शिवाजी बड़ी चतुराई के साथ अपने बेटे के साथ औरंगजेब की कैद से निकल गए थे. इसके साथ ही अन्य स्थानों से भी शिवाजी का इतिहास जुड़ा है. जिसका जिक्र भी इतिहासकारों ने अपनी किताबों में किया है. पुरातत्वविदों की मानें तो जयपुर के राजा रामसिंह की कोठी में शिवाजी महाराज को कैद करके रखने के सबूत हैं. जयपुर हाउस में अब कोठी मीनाबाजार है. जहां पर छत्रपति शिवाजी की यादें और इतिहास संजोने के लिए सीएम योगी ने एक और पहल की है. जिससे आगरा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

बिना साक्ष्य एएसआई ने खर्च किए 45 लाख रुपये
दरअसल, मुगल बादशाह औरंगजेब की ओर से आगरा किला में छत्रपति शिवाजी महाराज को बंधक बनाने की किंवदंती खूब प्रचलित है. इसी आधार पर साल 2003 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 45 लाख रुपये खर्च करके आगरा किला के वाटर गेट के नजदीक कोठरियों में शिवाजी की जेल बताकर संरक्षण किया. तब तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री जगमोहन उद्घाटन करने आने वाले थे. मगर, इतिहासकार राजकिशोर राजे ने इस पर आपत्ति जताई. इसके बाद केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम टल गया. इतना ही नहीं, आरटीआई में भी जानकारी मांगने पर एएसआई ने शिवाजी महाराज को आगरा किला में बंधक बनाए जाने का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होना बताया.

- साल 2015 में मुगल म्यूजियम बनाने की योजना बनी थी.
- शिल्पग्राम के नजदीक 5.9 एकड़ जमीन पर म्यूजियम का निर्माण हो रहा.
- 05 जनवरी 2016 को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने शिलान्यास किया था.
- 31 मई 2017 तक टाटा प्रोजेक्ट्स को म्यूजियम का निर्माण पूरा करना था.
- 141.89 करोड़ रुपये की लागत की योजना अब देरी से बढ़कर 172 करोड़ रुपये हुई.
- 14 सितंबर 2020 को सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी किया.
- 17 माह बाद भी नाम बदला गया. मगर, छत्रपति शिवाजी म्यूजियम अटका हुआ है.

छत्रपति शिवाजी म्यूजियम में यह होगा खास
- विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल नक्शे और उत्खनन की जानकारी मिलेगी.
- महाभारत काल में अग्रवन से लेकर मुगल शासन तक की पूरी जानकारी यहां पर मिलेगी.
- छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से जुड़े तथ्यों को गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा.
- गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल होंगे. जिनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी.
- वास्तुकला के बदलाव दिखाने को ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे.
- म्यूजियम में गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
- पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल की पच्चीकारी के बारे में जानकारी दी जाएगी.
- म्यूजियम में पुराने शहर, फैशन, मौसम और जनसंख्या के बारे में जानकारी मिलेगी.
- शहर की शिल्पकला, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग की जानकारी मिलेगी.

यूपी में राजनीति नाम बदलने और महापुरुषों के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है. भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेज के नेताओं के बीच खूब जुबानी घमासान होता है. मगर, हकीकत इसके उलट है. राजनैतिक रोटियां सेंकने वाले नेता महापुरुषों की यादें सहेजने में लापरवाह रहते हैं.

इसे भी पढे़ं- आगरा में शिवाजी के नाम पर एक और संग्रहालय बनाए जाने पर राजनीति शुरू

आगरा: हिंदू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज का आज जन्मदिन है. आगरा से शिवाजी महाराज का गहरा नाता रहा है. वे मुगलिया सल्तनल के बादशाह औरंगजेब से मिलने यहां आए थे. जहां पर औरंगजेब ने उन्हें पहले नजरबंद और बाद में कैद कर लिया था. वीर शिवाजी से जुड़े गौरवशाली इतिहास को सहजने को लेकर यूपी में खूब राजनीति होती है.

