आगरा: ताजनगरी में यमुना नदी के पोइया घाट की तलहटी पर बोर्ड लगाने को लेकर शुक्रवार को जिला प्रशासन और सत्संगी आमने-सामने आ गए. जिला प्रशासन टीम को सत्संगियों ने डूब क्षेत्र में लगा बोर्ड हटाने से इनकार कर दिया. इसके बाद जिला प्रशासन और सत्संगियों के बीच तनाव बढ़ गया. विवाद के बाद जिला प्रशासन की टीम डूब क्षेत्र में लगा राधा स्वामी सत्संग सभा का बोर्ड हटाए बिना ही लौट गई. इस विवाद के बाद सत्संगियों ने मौके से एक झोपड़ी हटा ली.
बता दें कि, दो दिन पहले सोशल मीडिया पर कुछ फोटो और एक वीडियो वायरल हुआ था. जिसमें राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से पोइया घाट के पास यमुना की तलहटी में बैकुंठ धाम का बोर्ड और झोपड़ी बनाकर कब्जे करने का था. वायरल वीडियो पर जिला प्रशासन ने संज्ञान लिया. जिसके चलते तहसीलदार सदर रजनीश वाजपेयी ने भारी पुलिस बल के साथ बुधवार को बोर्ड और झोपड़ी हटावा दी. गुरुवार को सीएम योगी की आगरा में जनसभा को लेकर प्रशासन और पुलिस व्यवस्था में व्यस्त रहे. इस वजह से मौके से अन्य समान नहीं हटवाया जा सका था.
सत्संग सभा ने फिर लगा दिया बोर्ड: प्रशासन और पुलिस के जाने के बाद गुरुवार को ही राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से फिर से बोर्ड लगा दिया. साथ ही मौके पर झोपड़ी भी रख दी गई. शुक्रवार की सुबह सूचना पर जिला प्रशासन की टीम मौके पर पुलिस बल के साथ पहुंच गई. जिला प्रशासन की टीम ने फिर से बोर्ड हटवाने का प्रयास किया. जिसके बाद सत्संगियों ने जिला प्रशासन की टीम से विवाद हो गया. इसके बाद आगरा के एसीएम प्रथम ने बोर्ड हटाने की बात कही. जिसके बाद सत्संगियों ने बोर्ड हटाने से इनकार कर दिया. सत्संगियों ने कहा कि जब तक इस सभा के प्रेसीडेंट का आदेश नहीं होगा. वे न बोर्ड हटाएंगे और न ही किसी को हटाने देंगे.
यमुना में कर रहे सफाईः इस बारे में राधास्वामी सत्संग सभा के मीडिया प्रभारी एसके नैयर ने बतयाा कि, सभा की ओर से जो डूब क्षेत्र में बोर्ड लगाया है. उस पर अपना स्वामित्व नहीं लिखा है. डूब क्षेत्र को वह कब्जा नहीं कर रहे हैं. बल्कि यमुना में सफाई कर रहे हैं.
पोइया घाट क्षेत्र में सफाई और शोध जैसा काम नहींः एसीएम प्रथम संजीव कुमार शाक्य ने बताया कि, राधा स्वामी सत्संग सभा की ओर से यमुना में सफाई और शोध करने की बात कही जा रही है. लेकिन उन्होंने इसकी कोई अनुमति नहीं ली है. न ही पोइया घाट पर सफाई और शोध जैसा कोई काम दिखाई दे रहा है. उनसे बोर्ड और निर्माण हटाने को कहा गया. लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी है. मामले की जानकारी आगरा डीएम को दी गई है. इसके साथ ही इसकी रिपोर्ट भी डीएम की सौंपी जाएगी.
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