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आगरा में बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त, जानें क्या है विवाद - tomb of sand NOVEL

आगरा में रेत समाधि उपन्यास के लिए बुकर प्राइज से सम्मानित होने वाली गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त कर दिया गया है. इससे वह बहुत आहत हैं.

बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री
बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री
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Published : Jul 29, 2022, 11:05 PM IST

आगरा: ताजनगरी में बुकर प्राइज से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह कार्यक्रम निरस्त हो गया है. सम्मान समारोह का कार्यक्रम शनिवार शाम होना था. लेकिन, विरोध और मुकदमे को कारण सम्मान समारोह स्थगित किया गया है. इससे ताजनगरी के रंगकर्मी और साहित्यकार बेहद आहत हैं. गीतांजली श्री को उनेक उपन्यास रेत समाधि के लिए बुकर प्राइज मिला था.

बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री
बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री

बुकर प्राइज-2022 से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री का आगरा में सम्मान समारोह रखा था. 30 जुलाई (शनिवार) को होटल क्लार्क शिराज में सम्मान समारोह आयोजित होना था. वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल और हरविजय वाहिया बताया कि अब सम्मान समारोह निरस्त कर दिया गया है.

गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त
गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त
वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल ने बताया कि बुकर विजेता रेत समाधि उपन्यास के खि़लाफ सादाबाद (हाथरस) के संदीप कुमार पाठक ने कोतवाली में तहरीर दी है. इसमें भगवान शिव और माता पार्वती के संबंधों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखने का आरोप लगाया है. इसलिए संदीप कुमार पाठक ने उप्र के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अपनी तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. स्थानीय पुलिस ने उपन्यास का अध्ययन करने के बाद ही रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया है. वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में गीतांजलिश्री के हवाले से लिखा गया है कि बुधवार को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से आयोजित सम्मान में चंद उपद्रवियों ने रोड़े अटकने की कोशिश की थी. इन सब घटनाओं से मैं (गीतांजलिश्री) बहुत आहत हूं. इस उपन्यास को जबरन राजनितिक विवाद में घसीटा जा रहा है.

यह भी पढ़ें:गीतांजलि श्री को 'अंतरराष्ट्रीय बुकर प्राइज' मिलने पर मैनपुरी में मनाई गई खुशियां

उपन्यास में किए गए उल्लेख भारतीय मिथकीय और शास्त्रीय साहित्य का अभिन्न अंग हैं. जिन्हें इन शास्त्रीय वर्णनों से आपत्ति है, वे हिन्दू धर्म के प्रमुख मिथकीय ग्रंथों के विरुद्ध मुकददमें करने कोर्ट में जाएं. मैं इस समूचे घटनाक्रम से बहुत दुखी और आहत हूं. इसलिए कुछ समय तक किसी भी सार्वजानिक समारोहों में भाग नहीं लूंगी.

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आगरा: ताजनगरी में बुकर प्राइज से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह कार्यक्रम निरस्त हो गया है. सम्मान समारोह का कार्यक्रम शनिवार शाम होना था. लेकिन, विरोध और मुकदमे को कारण सम्मान समारोह स्थगित किया गया है. इससे ताजनगरी के रंगकर्मी और साहित्यकार बेहद आहत हैं. गीतांजली श्री को उनेक उपन्यास रेत समाधि के लिए बुकर प्राइज मिला था.

बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री
बुकर प्राइज अवार्डी गीतांजलि श्री

बुकर प्राइज-2022 से सम्मानित कथाकार गीतांजलि श्री का आगरा में सम्मान समारोह रखा था. 30 जुलाई (शनिवार) को होटल क्लार्क शिराज में सम्मान समारोह आयोजित होना था. वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल और हरविजय वाहिया बताया कि अब सम्मान समारोह निरस्त कर दिया गया है.

गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त
गीतांजलि श्री का सम्मान समारोह निरस्त
वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल ने बताया कि बुकर विजेता रेत समाधि उपन्यास के खि़लाफ सादाबाद (हाथरस) के संदीप कुमार पाठक ने कोतवाली में तहरीर दी है. इसमें भगवान शिव और माता पार्वती के संबंधों के विरुद्ध आपत्तिजनक टिप्पणियां लिखने का आरोप लगाया है. इसलिए संदीप कुमार पाठक ने उप्र के मुख्यमंत्री और पुलिस महानिदेशक से अपनी तहरीर पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है. स्थानीय पुलिस ने उपन्यास का अध्ययन करने के बाद ही रिपोर्ट दर्ज करने का आश्वासन दिया है. वरिष्ठ संस्कृतिकर्मी अनिल शुक्ल की ओर से जारी की गई विज्ञप्ति में गीतांजलिश्री के हवाले से लिखा गया है कि बुधवार को नई दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय शिक्षक संघ की ओर से आयोजित सम्मान में चंद उपद्रवियों ने रोड़े अटकने की कोशिश की थी. इन सब घटनाओं से मैं (गीतांजलिश्री) बहुत आहत हूं. इस उपन्यास को जबरन राजनितिक विवाद में घसीटा जा रहा है.

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उपन्यास में किए गए उल्लेख भारतीय मिथकीय और शास्त्रीय साहित्य का अभिन्न अंग हैं. जिन्हें इन शास्त्रीय वर्णनों से आपत्ति है, वे हिन्दू धर्म के प्रमुख मिथकीय ग्रंथों के विरुद्ध मुकददमें करने कोर्ट में जाएं. मैं इस समूचे घटनाक्रम से बहुत दुखी और आहत हूं. इसलिए कुछ समय तक किसी भी सार्वजानिक समारोहों में भाग नहीं लूंगी.

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