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पीएम मोदी ने आगरा के मार्बल इनले कला को दिया मंच, कोरोना की मार झेल रहे मुगल कालीन मार्बल हैंडीक्राफ्ट को मिलेगी रफ्तार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इटली में आगरा के मार्बल इनले कला को नई पहचान दी है. बता दें कि जर्मनी में आयोजित किए गए जी-7 समिट के दौरान पीएम मोदी ने इटली के पीएम को मार्बल इनले (marble inlay work agra) टेबल टॉप उपहार में दिया था.

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आगरा का मार्बल इनले कला और मार्बल पर काम करते कारोबारी
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Published : Jul 7, 2022, 1:48 PM IST

आगरा: पीएम मोदी ने जर्मनी में आयोजित जी-7 समिट (G-7 Summit) में इटली के पीएम को दिए गए मार्बल इनले (marble inlay work agra) टेबल टॉप से आगरा की मुगल कालीन मार्बल हैंडीक्राफ्ट की कला को नया मंच दिया है. पीएम मोदी के इस कदम की मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार (marble handicraft business) से जुड़े सैकड़ों लोग सराहना कर रहे हैं. क्योंकि, इससे आगरा के हैंडीक्राफ्ट कारोबारी और हैंडीक्राफ्ट कारीगरों की उम्मीदें बढ़ी हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबर से जुड़ें लोगों ने कहा कि 2020 तक आगरा में करीब 500 करोड़ रुपये का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार था. जो कोरोना के बाद शिखर से शून्य पर आ गया. पीएम मोदी के इस कदम से मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार को रफ्तार मिलेगी. मुगल शहंशाह शाहजहां ने जब आगरा में मोहब्बत की निशानी ताजमहल का निर्माण कराया तो ताजमहल की दीवारों पर बेहद खूबसूरत इनले वर्क कराया. जो ताजमहल के सफेद संगमरमरी हुस्न में चार चांद लगाते हैं. मुगलकाल में मार्बल इनले वर्क कराने के लिए विदेशी कारीगर बुलाए गए थे. तभी से आगरा मार्बल हैंडीक्राफ्ट का केंद्र बना हुआ है. आज भी यहां पर मुगलिया काल जैसा ही मार्बल इनले वर्क होता है.

आगरा के मार्बल इनले कला पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

मुगलकालीन है मार्बल इनले वर्क की कला

मार्बल हैंडीक्राफ्ट शोरूम के मैनेजर मोहम्मद इकबाल का कहना है कि जर्मनी में पीएम मोदी ने डूबती हुई आर्ट को बचाने के लिए बेहद सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने इटली के पीएम को मार्बल इनले टेबल टॉप उपहार में दिया है. इससे हमें बहुत उम्मीदें हैं. इससे आगरा के मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबर को रफ्तार मिलेगी. यह मुगलकालीन कला है. जब शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण कराया था तब ईरान और अन्य देशों से मार्बल इनले वर्क के जानकार कारीगर बुलाए गए थे. जो यहीं पर रह गए. यहां पर उन्होंने काम किया. इससे यहां पर मार्बल इनले की कला आई और इसकी पहचान दुनियाभर में बनी.

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मार्बल हैंडीक्राफ्ट की वस्तुएं

यह भी पढ़ें: केदारनाथ पैदल मार्ग पर बेटे की मौत के बाद मां की दर्दभरी अपील, इंसाफ की मांग

कोरोना से पहले था 500 करोड़ रुपये का कारोबर

मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि पीएम मोदी ने आगरा के मार्बल को एक नया मंच दिया है. कोरोना की वजह से आगरा का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार बुरे दौर से गुजर रहा है. अभी भी इसका कारोबार ठीक नहीं चल रहा है. कोरोना से पहले करीब 500 करोड़ रुपये का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार था. मगर, अभी यह आधे से भी काफी कम है. उन्होंने कहा कि अभी भी आगरा के तमाम मार्बल हैंडीक्राफ्ट शोरूम बंद हैं. मगर, पीएम मोदी ने जर्मनी में जो इटली के पीएम को मार्बल इनले वर्क का टेबल टॉप उपहार में दिया है. इससे आगरा के मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार को नई पहचान और मंच मिला है.

