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विश्व हिंदी दिवस: विश्व को हिंदी भाषा का ताज पहना रहा आगरा का केंद्रीय हिंदी संस्थान

आगरा केंद्रीय हिंदी संस्थान करीब 60 सालों से हिंदी का प्रचार-प्रसार कर रहा है. इस संस्थान में अलग-अलग देशों के करीब 100 छात्र आते हैं और हिंदी भाषा बोलना, लिखना और पढ़ना सीखते हैं.

स्पेशल रिपोर्ट
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Published : Sep 14, 2021, 1:41 PM IST

आगरा: आज 14 सितंबर को देशभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा को लेकर जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मजबूती प्रदान करना है. इसी उद्देश्य को आगरा केंद्रीय हिंदी संस्थान (Agra Central Hindi Institute) साकार कर रहा है. इस संस्थान में पढ़ने के लिए देश-विदेश के कई छात्र आते हैं. यहां आए छात्र हिंदी बोलना, लिखना और पढ़ना सीखते हैं और यही हिंदी इन्हें रोजगार भी दिलाने का काम करती है.

हिंदी भाषा के प्रति विदेशी छात्रों की रुचि बढ़ी है. यही वजह है कि इस संस्थान में सत्र 2021-22 में सबसे ज्यादा 35 अफगानी स्टूडेंट और 18 चाइनीस छात्रों ने यहां दाखिला के लिए आवेदन किया है. 1961 के दशक से दुनियाभर में हिंदी का परचम लहरा रहा यह संस्थान देश-दुनिया के छात्रों के लिए रामबाण है. भारत को समझने-जानने के साथ-साथ व्यापार व रोजगार के लिए यह संस्थान एक मिसाल है.

स्पेशल रिपोर्ट
देश के साथ ही विदेशी छात्र-छात्राएं यहां हिंदी का पठन-पाठन करते हैं. इनका खर्च भारत सरकार की ओर से उठाया जाता है. छात्र यहां हिंदी भाषा से रूबरू होकर अपने देश में मंत्रालय और अन्य तमाम विश्वविद्यालयों में सरकारी नौकरी प्राप्त करते हैं. यही वजह है कि केंद्रीय हिंदी संस्थान से हिंदी पढ़ने और सीखने की रुचि विदेशी स्टूडेंट में बढ़ी है. हर साल 100 से भी ज्याया विदेशी छात्रों को यहां दाखिला दिया जाता है.

171 देश से मांगे थे स्टूडेंट्स के आवेदन

केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस साल सबसे ज्यादा 171 देशों के छात्र-छात्राओं को हिंदी पढ़ने और सीखने के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए 100 छात्रों को प्रवेश दिया गया है. इनमें कई ऐसे देश हैं जहां से पहली बार हिंदी सीखने और पढ़ने के लिए छात्रों ने प्रवेश लिया है. इनमें कोलंबिया, इक्वाडोर, स्वाजीलैंड, स्वीडन, थाईलैंड जैसे देश हैं.

कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि विश्व में सबसे ज्यादा चर्चा में अफगानिस्तान है. इस साल अफगानिस्तान के 35 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन आता है. जहां के 18 स्टूडेंट्स ने हिंदी पढ़ने और सीखने के लिए प्रवेश लिया है. शैक्षणिक सत्र 2021- 22 में इस बार 33 देशों के स्टूडेंट ने हिंदी पढ़ने के लिए दाखिला लिया है. पिछले सत्र में कोरोना संक्रमण के चलते विदेशी छात्र हिंदी पढ़ने के लिए आगरा नहीं आ रहे हैं. ऐसे छात्रों को ऑनलाइन हिंदी पढ़ाने और सिखाने की व्यवस्था की है. इस सत्र में ऑनलाइन हिंदी पढ़ने के लिए अब तक 62 स्टूडेंट में अपनी सहमति दी है.

भाषा ज्ञान के साथ नृत्य संगीत का भी ज्ञान
संस्थान की निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चलानी पड़ रही हैं. तीन जोन में बांटकर ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. पहले जोन की कक्षा सुबह आठ बजे से शुरू होती है. फिर दस बजे से डेढ़ बजे तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होती हैं. यदि स्टूडेंट्स की कुछ समस्याएं हैं तो मंगलवार और शुक्रवार को एक स्पेशल क्लास चलाई जाती है. इसमें छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जाता है.

ऑनलाइन क्लास से पहले प्रतिदिन पढ़ाई जाने वाली विषय वस्तु की सामग्री को पहले ही वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है. इसमें चित्र, चार्ट, फल का चित्र, रंगोली या अन्य के फोटोज शामिल हैं. इसके साथ ही ऑडियो और वीडियो कंटेंट भी वेबसाइट पर सहयोगी सामग्री के रूप में अपलोड कर दिया जाता है, जिससे स्टूडेंट्स उस विषय वस्तु की सहायक सामग्री को अच्छी तरह से समझ लें. फिर उन्हें पाठ पढ़ने में कोई परेशानी नहीं आएगी.

प्रो. बीना शर्मा कहती हैं कि संस्थान में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों को हिंदी पढ़ाने और सिखाने के अलावा गायन, वादन, नृत्य व योग की भी शिक्षा दी जाती है. इसमें तमाम विदेशी छात्र बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करते हैं. यहां पढ़ने वाले छात्र भारत की अच्छी छवि को लेकर अपने देश जाते हैं और फिर वहां पर हिंदी के साथ ही भारत के कल्चर और सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार करते हैं.

