आगरा: शहर का सबसे पुराना पुराना और सबसे बड़ा खाद्य थोक बाजार मोतीगंज शुक्रवार को बंद रहा. व्यापारियों ने गुरुवार को बैठक के बाद बाजार बंद रखने का फैसला लिया था. व्यापारियों की मांग है कि प्रदेश में मंडी शुल्क लगने से भ्रष्टाचार और महंगाई बढ़ी है. प्रदेश में इंस्पेक्टर राज की वापसी हो गई है. व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है. पीएम मोदी और सीएम योगी से मांग की गई है कि मंडी शुल्क वापस लिया जाए वरना बाजार अनिश्चितकाल के लिए बंद कर देंगे. साथ ही चुनाव का भी बहिष्कार करेंगे.
आगरा की मोतीगंज मंडी से खाद्य सामग्री फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी, एटा, अलीगढ़, कासगंज, हाथरस के साथ ही राजस्थान के भरतपुर व धौलपुर और मध्य प्रदेश के भिंड व मुरैना भेजी जाती है. यहां से रोज लाखों का कारोबार होता है.
श्री मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति के पदाधिकारियों और व्यापारियों का कहना है कि प्रदेश सरकार ने मंडी शुल्क लागू कर दिया है. इससे व्यापारियों का उत्पीड़न हो रहा है. इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
श्री मोतीगंज खाद्य व्यापार समिति के महामंत्री विष्णु स्वरूप अग्रवाल ने बताया कि सभी व्यापारियों ने एकजुट होकर बाजार बंद रखा है. किसी भी सूरत में व्यापारियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मंडी शुल्क से भ्रष्टाचार और इंस्पेक्टर राज की फिर से वापसी हो गई है.
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व्यापारी डा. संत कुमार मंगल ने बताया कि मंडी शुल्क लगने से किराना, मेवा, सुपारी, काली मिर्च और मसालों पर फर्क पड़ेगा. इससे चीजें महंगी होंगी. भ्रष्टाचार की वजह से सामान महंगा बिकेगा और महंगाई आसमान छुएगी. व्यापारियों की लिखापढ़ी बढ़ेगी.
सचल दल की ओर से व्यापारियों का उत्पीड़न किया जाएगा. इस वजह से व्यापारी प्रदेश में मंडी शुल्क समाप्त करने और मंडी के अंदर कार्य करने वाले व्यापारियों को लाइसेंस जारी करने की मांग कर रहे हैं. अगर ऐसा नहीं होता है तो आगे आने वाले चुनाव में इसका असर दिखाई देगा.
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