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सोनभद्र में तिहरा हत्याकांड मामला; कोर्ट ने तीन नक्सलियों को सुनाई उम्रकैद की सजा

Court News : अर्थदंड न देने पर भुगतनी होगी 4-4 माह की अतिरिक्त कैद.

कोर्ट ने तीन नक्सलियों को सुनाई उम्रकैद की सजा
कोर्ट ने तीन नक्सलियों को सुनाई उम्रकैद की सजा (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 21, 2024, 10:52 PM IST

सोनभद्र : तिहरे हत्याकांड में दोषी तीन नक्सलियों को अपर सत्र न्यायाधीश ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर सभी दोषियों को 4-4 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भी भुगतनी होगी. न्यायालय ने यह भी कहा है कि दोषियों द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा में ही समाहित होगी.


अभियोजन पक्ष के वकील विनोद कुमार पाठक के मुताबिक, सोनभद्र के पन्नूगंज थाना क्षेत्र में करीब 20 वर्ष पूर्व हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) जितेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोष सिद्ध पाकर दोषी कुख्यात नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा समेत तीन नक्सलियों को उम्रकैद व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भी भुगतनी होगी और साथ ही जेल में बिताई अवधि भी सजा में ही समाहित की जाएगी.

यह था पूरा घटनाक्रम : अभियोजन पक्ष के मुताबिक, संजय सिंह निवासी ग्राम केतार ने 22 दिसंबर 2004 को पन्नूगंज थाने में दी तहरीर देकर बताया था कि उसके नाना जयकरन सिंह की हत्या वर्ष 1994 में सुनील सिंह निवासी पुरना कला सोनभद्र ने कर दी थी. इसके बाद आरोपी सुनील सिंह की भी वर्ष 1997 में हत्या हो गई थी. इस हत्याकांड में स्वयं वह, उसके पिता शिव सिंह और परिचित नन्दलाल गिरी भी नामजद थे, तीनों ही जमानत पर चल रहे थे. इसी रंजिश को लेकर 21 दिसम्बर 2004 शाम साढ़े छह बजे मनोज सिंह निवासी ग्राम पुरनाकला 6-7 की संख्या में राइफल, बन्दूक और लाठी लेकर घर में घुस गए और उसके पिता शिव सिंह और छोटे भाई धनंजय को पकड़ कर हाथ पीछे बांधकर दरवाजे पर लाकर रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद करीब आधा किमी दूर चितविसराव गांव निवासी नन्दलाल गिरी जो शुभचिंतक और दोस्त थे, उनकी भी गोली मारकर उन्हीं लोगों ने हत्या कर दी थी. इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी.

अभियोजन पक्ष के वकील विनोद कुमार पाठक के मुताबिक, मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू, राकेश उर्फ भोला पाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषी सिद्ध पाकर दोषी नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू व राकेश उर्फ भोला पाल को उम्रकैद व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. कोर्ट ने कहा कि जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की.

यह भी पढ़ें : हत्या के मामले में कोर्ट ने 2 नक्सलियों को सुनाई उम्रकैद की सजा, 23 साल पहले पुलिस ने एक को ढेर करने का किया था दावा

यह भी पढ़ें : दुर्दांत नक्सली लालव्रत को आजीवन कारावास की सजा, 85 मुकदमें हैं दर्ज

सोनभद्र : तिहरे हत्याकांड में दोषी तीन नक्सलियों को अपर सत्र न्यायाधीश ने उम्रकैद की सजा सुनाई है. कोर्ट ने प्रत्येक दोषी पर 30 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर सभी दोषियों को 4-4 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भी भुगतनी होगी. न्यायालय ने यह भी कहा है कि दोषियों द्वारा जेल में बिताई अवधि सजा में ही समाहित होगी.


अभियोजन पक्ष के वकील विनोद कुमार पाठक के मुताबिक, सोनभद्र के पन्नूगंज थाना क्षेत्र में करीब 20 वर्ष पूर्व हुए तिहरे हत्याकांड के मामले में गुरुवार को सुनवाई करते हुए अपर सत्र न्यायाधीश (प्रथम) जितेंद्र कुमार द्विवेदी की अदालत ने दोष सिद्ध पाकर दोषी कुख्यात नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा समेत तीन नक्सलियों को उम्रकैद व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई. न्यायालय ने यह भी आदेश दिया है कि अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद की सजा भी भुगतनी होगी और साथ ही जेल में बिताई अवधि भी सजा में ही समाहित की जाएगी.

यह था पूरा घटनाक्रम : अभियोजन पक्ष के मुताबिक, संजय सिंह निवासी ग्राम केतार ने 22 दिसंबर 2004 को पन्नूगंज थाने में दी तहरीर देकर बताया था कि उसके नाना जयकरन सिंह की हत्या वर्ष 1994 में सुनील सिंह निवासी पुरना कला सोनभद्र ने कर दी थी. इसके बाद आरोपी सुनील सिंह की भी वर्ष 1997 में हत्या हो गई थी. इस हत्याकांड में स्वयं वह, उसके पिता शिव सिंह और परिचित नन्दलाल गिरी भी नामजद थे, तीनों ही जमानत पर चल रहे थे. इसी रंजिश को लेकर 21 दिसम्बर 2004 शाम साढ़े छह बजे मनोज सिंह निवासी ग्राम पुरनाकला 6-7 की संख्या में राइफल, बन्दूक और लाठी लेकर घर में घुस गए और उसके पिता शिव सिंह और छोटे भाई धनंजय को पकड़ कर हाथ पीछे बांधकर दरवाजे पर लाकर रायफल से गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद करीब आधा किमी दूर चितविसराव गांव निवासी नन्दलाल गिरी जो शुभचिंतक और दोस्त थे, उनकी भी गोली मारकर उन्हीं लोगों ने हत्या कर दी थी. इस तहरीर पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली थी.

अभियोजन पक्ष के वकील विनोद कुमार पाठक के मुताबिक, मामले की विवेचना करते हुए विवेचक ने पर्याप्त सबूत मिलने पर कोर्ट में नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू, राकेश उर्फ भोला पाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी. मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुनने, गवाहों के बयान व पत्रावली का अवलोकन करने पर दोषी सिद्ध पाकर दोषी नक्सली मुन्ना विश्वकर्मा, मुन्नू व राकेश उर्फ भोला पाल को उम्रकैद व 30-30 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है. अर्थदंड न देने पर 4-4 माह की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. कोर्ट ने कहा कि जेल में बिताई अवधि सजा में समाहित की जाएगी. इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सरकारी वकील विनोद कुमार पाठक ने बहस की.

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