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मार्बल का बना ताज महल

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आगरा: पीएम मोदी ने जर्मनी में आयोजित जी-7 समिट (G-7 Summit) में इटली के पीएम को दिए गए मार्बल इनले (marble inlay work agra) टेबल टॉप से आगरा की मुगल कालीन मार्बल हैंडीक्राफ्ट की कला को नया मंच दिया है. पीएम मोदी के इस कदम की मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार (marble handicraft business) से जुड़े सैकड़ों लोग सराहना कर रहे हैं. क्योंकि, इससे आगरा के हैंडीक्राफ्ट कारोबारी और हैंडीक्राफ्ट कारीगरों की उम्मीदें बढ़ी हैं.

ईटीवी भारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबर से जुड़ें लोगों ने कहा कि 2020 तक आगरा में करीब 500 करोड़ रुपये का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार था. जो कोरोना के बाद शिखर से शून्य पर आ गया. पीएम मोदी के इस कदम से मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार को रफ्तार मिलेगी. मुगल शहंशाह शाहजहां ने जब आगरा में मोहब्बत की निशानी ताजमहल का निर्माण कराया तो ताजमहल की दीवारों पर बेहद खूबसूरत इनले वर्क कराया. जो ताजमहल के सफेद संगमरमरी हुस्न में चार चांद लगाते हैं. मुगलकाल में मार्बल इनले वर्क कराने के लिए विदेशी कारीगर बुलाए गए थे. तभी से आगरा मार्बल हैंडीक्राफ्ट का केंद्र बना हुआ है. आज भी यहां पर मुगलिया काल जैसा ही मार्बल इनले वर्क होता है.

आगरा के मार्बल इनले कला पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

मुगलकालीन है मार्बल इनले वर्क की कला

मार्बल हैंडीक्राफ्ट शोरूम के मैनेजर मोहम्मद इकबाल का कहना है कि जर्मनी में पीएम मोदी ने डूबती हुई आर्ट को बचाने के लिए बेहद सराहनीय कार्य किया है. उन्होंने इटली के पीएम को मार्बल इनले टेबल टॉप उपहार में दिया है. इससे हमें बहुत उम्मीदें हैं. इससे आगरा के मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबर को रफ्तार मिलेगी. यह मुगलकालीन कला है. जब शाहजहां ने ताजमहल का निर्माण कराया था तब ईरान और अन्य देशों से मार्बल इनले वर्क के जानकार कारीगर बुलाए गए थे. जो यहीं पर रह गए. यहां पर उन्होंने काम किया. इससे यहां पर मार्बल इनले की कला आई और इसकी पहचान दुनियाभर में बनी.

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कोरोना से पहले था 500 करोड़ रुपये का कारोबर

मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबारी सुरेंद्र यादव का कहना है कि पीएम मोदी ने आगरा के मार्बल को एक नया मंच दिया है. कोरोना की वजह से आगरा का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार बुरे दौर से गुजर रहा है. अभी भी इसका कारोबार ठीक नहीं चल रहा है. कोरोना से पहले करीब 500 करोड़ रुपये का मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार था. मगर, अभी यह आधे से भी काफी कम है. उन्होंने कहा कि अभी भी आगरा के तमाम मार्बल हैंडीक्राफ्ट शोरूम बंद हैं. मगर, पीएम मोदी ने जर्मनी में जो इटली के पीएम को मार्बल इनले वर्क का टेबल टॉप उपहार में दिया है. इससे आगरा के मार्बल हैंडीक्राफ्ट कारोबार को नई पहचान और मंच मिला है.

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