आगरा: नगर निगम की ओर से कराए गए ज्योग्राफिकल इन्फॉरमेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे में 1.42 लाख मकान बढ़े हैं. अब नगर निगम की ओर से 97 हजार मकान मालिकों को गृहकर जमा करने के लिए नोटिस भेजी है. इसमें सर्वाधिक 19 हजार व्यवसायिक संपत्तियां ताजगंज की हैं. इसमें होटल, रेस्टोरेंट, एंपोरियम और दुकानें शामिल हैं. लेकिन, जीआईएस सर्वे को लेकर सवाल उठ रहे हैं. तमाम आपत्तियां भी नगर निगम को मिल रही हैं. नगर निगम की ओर से निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन से जीआईएस सर्वे कराया गया है. जीआईएस सर्वे में यह संपत्तियां बढ़कर अब 4.92 लाख हो गई हैं. इसको लेकर नगर निगम हाउस टैक्स जमा कराने के लिए लगातार नोटिस भेज रहा है.
निजी कंपनी साईं कंस्ट्रक्शन के कराए गए जीआईएस सर्वे को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं. तमाम लोग अपनी आपत्तियां लेकर नगर निगम के जोनल कार्यालय और मुख्यालय पहुंच रहे हैं. लोगों का कहना है कि कंपनी के कर्मचारियों ने सर्वे में हर शटर को दुकान बताकर उसे व्यवसाय कर की श्रेणी में डाला है. इसके साथ ही जिन बहुमंजिला भवनों में नीचे दुकान और ऊपर मकान है. फिर भी पूरी इमारत को व्यवसायिक घोषित की गई है. ऐसी शिकायतें लगातार नगर निगम कार्यालय में पहुंच रही हैं. इसको लेकर नगर आयुक्त ने सत्यापन के लिए एक टीम का भी गठन किया है, जो शिकायत पर मौके पर पहुंचकर सत्यापन करती है. टीम नगर निगम के रिकॉर्ड और जीआईएस सर्वे रिपोर्ट का मिलान करती है. पुराने रिकॉर्ड देखकर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे का कहना है कि सर्वे में एक लाख संपत्तियां शहर में बड़ी हैं. इनसे नगर निगम को करीब 112 करोड़ रुपये का हाउस टैक्स मिलेगा. नगर निगम की ओर से लगातार मकान मालिकों को हाउस टैक्स जमा कराने के लिए नोटिस भेजा जा रहा है. इस सर्वे को लेकर तमाम आपत्तियां भी मिल रही हैं. मकान मालिक आपत्तियां 30 दिन में कार्यालय में दाखिल कर सकते हैं.
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