आगरा: जैसलमेर के लाठी पोखरण में चल रहे युद्धाभ्यास के दौरान मंगलवार रात चाहर बाटी का लाल शहीद हो गया. वह बीएसएफ के सिपाही थे. सूचना मिलते ही गांव सहित आस-पास के क्षेत्रों में शोक की लहर है. गुरुवार को शहीद का पार्थिव शरीर गांव पहुंचेगा.
क्षेत्र में शोक की लहर
चाहर बाटी का लाल जैसलमेर के लाठी पोखरण में युद्धाभ्यास के दौरान मंगलवार रात बीएसएफ का जवान शहीद हो गया. परिजनों के अनुसार, मंगलवार रात को लाठी पोखरण में युद्धाभ्यास चल रहा था. फील्ड फायरिंग रेंज में तोप का बैरल फटने से यह हादसा हुआ. सतीश कुमार चाहर सहित तीन जवान मौके पर ही शहीद हो गए. वहीं उनके दो साथी गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनका इलाज सेना के अस्पताल में चल रहा है.
2010 में भर्ती हुए थे सतीश चाहर
परिजनों का कहना है कि सतीश चाहर अगस्त 2010 में बीएसएफ में भर्ती हुए थे. बचपन से ही सतीश के मन में देश सेवा का भाव था. सतीश चाहर की वर्तमान में तैनाती गुजरात के भुज में थी. सतीश युद्धाभ्यास के लिए पोखरण जैसलमेर गया थे. शहीद के पिता क्षत्रपाल सिंह ने बताया कि मंगलवार रात लगभग दस बजे सूचना मिली कि हादसे में सतीश और दो तीन दोस्त घायल हुए हैं.
परिजनों को बेटे पर गर्व
शहीद सतीश के परिजनों को उन पर गर्व है. शहीद के छोटे भाई सोनवीर सिंह अपने पिता के साथ खेती संभालते हैं. तीसरा भाई गुरुदेव सिंह उर्फ गुड्डा इस समय इंडियन एयर फोर्स में देश सेवा कर रहे हैं. सभी भाइयों में देश सेवा का जज्बा बना हुआ है. सबसे छोटा भाई संदीप सेना में जाने की तैयारी कर रहा है. पिता छत्रपाल ने बताया कि वह अपने छोटे बेटे को भी देश सेवा भेजने के लिए तैयार हैं. अगर मौका मिला तो उनका छोटा बेटा भी देश की सेवा करेगा. सतीश की एक 8 वर्ष की बिटिया भी है. इस समय परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.