आगरा: जिले के बड़े जूता निर्यातक नजीर अहमद समेत 5 अन्य के खिलाफ हरिपर्वत थाना में मुकदमा दर्ज हुआ है. मुकदमा एडीए के अवर अभियंता ने दर्ज कराया है. जिसमें जूता निर्यातक व कांग्रेस नेता पर राजकाज में बाधा डालने, संयुक्त सर्वे टीम से अभद्रता, गाली गलौज, बंधक बनाने, नक्शा और फाइल फाड़ने जैसे आरोप लगाए गए हैं. जबकि, जूता निर्यातक ने अवर अभियंता पर दो लाख रुपये रिश्वत मांगने का आरोप लगाया है. हरिपर्वत थाना प्रभारी निरीक्षक अरविंद कुमार ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है.
आगरा में मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय रोड पर मौजा सुरजेपुर में जूता निर्यातक नजीर अहमद का 6000 वर्ग गज का प्लाट है. जो पुरातत्व विभाग की संरक्षित स्मारक के पास है. जूता निर्यातक नजीर अहमद ने अब अपने प्लॉट पर निर्माण कार्य के लिए एडीए से नक्शा पास कराने के लिए आवेदन और एएसआई से एनओसी मांगी है. जिस पर मंगलवार दोपहर में एएसआई के राघवेंद्र सिंह, क्षेत्रीय लेखपाल राजेश कुमार सिंह, एडीए के अवर अभियंता राजीव गोविल सर्वे करने के लिए जूता निर्यातक नजीर अहमद के प्लाट पर पहुंचे. टीम ने देखा कि प्लॉट में जहां निर्माण होना था, वो संरक्षित स्मारक से टीम ने 250 मीटर दूरी पर है. जबकि, जूता निर्यातक का कहना था कि निर्माण 300 मीटर की दूरी पर होना है. इस पर ही विवाद हो गया.
नक्शा फाड़ और बंधक बनाने का प्रयास: एडीए के अवर अभियंता राजीव गोविल की शिकायत पर हरिर्वत थाना पुलिस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेता और जूता निर्यातक नजीर अहमद और चार-पांच अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया. मुकदमा के मुताबिक, टीम जब मौके का सर्वे कर रही थी. इस दौरान नजीर अहमद और उनके साथ मौजूद लोगों ने विरोध किया. कहा कि आप क्यो आए हैं. किसने यहां पर आने दिया. जब उन्हें रोकने का चाहा तो उन्होंने प्लाट का गेट बंद कर दिया. उन्हें बंधक बनाने की कोशिश की. गाली गलौज की. अभद्रता की. राजस्व विभाग का नक्शा और पुरातत्व विभाग की फाइल फाड़ दी. सर्वे टीम ने इस पूरे मामले की जानकारी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम सदर परीक्षित खटाना को दी. कहा कि, आरोपियों ने रुपये मांगने की बात कहकर हंगामा किया. जिस पर ही हरिपर्वत थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है.
लेखपाल ने मांगी रिश्वत: वहीं, जूता निर्यातक नजीर अहमद का कहना है कि बिना रिश्वत लिए कोई काम नहीं करता है. लेखपाल ने दो लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी. जबकि, सभी विभागों से एनओसी भी मिल चुकी है. एएसआई की एनओसी नहीं मिली है. हमनें सर्वे टीम का वीडियो भी बनाया है. जो सबसे बडा सबूत है.
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