सीएम योगी ने 17 माह पहले आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज किया. यूपी विधानसभा चुनाव 2022 प्रचार में सीएम योगी ने किरावली, शमशाबाद और एत्मादपुर की जनसभा के मंच से छत्रपति शिवाजी म्यूजियम को अपनी उपलब्धि में गिनाया. इसके बाद आगरा विजय यात्रा लेकर आए सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी छत्रपति शिवाजी म्यूजियम को लेकर योगी सरकार को घेरा. जहां उन्होंने कहा कि नाम बदलने बदल दिया. मगर, एक रत्ती भी काम आगे नहीं बढ़ाया. म्यूजियम में लगाने के लिए आए उपकरण खस्ताहाल हो गए हैं. एससी और अन्य उपकरण की गारंटी खत्म हो गई. वे रखे रखे ही खराब हो रहे हैं. इतना ही नहीं, योगी सरकार ने बजट देना मुनासिब नहीं समझा. यही वजह है कि, अधूरा पड़ा म्यूजियम बजट की बाट जोह रहा है. ईटीवी भारत की छत्रपति शिवाजी के जन्मदिन पर पढे़ं स्पेशल रिपोर्ट...

छत्रपति शिवाजी जन्म दिवस

जून 2016 में तत्कालीन सपा सरकार ने आगरा को मुगल म्यूजियम की सौगात दी. सपा मुखिया व पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ​ताजमहल के पूर्वी गेट से 1400 मीटर की दूरी पर खुद म्यूजियम का शिलान्यास किया था. मगर, 2017 में सपा सरकार चली गई. इसके बाद बजट के अभाव और कोविड के चलते मार्च 2020 में 75 प्रतिशत काम के बाद निर्माणकार्य रुक ​गया. 14 सितंबर 2020 को सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम बदलकर छत्रपति शिवाजी महाराज कर दिया था. इससे खूब राजनीति गरमाई. ​यूपी के विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रचार करने आए सीएम योगी ने किरावली की जनसभा में छत्रपति शिवाजी म्यूजियम का नाम लिया. वहीं, आगरा आए सपा मुखिया पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर निशाना साधा.

शिवाजी ने रखी मराठा साम्राज्य की नींव
छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था. उनके पिता शाहजी भोंसले डेक्कन की सेना में सेनापति थे. उन्होंने भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी. शिवाजी महाराज एक अच्छे सेनानायक के साथ एक अच्छे कूटनीतिज्ञ भी थे. उन्होंने नौसेना भी तैयार की. साल 1676 में उन्हें छत्रपति की उपाधि से नवाजा गया था.

99 दिन औरंगजेब की कैद में रहे थे शिवाजी
इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि 11 मई 1666 को छत्रपति शिवाजी महाराज आगरा आए थे. आगरा किला में औरंगजेब और शिवाजी महाराज की मुलाकात दीवान-ए-खास में हुई थी. मगर, मुलाकात में उचित सम्मान नहीं मिलने पर छत्रपति शिवाजी ने नाराजगी जताई. इस पर मुगल बादशाह औरंगजेब ने पहले शिवाजी महाराज और उनके बेटे संभाजी को नजरबंद कर लिया और बाद में कैद कर लिया. इसके साथ ही इस पूरे घटनाक्रम का जिक्र इतिहासकार जदुनाथ सरकार ने अपनी किताब औरंगजेब में किया है.

