आगरा: ताजनगरी के जिला मुख्यालय से 28 किलोमीटर दूर स्थित शमशाबाद ब्लॉक में सपेरों की बस्ती है. इस बस्ती की आबादी दो हजार है. इस बस्ती के लोग गांवों में बीन बजाकर और सांपों का खेल दिखा करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं. वहीं बीन की धुन पर रोजी-रोटी कमाने वाले सपेरे जाति के बच्चों की जिंदगी संवारने का बीड़ा एक युवा ने उठाया है. इससे सपेरों की दुनिया में शिक्षा की बीन बजने लगी है.
इस बस्ती में अब हर घर में 'ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार', 'जॉनी जॉनी यस पापा', 'मछली जल की रानी है', जैसी तमाम कविताओं को बच्चे गाते मिल जाएंगे. ये सब बस्ती के युवा पवन की जिद से हो रहा है. पवन खुद ग्रेजुएशन करने के साथ ही बस्ती में शिक्षा की ज्योति जलाने के लिए पाठशाला लगाता है. वह बस्ती के बच्चों को सांप, नेवला और बीन से गिनती, जोड़ना और घटाना सिखाता है.
छात्रों ने सुनाईं अपनी दास्तां
छात्रा आरती ने बताया कि उसके दो भाई हैं. पिताजी बीन बजाते हैं और सांप का खेल दिखाते हैं. इसमें जो कमाई होती है, उससे हम लोगों की फीस जमा करते हैं और परिवार का खर्च चलता है. साथ ही ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार पोयम सुनाई.
दूसरे छात्र कपिल ने बाताया कि वह तीन भाई-बहन हैं. सभी पढ़ाई कर रहे हैं. पिताजी बीन बजाते हैं. और सांप का खेल दिखाते हैं.
तीसरे छात्र सौरव ने हिंदी के साथ ही अंग्रेजी की 'गुड मोर्निंग टू यू, हैलो मम्मी हैलो पापा आई लव यू'. यह पोयम सुनाई.
अब हमारे पुश्तैनी काम में गुजारा नहीं होता है. पढ़ने और लिखने से बच्चों का भविष्य बनेगा.
-ताहर सिंह, सपेरा
मेरी शुरू से पढ़ने की चाह ज्यादा थी. मैंने देखा कि अब आगे बीन बजाकर और सांप का खेल दिखाकर गुजर करना मुश्किल है. मैं ग्रेजुएशन कर रहा हूं. इसलिए मैंने सोचा कि बस्ती के बच्चों को पढ़ाऊं. गांव से पांच किलोमीटर दूर स्कूल है. इसीलिए मैंने इन बच्चों को पढ़ाने के लिए पहल की है. अब बच्चों को बीन बजाना और सांप का खेल दिखाना नहीं सिखाना चाहते हैं.
-पवन, सपेरा