आगराः यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर बसों को लेकर 48 घंटे तक कांग्रेस और यूपी सरकार के बीच घमासान चला. कांग्रेस का दावा है कि बसें उनके खर्चे पर यूपी में फंसे प्रवासी राजस्थानी मजदूरों को लाने के लिए चलाई जाने थी, जिनकी यूपी सरकार ने अनुमति नहीं दी, लेकिन ईटीवी भारत से बस के एक चालक ने किराए को लेकर चौंकाने वाला खुलासा किया, जिसे देखकर राजस्थान सरकार के चिकित्सा राज्य मंत्री सुभाष गर्ग खुद ईटीवी भारत के कैमरे के आगे आ गए और चालक को वहां से हटाने लगे. फिर भी ईटीवी भारत के कैमरे में बस चालक की पीड़ा कैद हो गई.
500 से ज्यादा बसें हाईवे पर खड़ी थीं
यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर 48 घंटे तक कांग्रेस की 500 से ज्यादा बसें हाईवे पर सड़क किनारे खड़ी रहीं, लेकिन आगरा जिला प्रशासन ने उन्हें अपने क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी. कांग्रेस नेताओं का दावा था कि बसों को किराए पर लाया गया है, लेकिन जब बस वापस होने लगी तो मंगलवार शाम को ईटीवी भारत ने बसों के चालकों से बात करना चाही और जानना चाहा कि उन्हें कितना किराया मिला है.
ईटीवी भारत के कैमरे के सामने एक बस चालक अनिल कुमार हकीकत बयां करने लगा तो मौके पर मौजूद राजस्थान सरकार के चिकित्सा राज्यमंत्री सुभाष गर्ग खुद आ गए और उन्होंने उसे कैमरे को दूर हटाने का प्रयास किया और चालक को भी अलग करना चाहा, लेकिन ईटीवी भारत के कैमरे में चालक अनिल कुमार ने कहा कि वे 3 दिन से यहां पर खड़ा है और यूपी सरकार ने आगरा की ओर जाने की अनुमति नहीं दी.
ईटीवी भारत ने जब चालाक से यह सवाल किया कि उसे कितना रुपया मिला तो उसने कहा कि अभी कोई रुपये नहीं मिले है. राजस्थान सरकार रुपये देगी. जब उससे पूछा कि कांग्रेस लेकर आई है तो पैसा राजस्थान सरकार कैसे देगी तो उसका फिर भी यहीं जवाब था बस का किराया राजस्थान सरकार की ओर से दिया जाएगा. इसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ता उस चालक को अपने साथ लेकर चले गए.