यहां पर यादें संजोने की तैयारी
इतिहासकार राजकिशोर राजे बताते हैं कि, मुगल बादशाह औरंगजेब ने शिवाजी महाराज को जयपुर हाउस में कोठी मीना बाजार मैदान के समीप स्थित चौबेजी की कोठी में रखा था. लेकिन, शिवाजी बड़ी चतुराई के साथ अपने बेटे के साथ औरंगजेब की कैद से निकल गए थे. इसके साथ ही अन्य स्थानों से भी शिवाजी का इतिहास जुड़ा है. जिसका जिक्र भी इतिहासकारों ने अपनी किताबों में किया है. पुरातत्वविदों की मानें तो जयपुर के राजा रामसिंह की कोठी में शिवाजी महाराज को कैद करके रखने के सबूत हैं. जयपुर हाउस में अब कोठी मीनाबाजार है. जहां पर छत्रपति शिवाजी की यादें और इतिहास संजोने के लिए सीएम योगी ने एक और पहल की है. जिससे आगरा में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.

बिना साक्ष्य एएसआई ने खर्च किए 45 लाख रुपये
दरअसल, मुगल बादशाह औरंगजेब की ओर से आगरा किला में छत्रपति शिवाजी महाराज को बंधक बनाने की किंवदंती खूब प्रचलित है. इसी आधार पर साल 2003 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने 45 लाख रुपये खर्च करके आगरा किला के वाटर गेट के नजदीक कोठरियों में शिवाजी की जेल बताकर संरक्षण किया. तब तत्कालीन केंद्रीय पर्यटन मंत्री जगमोहन उद्घाटन करने आने वाले थे. मगर, इतिहासकार राजकिशोर राजे ने इस पर आपत्ति जताई. इसके बाद केंद्रीय मंत्री का कार्यक्रम टल गया. इतना ही नहीं, आरटीआई में भी जानकारी मांगने पर एएसआई ने शिवाजी महाराज को आगरा किला में बंधक बनाए जाने का कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं होना बताया.

- साल 2015 में मुगल म्यूजियम बनाने की योजना बनी थी.
- शिल्पग्राम के नजदीक 5.9 एकड़ जमीन पर म्यूजियम का निर्माण हो रहा.
- 05 जनवरी 2016 को तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने शिलान्यास किया था.
- 31 मई 2017 तक टाटा प्रोजेक्ट्स को म्यूजियम का निर्माण पूरा करना था.
- 141.89 करोड़ रुपये की लागत की योजना अब देरी से बढ़कर 172 करोड़ रुपये हुई.
- 14 सितंबर 2020 को सीएम योगी ने मुगल म्यूजियम का नाम छत्रपति शिवाजी किया.
- 17 माह बाद भी नाम बदला गया. मगर, छत्रपति शिवाजी म्यूजियम अटका हुआ है.

छत्रपति शिवाजी म्यूजियम में यह होगा खास
- विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल नक्शे और उत्खनन की जानकारी मिलेगी.
- महाभारत काल में अग्रवन से लेकर मुगल शासन तक की पूरी जानकारी यहां पर मिलेगी.
- छत्रपति शिवाजी महाराज के आगरा से जुड़े तथ्यों को गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा.
- गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल होंगे. जिनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी.
- वास्तुकला के बदलाव दिखाने को ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे.
- म्यूजियम में गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में भी जानकारी मिलेगी.
- पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल की पच्चीकारी के बारे में जानकारी दी जाएगी.
- म्यूजियम में पुराने शहर, फैशन, मौसम और जनसंख्या के बारे में जानकारी मिलेगी.
- शहर की शिल्पकला, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग की जानकारी मिलेगी.

यूपी में राजनीति नाम बदलने और महापुरुषों के इर्द गिर्द ही घूमती रहती है. भाजपा, सपा, बसपा और कांग्रेज के नेताओं के बीच खूब जुबानी घमासान होता है. मगर, हकीकत इसके उलट है. राजनैतिक रोटियां सेंकने वाले नेता महापुरुषों की यादें सहेजने में लापरवाह रहते हैं.

इसे भी पढे़ं- आगरा में शिवाजी के नाम पर एक और संग्रहालय बनाए जाने पर राजनीति शुरू

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