आगरा: कीठम स्थित भालू संरक्षण केंद्र में मंगलवार का नज़ारा अलग था. केंद्र में कर्मचारियों ने भालुओं के लिए दावत का इंतजाम किया था. दावत थी भालुओं के मनपसंद फलों की और साथ में था शहद. अवसर था भारत-नेपाल सीमा से एक साल पहले तस्करों की कैद से मुक्त हुए भालू रान, जिम्मी, चार्ली, ऑथर और मोली की आज़ादी के जश्न का.
वाइल्ड लाइफ एसओएस ने झारखंड वन विभाग और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में एंटी पोचिंग अभियान में वन्यजीव तस्करों से पांच जीवित स्लॉथ भालू को पकड़ा था. इनकी आजादी का दो दिसम्बर को एक साल पूरा हो गया. सन् 2019 को पांच स्लॉथ भालू भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र से वन्य जीव तस्करों से झारखंड के देवगढ़ जिले में मुक्त कराए गए थे. तस्कर इन भालुओं को नेपाल लेकर जा रहे थे. भालू के पित्त, पित्ताशय और अन्य शरीर के अंगों का उपयोग चीनी पारंपरिक दवाओं में किया जाता है. इसलिए तस्करों के निशाने पर भालू रहते हैं. इन भालुओं को वक़्त रहते सुरक्षित रेस्क्यू करके मुक्त कराया गया.
आजाद कराए गए इन भालुओं के नाम बच्चों की पुस्तक श्रृंखला में लोकप्रिय ‘हैरी पॉटर’ के वीज़ली परिवार के नाम पर रख गये हैं. 3 से 11 साल के बीच की आयु वाले इस समूह में आर्थर और मौली समूह के वृद्ध भालू हैं, जबकि रॉन, जिन्नी और चार्ली आयु में काफी छोटे हैं.
वाइल्ड लाइफ एसओएस के वेटरनरी सर्विसेज के उप-निदेशक डॉ. एस. इलियाराजा का कहना है कि रेस्क्यू के समय भालू दयनीय स्थिति में थे. उनकी नाजुक थूथन को छेद दिया गया था. दांत तोड़ दिए गए थे. इसलिए उनका तत्काल उपचार किया गया था. सभी भालू के जीवन में सकारात्मक बदलाव किया गया है. पांचों भालुओं की आज़ादी की पहली वर्षगांठ पर कर्मचारियों ने उन्हें स्वादिष्ट मनपसंद फलों की दावत दी, जहां पर पांच भालुओं की आजादी का एक वर्ष सेलिब्रेट किया गया.
आगरा में है दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ भालू पुनर्वास केंद्र
आगरा स्थित भालू संरक्षण केंद्र विश्व का सबसे बड़ा स्लॉथ भालुओं का पुनर्वास केंद्र है. केंद्र में लगभग 200 स्लॉथ भालू हैं. बड़े-बड़े अलग अलग बाड़ों में रहते हैं. 165 एकड़ में भालू संरक्षण केंद्र फैला है, जिसे उत्तर प्रदेश वन विभाग के सहयोग से वाइल्ड लाइफ एसओएस संचालित करती है.