प्रयागराज : इलाहाबाद हाईकोर्ट में सोमवार को पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से आए न्यायमूर्ति मनोज बजाज और आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से आए न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश ने शपथ ग्रहण किया. वहीं माफिया मुख्तार अंसारी के साले की कोर्ट ने जमानत अर्जी मंजूर कर ली है.
मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने न्याय कक्ष में आयोजित सादे समारोह में उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति की शपथ ग्रहण कराई. शपथ ग्रहण के बाद दोनों न्यायाधीशों ने न्यायिक कार्य भी किया. शपथ ग्रहण समारोह में हाईकोर्ट के अन्य न्यायाधीश, अधिवक्ता, न्यायिक अधिकारी आदि उपस्थित रहे.
सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट से स्थानांतरित होकर आए न्यायमूर्ति मनोज बजाज का जन्म 1966 में करनाल में हुआ था. 1992 में विधि स्नातक करने के बाद उन्हों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में वकालत शुरू की. 2009 में पंजाब सरकार ने उन्हें अपर महाधिवक्ता नियुक्त किया. 2018 में उन्होंने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के अपर न्यायाधीश की शपथ ग्रहण की. सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश पर पिछले दिनों उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट स्थानांतरित कर दिया गया.
न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश थे सरकार के वकील: आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट से स्थानांतरित न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश का जन्म आंध्र प्रदेश में चित्तौर जिले के कामापल्ली गांव में 1965 में हुआ था. इनके पिता डीवी नारायणा नायडू पंचायत राज विभाग में इंजीनियर थे. 1990 में विधि स्नातक करने के बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में वकालत शुरू की. वर्ष 2000 से 2004 तक वह आंध्र प्रदेश सरकार के वकील भी रहे. वर्ष 2014 में स्पेशल काउंसिल नियुक्त हुए. वर्ष 2020 में उन्होंने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में अपर न्यायाधीश की शपथ ली थी.
मुख्तार के छोटे साले आतिफ की जमानत मंजूर: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के छोटे साले आतिफ रजा की विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कब्जे के मामले में जमानत अर्जी मंजूर कर ली है. यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज भाटिया ने दिया है. विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कब्जे के मामले में आतिफ रजा के खिलाफ गाजीपुर कोतवाली में गत 10 मई को आईपीसी की धारा 420 386 और 506 के तहत एफआईआर दर्ज कराई गई थी. इस मुकदमे में मुख्तार अंसारी की बीवी अफशांं अंसारी भी अभियुक्त हैं. शिकायतकर्ता मसूद ने आरोप लगाया कि आतिफ रजा ने उनकी विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी पर कब्जा कर लिया है. मसूद ने बताया कि विकास कंस्ट्रक्शन कंपनी उन्होंने 2008 में बनाई थी. लेकिन उन्हें धमकी देकर कंपनी पर कब्जा कर लिया. इस मामले में आतिफ रजा लखनऊ जेल में बंद है. जबकि आतिफ के बड़े भाई अनवर शहजाद को 26 जून को जमानत मिल चुकी है.
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