श्रावस्ती :13 साल पहले दो भाइयों का सिर काटकर जंगल में छिपाने वाले गैंगस्टर के तीन दोषियों को अपर सत्र न्यायाधीश ने सोमवार को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व एक दोषी को दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. सभी दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा.
अभियोजन अधिकारी विजय पाल ने बताया कि 26 नवंबर वर्ष 2011 को सिरसिया के थानाध्यक्ष रामनरायन पुलिस टीम के साथ क्षेत्र भ्रमण पर थे. इसी दौरान उन्हें पता चला कि शातिर अपराधी बदरुद्दीन खां अपने गैंग के सदस्यों बाबूदेई उर्फ मेराजुद्दीन व इबरार खां के साथ अपराध करने का आदी हो चुका है. इसके विरुद्ध कोई भी गवाही देने का साहस नहीं करता है. अभियोजन अधिकारी ने बताया कि गैंग मुखिया ने साथियों के साथ मिलकर 17 सितंबर वर्ष 2011 को हेमपुर बड़रहवा निवासी ननके खां व कुन्ने खां का सिर काट कर हत्या कर दी थी. इसके बाद दोनों के सिर जंगल में छिपा दिए थे. गैंग के मुखिया व सदस्यों के विरुद्ध गैंग चार्ट तैयार कर डीएम की ओर से गैंग चार्ट का अनुमोदन प्राप्त किया गया.
इस मामले में थानाध्यक्ष की तहरीर पर सभी के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप पत्र न्यायालय पर भेजा गया. मामले के विचारण व सुनवाई के बाद विशेष न्यायाधीश (गैंगस्टर एक्ट) निर्दोष कुमार ने दोषसिद्ध इबरार खां, पप्पू उर्फ शाहिद रजा व बदरुद्दीन को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास व दोषसिद्ध कुतबुद्दीन को दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.
मुजफ्फरनगर में नाबालिग के साथ दुष्कर्म मामले में आरोपी को 10 साल की सजा : मुजफ्फरनगर की विशेष पोक्सो एक्ट कोर्ट ने सोमवार को नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने के मामले में आरोपी असलम को 10 साल की सजा सुनाई है. साथ ही 11 हजार 500 का जुर्माना लगाया गया है. बता दें कि 2014 के नवंबर महीने में थाना क्षेत्र रतनपुरी के हुसैनाबाद भनवाड़ा गांव के निवासी आरोपी असलम द्वारा एक नाबालिग लड़की का अपहरण और दुष्कर्म किया गया था. दिसंबर 2014 में आरोपी ने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया था. इस मामले में पुलिस द्वारा 2015 के जनवरी में आरोपी असलम के खिलाफ कोर्ट में चर्ची दाखिल की गई थी. इस मामले में जितने भी गवाह और साक्ष्य जुटाए गए थे. सोमवार को विशेष पॉक्सो कोर्ट संख्या 2 के न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने आरोपी असलम को दोषी ठहराते हुए 10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई.