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आगरा: इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किए जाएंगे अकबर टॉम्ब के काले हिरण

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में स्थित अकबर टॉम्ब के काले हिरणों को अब इटावा लायन सफारी में शिफ्ट किया जाएगा. एक के बाद काले हिरणों की मौत की वजह से इन्हें इटावा लायन सफारी में शिफ्ट किया जाएगा. इसके लिए सेंट्रल जू अथॉरिटी की बैठक में अनुमति भी मिल चुकी है.

काले हिरणों को किया जाएगा स्थानांतरित
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Published : Oct 30, 2019, 9:56 AM IST

आगरा: मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम्ब से अब काले हिरणों को शिफ्ट किया जाएगा. अकबर टॉम्ब में वर्षों से काले हिरण रह रहे थे, लेकिन अब उनका यह आशियाना उनके लिए कब्रगाह बनता जा रहा था. बीते दो माह में चार काले हिरणों की मौत होने से एएसआई और जिला वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो अकबर टॉम्ब के काले हिरणों को इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाएगा. सेंट्रल जू अथॉरिटी की इस बारे में बैठक भी हो चुकी है. इसको लेकर वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

काले हिरणों को किया जाएगा स्थानांतरित.

अकबर टॉम्ब में अभी 78 से 80 काले हिरण हैं. आगरा का अकबर टॉम्ब 40 एकड़ में फैला हुआ है. शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का इन काले किरणों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. हिरणों को प्रकृति के अधिक नजदीक लाने के लिए 10 साल से कवायद चल रही है, क्योंकि काले हिरण दुर्लभ वन्यजीव की श्रेणी में आते हैं. अकबर टॉम्ब में काले हिरणों की लगातार मौत हो रही है. इससे अब इन्हें यहां से शिफ्ट करने पर वन विभाग जोर-शोर से तैयारियों में लगा हुआ है.

सन 2007-08 में हुई थी 40 काले हिरणों की मौत
बात सन 2007-2008 की है, जब अकबर टॉम्ब में काले हिरणों के बीच वायरस फैल गया था. इसके चलते एक के बाद एक काले हिरण मरने लगे. उस समय 40 काले हिरणों की मौत हुई थी. इसको लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हंगामा मचा था. फिर कई काले हिरणों को सियार ने शिकार बनाया था. तभी से लगातार अकबर टॉम्ब में काले हिरणों की संख्या घटती ही आ रही है.

इसे भी पढ़ें- इटावा: सफारी पार्क खोले जाने से पहले शुरू किया गया स्वच्छता अभियान

टूरिस्टों का आकर्षित करते हैं काले हिरण
सिकंदर के उद्यानों में विचरण करने वाले काले हिरण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटक हिरणों को उद्यानों में जब उछल कूद करते देखते हैं तो उनका रोमांच बढ़ जाता है. अब जब इन्हे यहां से शिफ्ट किया जाएगा तो पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी. अजमेर से अकबर टॉम्ब घूमने आईं पर्यटक डॉ. अंशुला सैन ने बताया कि यह सही बात है कि काले हिरण आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन इनकी जान बचाना और इनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है. सरकार की तरफ से इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है यह सही है, क्योंकि काले हिरण वन्य जीव की दुर्लभ प्रजाति हैं और इन्हें बचाना बहुत जरूरी है.

काले हिरण की खासियत

  • काला हिरण या कृष्णमृग बहुसिंगा की प्रजाति है.
  • यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है.
  • नर और मादा अलग-अलग रंग के होते हैं.
  • नर काले हिरण के सींग पेंचदार होती है.
  • नर में उपरी भाग का रंग काला या गाढ़ा भूरा होता है.
  • मादा काले हिरण हल्के भूरे रंग की होती हैं.

इटावा लॉयन सफारी होगा नया आशियाना
डीएफओ (सामाजिक वानिकी) मनीष मित्तल ने बताया कि अकबर टॉम्ब से जल्द ही काले हिरणों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. इस बारे में बीते दिनों सेंट्रल जू अथॉरिटी की बैठक भी हो चुकी है. अनुमति भी मिल गई है कि अकबर टॉम्ब से इन काले हिरणों को अब इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाए. पहले सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति नहीं मिलने की वजह से अभी तक काले हिरणों को शिफ्ट करना मुश्किल हो रहा था. जल्द ही इन्हें अकबर टॉम्ब से शिफ्ट कर दिया जाएगा.

अकबर टॉम्ब के काले हिरणों के शिफ्टिंग की योजना कई बार बनी है. पहले कानपुर फिर सन 2017 में इन हिरणों को मिर्जापुर के कैमूर सेंचुरी में शिफ्ट किया जाना था. आगरा से अधिक दूरी के चलते यहां से काले हिरण शिफ्ट नहीं किए गए, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान काले हिरणों की जान का खतरा बना रहता है.

आगरा: मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम्ब से अब काले हिरणों को शिफ्ट किया जाएगा. अकबर टॉम्ब में वर्षों से काले हिरण रह रहे थे, लेकिन अब उनका यह आशियाना उनके लिए कब्रगाह बनता जा रहा था. बीते दो माह में चार काले हिरणों की मौत होने से एएसआई और जिला वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो अकबर टॉम्ब के काले हिरणों को इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाएगा. सेंट्रल जू अथॉरिटी की इस बारे में बैठक भी हो चुकी है. इसको लेकर वन विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.

काले हिरणों को किया जाएगा स्थानांतरित.

अकबर टॉम्ब में अभी 78 से 80 काले हिरण हैं. आगरा का अकबर टॉम्ब 40 एकड़ में फैला हुआ है. शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का इन काले किरणों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. हिरणों को प्रकृति के अधिक नजदीक लाने के लिए 10 साल से कवायद चल रही है, क्योंकि काले हिरण दुर्लभ वन्यजीव की श्रेणी में आते हैं. अकबर टॉम्ब में काले हिरणों की लगातार मौत हो रही है. इससे अब इन्हें यहां से शिफ्ट करने पर वन विभाग जोर-शोर से तैयारियों में लगा हुआ है.

सन 2007-08 में हुई थी 40 काले हिरणों की मौत
बात सन 2007-2008 की है, जब अकबर टॉम्ब में काले हिरणों के बीच वायरस फैल गया था. इसके चलते एक के बाद एक काले हिरण मरने लगे. उस समय 40 काले हिरणों की मौत हुई थी. इसको लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हंगामा मचा था. फिर कई काले हिरणों को सियार ने शिकार बनाया था. तभी से लगातार अकबर टॉम्ब में काले हिरणों की संख्या घटती ही आ रही है.

इसे भी पढ़ें- इटावा: सफारी पार्क खोले जाने से पहले शुरू किया गया स्वच्छता अभियान

टूरिस्टों का आकर्षित करते हैं काले हिरण
सिकंदर के उद्यानों में विचरण करने वाले काले हिरण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटक हिरणों को उद्यानों में जब उछल कूद करते देखते हैं तो उनका रोमांच बढ़ जाता है. अब जब इन्हे यहां से शिफ्ट किया जाएगा तो पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी. अजमेर से अकबर टॉम्ब घूमने आईं पर्यटक डॉ. अंशुला सैन ने बताया कि यह सही बात है कि काले हिरण आकर्षण का केंद्र हैं, लेकिन इनकी जान बचाना और इनकी सुरक्षा भी बहुत जरूरी है. सरकार की तरफ से इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई गई है यह सही है, क्योंकि काले हिरण वन्य जीव की दुर्लभ प्रजाति हैं और इन्हें बचाना बहुत जरूरी है.

काले हिरण की खासियत

  • काला हिरण या कृष्णमृग बहुसिंगा की प्रजाति है.
  • यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है.
  • नर और मादा अलग-अलग रंग के होते हैं.
  • नर काले हिरण के सींग पेंचदार होती है.
  • नर में उपरी भाग का रंग काला या गाढ़ा भूरा होता है.
  • मादा काले हिरण हल्के भूरे रंग की होती हैं.

इटावा लॉयन सफारी होगा नया आशियाना
डीएफओ (सामाजिक वानिकी) मनीष मित्तल ने बताया कि अकबर टॉम्ब से जल्द ही काले हिरणों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. इस बारे में बीते दिनों सेंट्रल जू अथॉरिटी की बैठक भी हो चुकी है. अनुमति भी मिल गई है कि अकबर टॉम्ब से इन काले हिरणों को अब इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाए. पहले सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति नहीं मिलने की वजह से अभी तक काले हिरणों को शिफ्ट करना मुश्किल हो रहा था. जल्द ही इन्हें अकबर टॉम्ब से शिफ्ट कर दिया जाएगा.

अकबर टॉम्ब के काले हिरणों के शिफ्टिंग की योजना कई बार बनी है. पहले कानपुर फिर सन 2017 में इन हिरणों को मिर्जापुर के कैमूर सेंचुरी में शिफ्ट किया जाना था. आगरा से अधिक दूरी के चलते यहां से काले हिरण शिफ्ट नहीं किए गए, क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान काले हिरणों की जान का खतरा बना रहता है.

Intro:एक्सक्लुसिव का लोगो लगा कर प्रसारित करें, क्योंकि यह खबर ऑफिशियल बाइट के साथ, सिर्फ ईटीवी भारत के पास है.

सर श्री शैलेंद्र जी के ध्यानार्थ....

