आगरा : स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से ताजनगरी में लोगों की जीवनशैली स्मार्ट बनाने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा रहा है. स्मार्ट सिटी का माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट ताजनगरी के ऐतिहासिक जरदोजी के कारीगरों का हुनर निखार कर उन्हें रोजगार दे रहा है.
माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से जुड़ीं हुनरमंद महिलाएं रक्षाबंधन पर जरदोजी वर्क की आकर्षक और फैशनेबल राखियां तैयार कर रहीं हैं. खासकर ताजगंज क्षेत्र में स्वयं सहायता समूह की हुनरमंद महिलाओं की राखियां आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं. यह लोगों को खूब पसंद आ रहीं हैं. यह सुंदर और आकर्षक रेशम की डोर वाली राखियां भाई की कलाई की शोभा बढ़ाने के साथ ही भाई-बहन के रिश्तों को और मजबूत करेगी.
ताजनगरी की मुगलकालीन जरदोजी दुनियांभर में मशहूर है. हुनरमंदों की कल्पना जब कपड़े पर उतरती है तो उसकी खूबसूरती देखकर देशी विदेशी सैलानी भी कायल हो जाते हैं. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से ताजनगरी की जरदोजी कला को और पंख लगाने का काम किया जा रहे है. इससे हुनरमंदों के हुनर को पहचान के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर भी बनाया जा सके.
जरी वर्क से खूबसूरत बन रही राखियां
गुलफ्शा का कहना है कि मैंने इस बार राखी में जरी वर्क का काम किया है. हम चार महिलाएं मिलकर जरी वर्क की राखियां बना रहीं हैं. कहा कि वह राखी की डिजाइन बना देतीं हैं. इसके बाद दूसरी महिला उसमें चेन बनाती हैं तो कोई उसे आकर्षक बनाने का काम करतीं हैं.
एक राखी बनाने में करीब एक घंटे का समय लगता है. इन राखियों की खासियत यह है कि इनमें जरी का काम किया गया है. इसलिए इन्हें बनाने में काफी मेहनत लगती है. इमराना का कहना है कि वह पहले राखी की डिजाइन तैयार करते हैं.
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इसके साथ ही डिजाइन के लिए एक-दूसरे से चर्चा भी करते हैं ताकि राखी की डिजाइन आकर्षक बने. फिर डिजाइन फाइनल करते हैं. बताया कि वे लोग दिन में सौ से डेढ़ सौ तक का ही काम कर पातीं हैं. राखियों के साथ ही वे जरदोजी में हाथी, घोड़े, गमले, फूल, ताजमहल सहित अन्य आइटम भी तैयार करते हैं.
ऑफलाइन बेच रहे राखियां
स्मार्ट सिटी के माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का काम देख रही आदर्श सेवा समिति के प्रोजेक्ट मैनेजर आलोक कुमार सक्सेना ने बताया कि ताजगंज क्षेत्र में माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के तहत 2018 से चल रहा है. आगरा की जरदोजी कला बहुत ही मशहूर है.
रक्षाबंधन पर हमने बाजारों में देखा कि मशीनों से बनी राखियां आ गईं हैं. इस पर हमने माइक्रो स्किल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट से जुड़े महिलाओं के स्वयं सहायता समूह से बात की. उन्हें समझाया कि जरदोजी का काम करके राखी बनाएं.
इस पर स्वयं समूह से जुड़ी महिला और पुरुष ने जरदोजी की सुंदर राखियां बनाई हैं. जरदोजी की राखी बनाने में समय बहुत लगता है. अभी तक 150 राखियां बनकर तैयार हुई हैं. इनमें से 100 राखियां हम ऑफलाइन बेच चुके हैं.
इन डिजाइन में बनाई राखियां
ताजनगरी में जरदोजी के हैंडवर्क से बनाई जा रही राखियों की डिजाइन भी यूनिक हैं. हुनरमंद महिलाएं अपनी क्रिएटिविटी से आकर्षक राखियां बना रही हैं. इन राखियों की डिजाइन बेहद खूबसूरत हैं. यह राखियां स्वास्तिक, ऊं, ब्रो, फूल, पत्तियां, स्टार्स सहित अन्य डिजाइन की बनी हैं.
उत्तर प्रदेश के आगरा में रक्षाबंधन के लिए जरी वर्क करके राखी बनाई जा रही है जो देखने में आकर्षक और खूबसूरत हैं. यह राखियां जरदोजी का काम करने वाली महिलाएं तैयार कर रहीं हैं. ये ट्रेंडी और फेशनेबल भी हैं.