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सीएम योगी की घोषणा के ढाई साल बाद भी 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' अधूरा

आगरा में योगी सरकार ने राजधानी लखनऊ की तरह वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांचने की प्लानिंग की थी. यह ऑटोमेटिक फिटनेस करीब 807.93 लाख रुपए की लागत में बनना है. तय अवधि से अब ज्यादा समय हो गया मगर, अभी सेंटर निर्माण का काम अधूरा है. इससे अभी भी आगरा में परिवहन विभाग मैन्युअल ही वाहनों की फिटनेस जांच करने को मजबूर है. इससे वाहनों की फिटनेस में तमाम खामियां रह जाती हैं.

'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' अधूरा
'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' अधूरा
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Published : Jul 15, 2021, 5:50 PM IST

आगरा : सीएम योगी की घोषणा के बाद आगरा के छलेसर में छत्ताघर के पास ऑटोमेटिक 'इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर' की नींव 15 फरवरी-2019 को रखी गई. 807.93 लाख रुपए की लागत में यह सेंटर 31 मार्च-2020 को बनकर तैयार होना था. पहले ही वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच करने वाले 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' का काम धीमी गति से चल रहा था. फिर मार्च-2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन से काम रुक गया.

एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, लखनऊ में प्रदेश का पहला वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच का सेंटर बनाने का काम पीपीपी मोड पर शुरू हुआ था. उसी की तर्ज पर आगरा और कानपुर में भी ऑटोमेटिक फिटनेस जांच सेंटर बनाए जा रहे हैं. आगरा में भी 2019 में पीपीपी मोड पर वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांचने के लिए 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' काम शुरू हुआ. यहां पर मशीनों से वाहनों की ऑटोमेटिक ही फिटनेस जांच होगी. जिसमें वाहनों के इंजन, ब्रेक और हेड लाइट सहित अन्य जांच मशीनों से ऑटोमेटिक होगी. इसके बाद वाहन मालिक को प्रमाण पत्र मिलता. इस ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर का भवन बनकर लगभग तैयार हो चुका है, लेकिन अभी यहां पर सड़क निर्माण का काम बाकी है. इसके लिए लगभग तीन चौथाई बजट भी निर्गत हो चुका है.

ढाई साल बाद भी 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' नहीं हुआ पूरी तरह तैयार


वाहनों की जांच के लिए बनाए जा रहे लिए 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' में चार मशीनें लगाई जानी हैं. जहां मशीनें लगेंगी उस जगह दीवार बनाई जा चुकी है. टीनशेड भी पड़ गया है. लेकिन, अभी तक वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस की जांच करने वाली मशीनों की पिट नहीं बनाई गई है. क्योंकि, मशीनों की लंबाई और चौड़ाई कितनी होगी ?, इसकी डिटेल शासन की ओर से कार्यदायी संस्था से साझा नहीं की गई है. इस वजह से मशीनों की पिट बनाने का काम रुका हुआ है.

एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच करने वाले सेंटर की मॉनिटरिंग परिवहन विभाग करेगा. वहां पर विभाग से एक आरआई और अन्य स्टाफ की नियुक्ति होगी, जो इस पूरे सेंटर की कार्य प्रणाली पर नजर रखेंगे. जबकि, वाहनों की फिटनेस जांच का काम पीपीपी मोड पर होगा.

इसे भी पढ़ें-जापान आज भारत के सबसे विश्वसनीय दोस्तों में से एक है : पीएम मोदी

परिवहन विभाग की ओर से ट्रांसपोर्ट नगर में वाहनों की फिटनेस की जांच की जाती है. परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मैन्युअली वाहनों की फिटनेस जांच करते हैं. विभाग के पास फिटनेस जांच कराने आने वाले वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह भी नहीं है. आईएसबीटी बस स्टैंड परिसर में विभाग की ओर से वाहनों को खड़ा करके मैन्युअल फिटनेस जांच की जाती है. यहां पर देखा जाए तो फिटनेस जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है.

आगरा : सीएम योगी की घोषणा के बाद आगरा के छलेसर में छत्ताघर के पास ऑटोमेटिक 'इंस्पेक्शन एवं सर्टिफिकेशन सेंटर' की नींव 15 फरवरी-2019 को रखी गई. 807.93 लाख रुपए की लागत में यह सेंटर 31 मार्च-2020 को बनकर तैयार होना था. पहले ही वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच करने वाले 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' का काम धीमी गति से चल रहा था. फिर मार्च-2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से लगे लॉकडाउन से काम रुक गया.

एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, लखनऊ में प्रदेश का पहला वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच का सेंटर बनाने का काम पीपीपी मोड पर शुरू हुआ था. उसी की तर्ज पर आगरा और कानपुर में भी ऑटोमेटिक फिटनेस जांच सेंटर बनाए जा रहे हैं. आगरा में भी 2019 में पीपीपी मोड पर वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांचने के लिए 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' काम शुरू हुआ. यहां पर मशीनों से वाहनों की ऑटोमेटिक ही फिटनेस जांच होगी. जिसमें वाहनों के इंजन, ब्रेक और हेड लाइट सहित अन्य जांच मशीनों से ऑटोमेटिक होगी. इसके बाद वाहन मालिक को प्रमाण पत्र मिलता. इस ऑटोमेटिक फिटनेस सेंटर का भवन बनकर लगभग तैयार हो चुका है, लेकिन अभी यहां पर सड़क निर्माण का काम बाकी है. इसके लिए लगभग तीन चौथाई बजट भी निर्गत हो चुका है.

ढाई साल बाद भी 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' नहीं हुआ पूरी तरह तैयार


वाहनों की जांच के लिए बनाए जा रहे लिए 'इंस्पेक्शन एंड सर्टिफिकेशन सेंटर' में चार मशीनें लगाई जानी हैं. जहां मशीनें लगेंगी उस जगह दीवार बनाई जा चुकी है. टीनशेड भी पड़ गया है. लेकिन, अभी तक वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस की जांच करने वाली मशीनों की पिट नहीं बनाई गई है. क्योंकि, मशीनों की लंबाई और चौड़ाई कितनी होगी ?, इसकी डिटेल शासन की ओर से कार्यदायी संस्था से साझा नहीं की गई है. इस वजह से मशीनों की पिट बनाने का काम रुका हुआ है.

एआरटीओ (प्रशासन) अनिल कुमार सिंह का कहना है कि, वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच करने वाले सेंटर की मॉनिटरिंग परिवहन विभाग करेगा. वहां पर विभाग से एक आरआई और अन्य स्टाफ की नियुक्ति होगी, जो इस पूरे सेंटर की कार्य प्रणाली पर नजर रखेंगे. जबकि, वाहनों की फिटनेस जांच का काम पीपीपी मोड पर होगा.

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परिवहन विभाग की ओर से ट्रांसपोर्ट नगर में वाहनों की फिटनेस की जांच की जाती है. परिवहन विभाग के अधिकारी व कर्मचारी मैन्युअली वाहनों की फिटनेस जांच करते हैं. विभाग के पास फिटनेस जांच कराने आने वाले वाहनों को खड़ा करने के लिए जगह भी नहीं है. आईएसबीटी बस स्टैंड परिसर में विभाग की ओर से वाहनों को खड़ा करके मैन्युअल फिटनेस जांच की जाती है. यहां पर देखा जाए तो फिटनेस जांच के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति होती है.

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