आगरा.
मुगलकाल की ऐतिहासिक इमारत अकबर टॉम्ब से अब काले हिरण को शिफ्ट किया जाएगा. अकबर टॉम्ब में बरसों से काले हिरण रह रहे थे, लेकिन अब उनका यह आशियाना उनके लिए कब्रगाह बनता जा रहा था. बीते दो माह में चार काले हिरण की मौत होने से एएसआई और जिला वन विभाग के अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वन विभाग के अधिकारियों की मानें तो अकबर टॉम के काले हिरणों को इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाएगा. सेंट्रल जू अथॉरिटी की इस बारे में बैठक भी हो चुकी है. इसको लेकर बनी विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं.



Body:अकबर टॉम्ब में अभी 78 से 80 काले हिरण हैं. 40 एकड़ में अकबर टॉम्ब है. शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन का इन काले किरणों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है. हिरणों प्रकृति के अधिक नजदीक लाने के लिए 10 साल से कवायद चल रही है. क्योंकि हिरण काले हिरण दुर्लभ वन्यजीव की श्रेणी में आते हैं. अकबर टॉम्ब में काले हिरण की लगातार मौत हो रही है. इससे अब इन्हें यहां से शिफ्ट करने पर वन विभाग जोर-शोर से तैयारियों में लगा हुआ है.

सन् 2007-08 में हुई थी 40 किले हिरण की मौत
बात सन् 2007 2008 की है. अकबर टॉम्ब में में काले हिरणों के बीच में वायरस फैल गया था. इसके चलते एक के बाद एक काले हिरन मरने लगे. तब 40 काले हिरणों की मौत हुई थी. जिसको लेकर लखनऊ से दिल्ली तक हंगामा मचा था. फिर कई काले हिरणों को सियार (जैकाल) ने शिकार बनाया था. तभी से लगातार अकबर टॉम में काले हिरणों की संख्या घटती ही आ रही है.

टूरिस्टों का आकर्षित करते हैं
सिकंदर के उद्यानों में विचरण करने वाले काले हरण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र हैं. पर्यटक हिरणों को उद्यानों में जब उछल कूद करते देखते हैं तो उनका रोमांच बढ़ जाता है. लेकिन जब अब इन्हे यहां से शिफ्ट किया जाएगा तो पर्यटकों को मायूसी हाथ लगेगी. अजमेर से अकबर टॉम्ब घूमने आई पर्यटक डॉ. अंशुला सैन ने बताया कि यह सही बात है कि काले हिरण आकर्षण का केंद्र है. लेकिन इनकी जान बचाना और सुरक्षा भी बहुत जरूरी है. सरकार की तरफ से इन्हें शिफ्ट करने की योजना बनाई है. यह सही है. क्योंकि काले हिरण वन्य जीव की दुर्बल दुर्लभ प्रजाति है. और इन्हें बचाना बहुत जरूरी है.

यह है खासियत
-काला हिरण या कृष्णमृग बहुसिंगा की प्रजाति है.
- यह भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है.
-नर और मादा अलग-अलग रंग के होते हैं.
- नर काले हिरण के सींग पेंचदार होते हैं.
-नर में उपरी भाग का रंग काला या गाढ़ा बुरा होता है.
- मादा काले हिरण हल्के भूरे रंग की होते हैं.

इटावा लॉयन सफारी नया आशियाना
डीएफओ (सामाजिक वानिकी) मनीष मित्तल ने बताया कि, अकबर टॉम्ब से जल्द ही काले हिरणों को शिफ्ट कर दिया जाएगा. इस बारे में बीते दिनों सेंट्रल जू अथॉरिटी की बैठक भी हो चुकी है. अनुमति भी मिल गई है, कि अकबर टॉम्ब से इन काले हिरण को अब इटावा लॉयन सफारी में शिफ्ट किया जाए. पहले सेंट्रल जू अथॉरिटी की अनुमति नहीं मिलने की वजह से अभी तक काले हिरणों को शिफ्ट करना मुश्किल हो रहा था. लेकिन जल्द ही इन्हें अकबर टॉम से शिफ्ट कर दिया जाएगा. इन्हें शिफ्ट करने के लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं.



Conclusion:अकबर टॉम्ब के काले हिरणों को शिफ्टिंग की योजना कई बनी हैं. पहले कानपुर, फिर सन् 2017 में इन हिरण को मिर्जापुर के कैमूर सेंचुरी में शिफ्ट किया जाना था. आगरा से अधिक दूरी के चलते यहां से काले हिरण शिफ्ट नहीं किए गए. क्योंकि ट्रांसपोर्टेशन के दौरान काले हिरणों की जान का खतरा बना रहता है.

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पहली बाइट डॉ. अंशुला सैन, पर्यटक (अजमेर, राजस्थान) ।
दूसरी बाइट मनीष मित्तल, डीएफओ (सामाजिक वानिकी) ।

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श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
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