इसे भी पढ़े-हिंदी दिवस : भाषाई एकरूपता पर राजनीतिक टकराव और असंतोष नया नहीं

आगरा: आज 14 सितंबर को देशभर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य हिंदी भाषा को लेकर जागरूकता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे मजबूती प्रदान करना है. इसी उद्देश्य को आगरा केंद्रीय हिंदी संस्थान (Agra Central Hindi Institute) साकार कर रहा है. इस संस्थान में पढ़ने के लिए देश-विदेश के कई छात्र आते हैं. यहां आए छात्र हिंदी बोलना, लिखना और पढ़ना सीखते हैं और यही हिंदी इन्हें रोजगार भी दिलाने का काम करती है.

हिंदी भाषा के प्रति विदेशी छात्रों की रुचि बढ़ी है. यही वजह है कि इस संस्थान में सत्र 2021-22 में सबसे ज्यादा 35 अफगानी स्टूडेंट और 18 चाइनीस छात्रों ने यहां दाखिला के लिए आवेदन किया है. 1961 के दशक से दुनियाभर में हिंदी का परचम लहरा रहा यह संस्थान देश-दुनिया के छात्रों के लिए रामबाण है. भारत को समझने-जानने के साथ-साथ व्यापार व रोजगार के लिए यह संस्थान एक मिसाल है.

स्पेशल रिपोर्ट
देश के साथ ही विदेशी छात्र-छात्राएं यहां हिंदी का पठन-पाठन करते हैं. इनका खर्च भारत सरकार की ओर से उठाया जाता है. छात्र यहां हिंदी भाषा से रूबरू होकर अपने देश में मंत्रालय और अन्य तमाम विश्वविद्यालयों में सरकारी नौकरी प्राप्त करते हैं. यही वजह है कि केंद्रीय हिंदी संस्थान से हिंदी पढ़ने और सीखने की रुचि विदेशी स्टूडेंट में बढ़ी है. हर साल 100 से भी ज्याया विदेशी छात्रों को यहां दाखिला दिया जाता है.

171 देश से मांगे थे स्टूडेंट्स के आवेदन

केंद्रीय हिंदी संस्थान के कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि इस साल सबसे ज्यादा 171 देशों के छात्र-छात्राओं को हिंदी पढ़ने और सीखने के लिए आवेदन आमंत्रित किया गया था. शैक्षणिक सत्र 2021-22 के लिए 100 छात्रों को प्रवेश दिया गया है. इनमें कई ऐसे देश हैं जहां से पहली बार हिंदी सीखने और पढ़ने के लिए छात्रों ने प्रवेश लिया है. इनमें कोलंबिया, इक्वाडोर, स्वाजीलैंड, स्वीडन, थाईलैंड जैसे देश हैं.

कुलसचिव डॉ. चंद्रकांत त्रिपाठी ने बताया कि विश्व में सबसे ज्यादा चर्चा में अफगानिस्तान है. इस साल अफगानिस्तान के 35 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है. इसके बाद दूसरे नंबर पर चीन आता है. जहां के 18 स्टूडेंट्स ने हिंदी पढ़ने और सीखने के लिए प्रवेश लिया है. शैक्षणिक सत्र 2021- 22 में इस बार 33 देशों के स्टूडेंट ने हिंदी पढ़ने के लिए दाखिला लिया है. पिछले सत्र में कोरोना संक्रमण के चलते विदेशी छात्र हिंदी पढ़ने के लिए आगरा नहीं आ रहे हैं. ऐसे छात्रों को ऑनलाइन हिंदी पढ़ाने और सिखाने की व्यवस्था की है. इस सत्र में ऑनलाइन हिंदी पढ़ने के लिए अब तक 62 स्टूडेंट में अपनी सहमति दी है.

भाषा ज्ञान के साथ नृत्य संगीत का भी ज्ञान
संस्थान की निदेशक प्रो. बीना शर्मा ने बताया कि कोरोना के चलते ऑनलाइन कक्षाएं चलानी पड़ रही हैं. तीन जोन में बांटकर ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है. पहले जोन की कक्षा सुबह आठ बजे से शुरू होती है. फिर दस बजे से डेढ़ बजे तक ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होती हैं. यदि स्टूडेंट्स की कुछ समस्याएं हैं तो मंगलवार और शुक्रवार को एक स्पेशल क्लास चलाई जाती है. इसमें छात्रों की समस्याओं का समाधान किया जाता है.

ऑनलाइन क्लास से पहले प्रतिदिन पढ़ाई जाने वाली विषय वस्तु की सामग्री को पहले ही वेबसाइट पर अपलोड कर दिया जाता है. इसमें चित्र, चार्ट, फल का चित्र, रंगोली या अन्य के फोटोज शामिल हैं. इसके साथ ही ऑडियो और वीडियो कंटेंट भी वेबसाइट पर सहयोगी सामग्री के रूप में अपलोड कर दिया जाता है, जिससे स्टूडेंट्स उस विषय वस्तु की सहायक सामग्री को अच्छी तरह से समझ लें. फिर उन्हें पाठ पढ़ने में कोई परेशानी नहीं आएगी.

प्रो. बीना शर्मा कहती हैं कि संस्थान में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों को हिंदी पढ़ाने और सिखाने के अलावा गायन, वादन, नृत्य व योग की भी शिक्षा दी जाती है. इसमें तमाम विदेशी छात्र बढ़-चढ़कर प्रतिभाग करते हैं. यहां पढ़ने वाले छात्र भारत की अच्छी छवि को लेकर अपने देश जाते हैं और फिर वहां पर हिंदी के साथ ही भारत के कल्चर और सांस्कृतिक विरासत का प्रचार-प्रसार करते हैं.

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